언어
आपका स्वागत है
खेद है
क्या पासवर्ड भूल गए है? / रजिस्टर
आइडी सहेजें
पहला पन्ना » जीवन का सत्य » टेक्स्ट उपदेश
जीवन का सत्यमीडिया उपदेश टेक्स्ट उपदेश सत्य की पुस्तकें बाइबल के प्रश्न एवं उत्तर
पृष्ठ »
हाल ही में, हमारे स्वर्गीय परिवार के बहुत से सदस्य सिय्योन में वापस लौट रहे हैं, और परमेश्वर हमें संसार की हर जगह में सिय्योन स्थापित करने की अनुमति दे रहे हैं। जैसे कि बाइबल में भविष्यवाणी की गई थी, पूरा संसार अब सुसमाचार की पुकार से भर गया है।(हब 2:14; मत 24:12) इस वर्तमान समय में, जब पूरा संसार परमेश्वर के वचनों से भर रहा है, आइए हम इसके बारे में सोचें कि हम सुसमाचार का प्रचार करने के लिए कितने ऊंचे स्वर से पुकार रहे हैं। हमें सुसमाचार का प्रचार करने से हिचकिचाना नहीं चाहिए; यदि हम हिचकनेवाले हैं, तो हमें सदा के लिए उसका अफसोस रहेगा। डर के साथ प्रचार करने में परमेश्वर के आशीर्वाद गंवाने का खतरा रहता है, लेकिन बिना ...
यदि हम मनुष्य भोजन न खाएं, तो हम कुछ भी अच्छे से नहीं कर सकते; हम न तो कुछ सोच सकते हैं और न ही अपने उद्देश्य और योजनाओं को पूरा कर सकते हैं। आत्मिक रूप से भी ऐसा ही है। यदि हम आत्मिक भोजन न खाएं, तो हम उन आत्मिक कार्यों को शालीनतापूर्वक नहीं कर सकते जिनकी हम आशा करते हैं। बाइबल हमें इस बात का एहसास करने में सहायता करती है कि परमेश्वर का वचन हमारे लिए जीवन का भोजन है, और उसमें हमारी आत्माओं को नया करने की शक्ति है। यीशु ने हमें सिखाया है कि, “नाशवान् भोजन के लिए परिश्रम न करो, परन्तु उस भोजन के लिये जो अनन्त जीवन तक ठहरता है।”(यूह 6:27) इससे उनका मतलब था कि हमें नाशवान् भोजन का, यानी सांसारिक चीजों का पीछा करके, परमेश्व...
जब कभी हम किसी समस्या का सामना करते हैं, तब हम उससे मदद मिलने की उम्मीद करते हैं जो हमें ऐसा दिखता है कि वह समस्या को सुलझा देगा, और हम उस पर निर्भर हो जाते हैं। पृथ्वी की वस्तुएं स्वर्ग की वास्तविक वस्तुओं की छाया है।(इब्र 8:5) फिर भी, जब हम कुछ करते हैं, तो हम अक्सर छाया का पालन करने की कोशिश करते हैं। छाया का पालन करना किसी काम का नहीं है। हमें वास्तविकता का पालन करना चाहिए। वह परमेश्वर हैं जो सुसमाचार के कार्य का नेतृत्व करते हैं और उसे पूरा करते हैं। इस पृथ्वी पर सब कुछ तभी हासिल किया जा सकता है जब परमेश्वर स्वर्ग में उसकी मंजूरी देते हैं। कोई भी अपनी बुद्धि, काबिलियत या शक्ति से परमेश्वर का काम नहीं कर सकता...
अब¸ आइए हम समय निकालकर सोचें कि हम कितने आशीषित हैं कि हम अपने विश्वास के जीवन में परमेश्वर के वचन के अनुसार चुना हुआ जीवन जीते हैं¸ ताकि हम परमेश्वर के वचन का पालन करके और हर समय वह चुनाव करके जिससे पिता और माता प्रसन्न हों¸ स्वर्ग जा सकें। मूसा¸ अब्राहम¸ नूह¸ आदम और हव्वा से लेकर पतरस¸ यूहन्ना और याकूब जैसे यीशु के चेलों तक¸ जब हम अपने विश्वास के पूर्वजों के जीवन को देखते हैं, तो उन सभों ने अपना जीवन चुनाव से जिया। जंगल की यात्रा के दौरान¸ इस्राएलियों ने अपने जीवन के हर समय में नकारात्मक चुनाव करके अपना समय व्यर्थ गंवाया। हमारे जीवन के साथ भी ऐसा ही है। जीवन चुनावों की श्रृंखला है। हर पल¸ हर मिनट¸ हम ज...
