चर्च ऑफ गॉड के सदस्य जो प्रेम और नम्रता के साथ मानव कल्याण के लिए योगदान दे रहे हैं, उनके लिए माँ की शिक्षा महत्वपूर्ण और केंद्रीय शिक्षा बनी है।
प्यार पाने से प्यार देने में ज़्यादा आशिष है, जैसे परमेश्वर हमेशा प्यार देते हैं।
जब हम परमेश्वर को महिमा देते हैं, महिमा हमारे पास लौट आती है।
सुन्दर मन में कोई घृणा नहीं होती और वह एक सम्पूर्ण प्रेम को जन्म देता है।
जिस प्रकार इब्राहीम को अपने भतीजे लूत को अच्छी वस्तुएं देने पर बेहतर आशिष प्राप्त हुई, वैसे ही जब हम भाइयों और बहनों को अच्छी वस्तुएं देते हैं तब हम भी बहुतायत में आशिष पाते हैं।
घमण्डी बनने का अर्थ है सेवा करवाने की चाह रखना।
चाहे दूसरे काम न करें, हमें शिकायत नहीं करनी चाहिए लेकिन अपना काम वफ़ादारी से करना चाहिए।
शिकायत भरे मन से घमण्ड का जन्म होता है। जब हम परमेश्वर के प्रति कृतज्ञता दर्शाते हुए उनकी सेवा करते हैं तब शिकायत और घमण्ड हम से दूर हो जाते हैं और हृदय नम्रता से भर जाता है।
जब हम अपने भाइयों और बहनों की प्रशंसा करते हैं, वह प्रशंसा हमारे पास लौट आती है।
जिस प्रकार समुद्र सारी गंदगियों को ले लेता है और उसे साफ करता है, हमारा मन खुला और इतना सुन्दर होना चाहिए जिससे हम अपने भाइयों और बहनों की गलतियों को ढक सकें।
जो भी मेमने के द्वारा मार्गदर्शन चाहता है, उसे मेमने से भी छोटा मेमना बनना चाहिए।
महान पात्र बनने के लिए त्याग की आवश्यकता है।
यहां तक कि परमेश्वर भी अपनी सेवा करवाने के लिए नहीं परन्तु सेवा करने के लिए इस पृथ्वी पर आए। जब हम, अपनी सेवा करवाने की चाह रखे बिना, एक दूसरे की सेवा करते हैं, तब परमेश्वर प्रसन्न होंगे।
हमें वर्तमान समय के कष्टों को धैर्य से झेलना चाहिए, क्योंकि स्वर्ग का राज्य हमारी प्रतीक्षा कर रहा है।