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घृणा को त्याग कर प्रेम में बदलते जाएं

미움을 버리고 사랑으로 변화하자

एक बार मैंने परिवार की परिभाषा के बारे में एक वाक्य पढ़ा– “परिवार पिता का राज्य है, माता की दुनिया है और बच्चों का स्वर्ग है।” परिवार पिता का राज्य, माता की दुनिया और बच्चों का स्वर्ग इसलिए हो सकता है, क्योंकि परिवार के सदस्य एक–दूसरे के लिए गहरे प्रेम और समर्पण भाव रखते हैं। हम स्वर्गीय परिवार के सदस्यों को भी इस तरह एक साथ मिल–जुलकर रहना चाहिए। परमेश्वर परिवार की उस भट्ठी में हमें निर्मल करता है, जहां झगड़ा, घृणा, ईष्र्या आदि सांसारिक स्वभाव पिघल जाते हैं, ताकि हमारा स्वभाव स्फटिक जैसा निर्मल बनकर प्रेमी–स्वभाव बन सके। परमेश्वर ने हमारे लिए आत्मिक परिवार और शारीरिक परिवार का संबंध इसलिए बनाया है, जिससे हम परिवार के ज...

परमेश्वर अपना महान कार्य निर्बलों और दीनों के द्वारा पूरा करता है

빈천한 것으로 일으키신 위대한 역사

कहा जाता है कि सपना सच होता है। सपना न संजोने से, सपना पूरा नहीं होता। लेकिन जब कोई सपना संजोता है और सपना पूरा करने का प्रयास करता है, तब अवश्य ही सपना सच होता है। कहावत भी है, "जहां चाह, वहां राह।" 2 हज़ार वर्ष पहले, जब यीशु ने कहा कि ‘जाओ और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओ तथा उन्हें पिता, पुत्र, पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो'(मत 28:19), उसने इसमें कोई शर्त नहीं लगाई। जो कोई जाने की इच्छा करे, वह जा सकता है। सभी लोग जो परमेश्वर पर सम्पूर्ण भरोसा करते हैं, परमेश्वर के आश्चर्यजनक कार्य में भाग ले सकते हैं। इसलिए हरेक सदस्य को अपनी कमियों को सोच कर हिचकने के बजाय, उस परमेश्वर के सामर्थ्य की याद करनी है ...

परीक्षा पर जय पाओ

시험을 이기는 자 되라

हम जो स्वर्ग की ओर विश्वास के द्वारा दौड़ रहे हैं, हमारे सामने कभी न कभी परीक्षाएं और बाधाएं आती हैं। जब हम इस परीक्षा पर विजयी होते हैं, तभी आत्मिक कनान, स्वर्ग तक सुरक्षित रूप से जा सकते हैं। लेकिन परीक्षा को न सह कर बीच में अपनी दौड़ को रोकें, तो स्वर्ग हम से दूर हो जाएगा। हमारे अपने विश्वास को मजबूत करना और बढ़ाना भी महत्वपूर्ण है। लेकिन इससे ज्यादा यह जरूरी होता है कि परीक्षा पर विजयी होने की दृढ़ इच्छा रखकर अनन्त स्वर्ग तक लगातार दौड़ें। जब कोई मसीही जीवन शुरू करता है, उसी समय से उस पर परीक्षा आती है, और स्वर्ग जितना हमारे पास आता है, उतनी ज्यादा परीक्षा कठोर बनती है। आइए हम बाइबल के द्वारा पढ़ें कि केवल परमे...

सुसमाचार के सैनिक

복음의 군사

बाइबल में युद्ध का इतिहास बहुत बार लिखा गया है। युद्ध की हार–जीत इस पर निर्भर करती थी कि परमेश्वर इस्राएलियों के साथ था या नहीं। बाइबल में ऐसा उल्लेख क्यों किया गया है? यह हमें इसकी शिक्षा देता है कि हमें किस विश्वास और रवैए से आत्मिक युद्ध करना चाहिए। परमेश्वर ने सुसमाचार के सैनिक के रूप में हमें बुलाया है। आइए हम जांच करें कि सुसमाचार के सैनिक के लिए किस मानसिक रवैए और तैयारी की आवश्यकता है, और इस समय सुसमाचार के सैनिक के रूप में शस्त्र–सज्जित करें। सैनिक के चुनाव के लिए परमेश्वर का मानदण्ड हमें गिदोन के समय के इतिहास में यह दृश्य मिलता है जिसमें परमेश्वर ने सैनिकों को चुना। इस्राएली मिद्यान के अधी...