शब्दों का एक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व होता है। हम अक्सर देखते हैं कि लोग जो बोलते हैं वह इस बात का कारण बनता है कि वे दूसरों का विश्वास खो देते हैं जिसे उन्होंने उस समय तक हासिल किया, और वह लोगों के बीच परस्पर भरोसे के टूट जाने का कारण भी बन सकता है। बिना बात किए जीवन जीना असंभव है। यदि हम दूसरों से बात करते हैं, हम क्या कहने जा रहे हैं, हमें इसके बारे में सावधान रहने की जरूरत है और सुननेवालों की भावनाओं को भी ध्यान में रखना चाहिए। हमें सोचना चाहिए कि सुननेवाले इसके बारे में क्या सोचेंगे, उनके विश्वास पर इसका क्या असर पड़ेगा, और यह क्या परिणाम सामने लाएगा। शब्द जो बिना सोचे समझे कहे जाते हैं या शब्द जो एक से दूसरे ...
जब भी शरद ऋतु आती है, हम सड़कों पर ‘जिनको’ पेड़ों के पीले रंग के पत्तों को देख सकते हैं, जो एक सुंदर वातावरण बनाते हैं। जब हम ध्यान से पेड़ों को देखते हैं, उनमें से कुछ में अधिक फल लटके होते हैं, और कुछ दूसरों में एक भी फल नहीं होता। यह इसलिए है क्योंकि उनमें नर ‘जिनको’ पेड़ और नारी ‘जिनको’ पेड़ होते हैं, और केवल नारी पेड़ पर ही फल लगते हैं। सभी चीजों के सृष्टिकर्ता परमेश्वर की ईश्वरीय योजना बहुत ही गहरी है।(प्रक 4:11) सभी जीवित प्राणी अपनी माता के द्वारा जीवन पाते हैं और फल फलते हैं। सिय्योन में, परमेश्वर ने हमें सुसमाचार का फल फलने की अनुमति दी है; हम तभी फल फल सकते हैं जब हम माता का हृदय रखते हुए आत्मत्याग से अपने भाइयों औ...
परमेश्वर के मानव जाति को बाइबल देने का अभिप्राय हमारी आत्मा का उद्धार है। इसलिए बाइबल के द्वारा हमें निश्चय ही हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर से मिलना चाहिए। बाइबल में अनेक दृष्टान्त हैं। उनमें से उत्पत्ति ग्रंथ में लिखा अदन वाटिका का इतिहास हमें यह बताता है कि मानव स्वर्ग में क्या पाप करके इस धरती पर गिरा दिया गया है। यदि हम इस दृष्टान्त में छिपे सच्चे अर्थ को समझ लें तो हम मृत्यु की जंजीर को, जिससे मानव बांधा हुआ है, उधेड़ सकते हैं। जैसा परमेश्वर ने कहा, “तुम्हें यह प्रदान किया गया है कि स्वर्ग के राज्य के भेदों को जानो, परन्तु उन्हें नहीं।”(मत 13:10–16) जिसे इस भेद को जानने की अनुमति दी गई है वह बहुत आशीषित है और उसन...
बाइबल की 66 पुस्तकों में परमेश्वर के असंख्य रहस्य रखे हुए हैं। जब हम उन रहस्यों को एक एक करके हल करते हैं तब परमेश्वर के चिरस्थायी उद्धार का प्रबन्ध महसूस कर सकते हैं। उनमें से परमेश्वर का सबसे बड़ा रहस्य मसीह है। परमेश्वर के रहस्य, मसीह, को महसूस करने के द्वारा ही हम उद्धार के अनुग्रह में वास कर सकते हैं, और बुद्धि और ज्ञान के समस्त भण्डार पा सकते हैं।(कुल 2:2–3) बाइबल जो उद्धार में पहुंचने के लिए बुद्धि देती है, वह मसीह के बारे में भी साक्षी देती है।(2तीम 3:15–17, यूह 5:39 संदर्भ) बाइबल के अनेक रहस्यों में से मलिकिसिक के बारे में भविष्यवाणी की जांच करने के द्वारा, आइए हम उद्धार के केन्द्र बिन्दु और मुख्य विषय, मसी...