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परमेश्वर ने मानव जाति से कहा, “मेरी खोज करो।” परमेश्वर की खोज करने के लिए, हमें उनका ज्ञान रखना चाहिए। बाइबल में दिए गए सारे संकेतों के द्वारा हमें यह जानना चाहिए कि परमेश्वर कहां निवास करते हैं और यह कि जब परमेश्वर इस पृथ्वी पर आएंगे तो क्या ले आएंगे। केवल तब ही हम परमेश्वर को खोजकर सही तरह से ग्रहण कर सकेंगे। परमेश्वर इस पृथ्वी पर आ चुके हैं, लेकिन अब तक भी दुनिया में बहुत से चर्च परमेश्वर को न तो जानते और न ही उनकी खोज करते। यदि बाइबल कहती है कि परमेश्वर सिय्योन में निवास करते हैं, तो हमें जानना चाहिए कि सिय्योन किसे संकेत करता है, और यदि बाइबल कहती है कि परमेश्वर सिय्योन में नई वाचा के सत्य की घोषणा करते हैं तो हमें...
परमेश्वर ने हम से कहा, “सदा आनन्दित रहो, निरंतर प्रार्थना में लगे रहो, और हर बात में धन्यवाद करो”(1थिस 5:16-18)। “हर बात में धन्यवाद करो।” इसका अर्थ है कि हमें हमेशा आभारी रहना चाहिए चाहे परिस्थिति कैसी भी हो - अच्छी या बुरी, आसान या मुश्किल। जब परमेश्वर हम से हर बात में धन्यवाद करने को कहते हैं, तो धन्यवादी होने का कारण होना चाहिए। हम हमेशा परमेश्वर से प्रचुर प्रेम पा रहे हैं। वास्तव में, हमारी बुद्धि और प्रतिभा से लेकर परमेश्वर के प्रति हमारे विश्वास तक सब कुछ जो हमारे पास है, परमेश्वर से है। सिय्योन के लोगों के रूप में, हमें अपने भविष्य के लिए सब कुछ प्रदान करने के लिए हर दिन परमेश्वर को धन्यवाद और महिमा देनी चाहिए।...
एक घर अपने मालिक की गरिमा या शैली को पूरी तरह से दिखाता है। जब आप अन्य लोगों के घरों में जाते हैं, तो उनमें से कुछ घर एक हार्दिक और दोस्ताना माहौल पेश करता है, लेकिन दूसरा ठंडा और अमित्र वातावरण पेश करता है। बस कुछ ही मिनटों के लिए घर में रहकर, आप आसानी से पता लगा सकते हैं कि घर के मालिक किस तरह के व्यक्ति हैं कि क्या वह आलसी हैं या मेहनती, या क्या वह हर चीज के बारे में शांतचित्त हैं या सख्त। तो, एक घर ऐसी जगह है जो अपने मालिक के आंतरिक रूप को जैसा है वैसा ही प्रकट करता है। फिर, आइए हम इस बारे में सोचें कि हमारे घर के मालिक कौन हैं। हम सब पवित्र आत्मा का एक मंदिर हैं, जहां परमेश्वर निवास करते हैं(1कुर 6:19)। हमें यह सुन...
जिस पृथ्वी के पारिस्थितिकी तंत्र में हम रहते हैं, वह इतने नाजुक और उत्कृष्ट रूप से व्यवस्थित किया गया है कि हम असहाय होकर सोचते हैं कि किसी न किसी ने तो इसका निर्माण किया है। क्या होता यदि पृथ्वी वर्तमान आकार से थोड़ी बड़ी या छोटी होती? क्या होता यदि पृथ्वी सूरज से थोड़ा करीब या दूर होती? यदि पृथ्वी का आकार या सूरज तक की दूरी में थोड़ा सा भी परिवर्तन हो जाए और यदि उपग्रह चांद का अस्तित्व न होता, तो पृथ्वी पर जीवन न होता। पृथ्वी को पानी या ऑक्सीजन की कमी होती और इसका तापमान अधिक हद तक गर्म या ठंड होता; तो जैसा अब है वैसा ही पृथ्वी का पर्यावरण मानव निवास के लिए अनुकूल नहीं होगा। वह परमेश्वर हैं जिन्होंने सारी वस्तुएं और ...