सन्तुष्ट रहना सीख लो

자족함을 배우라

हाल ही में, सुसमाचार विदेश में बहुत ही जल्दी प्रसारित किया जा रहा है। क्योंकि सिय्योन परिवार के सदस्य प्रत्येक परिस्थिति में संतोषी रहते हैं और हमेशा परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं, इसी कारण परमेश्वर उन्हें पवित्र आत्मा की शक्ति बढ़ाने पर बल दे रहा है। आर्थिक और सांस्कृतिक हर दृष्टि से सुसमाचार का प्रचार करना बिल्कुल आसान नहीं है, फिर भी सिय्योन के सदस्य खुश मन से और स्वेच्छा से सुसमाचार की सेवा कर रहे हैं। हरेक सदस्य कहता है कि जितनी मुश्किल और कठिन स्थिति होती है, उतना ही ज्यादा उसे महसूस होता है कि पिता और माता उसके साथ है। वे दुख और पीड़ा में भी कुड़कुड़ाए बिना निरन्तर खुशी रहते हैं और धन्यवाद देते हैं, तो क्या विदे...

नम्रता का गुण

겸손의 도

"मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।" जब मसीह ने राज्य का सुसमाचार प्रचार करना शुरू किया, उसने हम से सब से पहले, मन फिराने पर बड़ा जोर दिया।(मत 4:17) मन फिराव के लिए पहला कदम यह है, स्वयं को पापी मान कर दीन करना। इसलिए स्वर्ग की आशा रखकर, पूर्ण पश्चात्ताप करने के लिए हमें नम्रता का गुण सीखना चाहिए। नम्रता का विपरित गुण घमण्ड है। जब हम यहेजकेल अध्याय 28 में ‘सूर का राजा' और यशायाह अध्याय 14 में ‘बेबीलोन का राजा' के पिछले जन्म की बातें देखें, तब हम जान सकते हैं कि घमण्ड ही पाप का मूल है। घमण्ड से चूर होकर, हम स्वर्ग में उषाकाल के पुत्र, भोर के तारों के पाप में उलझाए गए थे, जिसके कारण हम धरती पर गिरा...

मेरा आनन्द तुम में बना रहे

내 기쁨이 너희 안에

आजकल, हर रोज़ सिय्योन में खुशी की खबर सुनाई जा रही है। सुसमाचार के प्रचार का कार्य तीव्र गति से अग्रसर हुआ है, जिसके द्वारा कोरिया में भी प्रति माह अनेक आत्माएं नया जीवन पा रही हैं और सुसमाचार का प्रचार विश्व के कोने–कोने में किया जा रहा है। जैसे कि परमेश्वर ने भविष्यवाणी की है, सिय्योन आशीषित किया गया है जिससे नई यरूशलेम माता की महिमा का प्रकाश दिनों–दिन तेजी से प्रकाशित किया जा रहा है और सिय्योन की प्रजाओं को कीर्ति व प्रशंसा दी जा रही है। ये उस परमेश्वर की कृपा हैं जो भविष्यवाणियों को तेजी से पूरा करता है, और ये इस सब का परिणाम है कि सिय्योन के सदस्य परमेश्वर के वचन पर आज्ञाकारी रहे हैं। स्वर्गीय माता ने शिक्षा दी ह...

हम अच्छे फल कैसे पैदा कर सकते हैं?

열매를 잘 맺으려면

जहां कहीं सिय्योन के सदस्यों ने एकजुट होकर पूरे जोश के साथ सुसमाचार का प्रचार किया है, वहां अनुग्रहपूर्ण फल पैदा किए जा रहे हैं। यदि हम आत्मिक फल पैदा करना चाहें, तो परमेश्वर की इच्छा को सब से ऊपर मान कर पालन करना जरूरी है। परमेश्वर ने हमें, जो ज्यादा फल पैदा करने की याचना करते हैं, सिखाया है कि हम तभी ज्यादा अच्छा फल पैदा करेंगे जब हमारा स्वभाव ऐसा बदल जाए जो परमेश्वर की दृष्टि में पूर्ण है। इस शिक्षा को मन से लगाते हुए, आइए हम वचन के द्वारा पढ़ें कि हम अच्छे फल कैसे पैदा कर सकते हैं। परमेश्वर में बने रहो दाखलता के दृष्टान्त के द्वारा, यीशु ने हमें फल पैदा करने का रहस्य बताया है। उसने सिखाया है कि जो परम...

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