पुराना वर्ष चला गया है, और एक नया वर्ष शुरू हुआ है। अतीत को देखते हुए, मुझे लगता है कि मेरे सभी दिन इतनी जल्दी बीत गए कि जैसे मैं एक ही रात की नींद से जाग गया हूं। यह मुझे याद दिलाता है कि वह दिन नजदीक आ रहा है जब हम स्वर्ग जाएंगे। हमें बहुत आभारी होना चाहिए कि हमारे लिए स्वर्ग का राज्य है। जब यीशु 2,000 वर्ष पहले इस पृथ्वी पर आए थे, तो उन्होंने सिखाया कि स्वर्ग और नरक का अस्तित्व वास्तव में है और हमसे उस मार्ग का अनुसरण करने को कहा जो उन्होंने हमारे लिए खोला था, ताकि हम सभी स्वर्ग जा सकें। फिर उन्होंने पृथ्वी पर अपने जीवन के दौरान सत्य की सभी शिक्षाओं को अभ्यास में लाकर हमें नमूना दिखाया। हम, स्वर्गीय परिवार के सदस्यों...
स्वर्ग का राज्य जो परमेश्वर ने अपनी संतानों के लिए तैयार किया है, किसी आंख ने नहीं देखा, किसी कान ने नहीं सुना और न ही किसी के चित में चढ़ा है। लेकिन, स्वर्ग जाने का मार्ग समतल नहीं है। अगर हम स्वर्ग बिना किसी कठिनाई के आसानी से जा सकते तो अच्छा होता। लेकिन, इस मार्ग पर हमें रोकने वाली बड़ी रुकावटें हैं और ऐसी बाधाएं भी हैं जो हमारे काबू से बहार हैं। प्रेरितों सहित जिन्होंने मसीह की आज्ञा के प्रति आज्ञाकारी होकर सुसमाचार प्रचार किया था, प्रथम चर्च के संतों के साथ भी ऐसा ही था। वे कठिनाई और उत्पीड़न में भी विश्वास के मार्ग पर चले, वह समतल अर्थात् सरल मार्ग नहीं था। परमेश्वर ने अपनी प्रिय संतानों को आसान और आरामदायक मार्...
पृथ्वी दुनिया में लोगों के लिए विशाल लग सकती है, लेकिन यह ब्रह्मांड की विशालता में बस एक छोटी सी बिंदु है। बाइबल हमें बताती है कि यह पृथ्वी डोल में की एक बूंद या पलड़ों पर की धूल के तुल्य ठहरी(यश 40:15)। परमेश्वर ने हम, मनुष्यों के लिए, जो इस छोटी पृथ्वी पर रहते हैं, एक वाचा स्थापित की है। सभी व्यवस्था, नियम और आज्ञाओं में, जो महान ब्रह्मांड का प्रबंधन करने वाले परमेश्वर द्वारा दिए गए हैं, परमेश्वर की ऐसी इच्छा शामिल है कि वह हमें स्वर्ग में सर्वदा अनंत जीवन और आनंद भोगने देंगे। परमेश्वर ने नई वाचा का फसह पुन:स्थापित किया है और हमें इस युग में इसे मनाने की अनुमति दी है। यह भी परमेश्वर का विशेष प्रयोजन और आशीष है। सिय...
अब से 3,500 साल पहले जब परमेश्वर सीनै पर्वत पर उतरा, उसने बड़ी ऊंची आवाज़ में दस आज्ञाओं की घोषणा की, और इन्हें पत्थर की पटियाओं पर खोदा। परमेश्वर की सारी आज्ञाओं का संहिताबद्ध किए जाने से, पुराने नियम बाइबल जो आज हम देखते हैं, का आधार बन गया। और 2 हज़ार वर्ष पहले, इस धरती पर देहधारी होकर आए यीशु के कार्य और उसकी शिक्षाओं को अभिलिखित किए जाने से, बाइबल नए नियम का केन्द्रीय स्तम्भ बन गया। जैसे पतरस, यूहन्ना और याकूब भक्तिपूर्वक यीशु का पालन करते थे, और यीशु ने पर्वत पर बहुत से लोगों के सामने धर्मोपदेश दिया, उसने बीमारों को चंगा किया और अनेक आश्चर्यकर्म किए और फसह के पर्व पर ऐसा वादा करके नई वाचा को स्थापित किया कि रोटी और द...