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परमेश्वर के अनन्त राज्य में पहुंचने के लिए, हमें हमेशा अपने विश्वास को मज़बूत करना चाहिए, और अपने जीवन में स्वर्गीय पिता और माता की इच्छा को हमेशा पहला स्थान देना चाहिए। यदि हमने परमेश्वर के वचनों में से कोई वचन अब तक, न माना हो, तो पछताकर पूरी तरह से आज्ञाकारी रहना है। सिय्योन में प्रत्येक व्यक्ति, जो इस युग में सुसमाचार का नबी है, अधिक महत्वपूर्ण होता है। क्योंकि एक मनुष्य के आज्ञा न मानने से, परमेश्वर के सुसमाचार के कार्य में बाधाएं डाली जा सकती हैं, और एक मनुष्य के आज्ञा मानने से, परमेश्वर की आशीष और अनुग्रह के द्वारा सुसमाचार के कार्य में तेज़ी लायी जा सकती है। आदम का आज्ञा–उल्लंघन बाइबल में इसका ठोस उदाहरण दि...
परमेश्वर इस पृथ्वी पर आए ताकि वह मनुष्यजाति को, जिसके लिए पापों के कारण मरना नियुक्त किया गया था, अनन्त स्वर्ग के राज्य की ओर ले जा सकें, और परमेश्वर ने इस बात की ओर हमारा मार्गदर्शन किया कि हम स्वर्ग की ओर देखते हुए इस पृथ्वी पर सबसे सुयोग्य जीवन जीएं। इसलिए बाइबल कहती है कि चांदी के लिए कुठाली, और सोने के लिए भट्ठी होती है, परन्तु मनों को परमेश्वर जांचते हैं।(नीत 17:3) परमेश्वर हमारे मनों को इसलिए जांचते हैं, क्योंकि वह अपनी संतानों को जांचने–परखने की प्रक्रिया के द्वारा उन्हें शुद्ध सोने से अधिक बहुमूल्य और चमकदार बनाना चाहते हैं। आइए हम बाइबल के द्वारा देखें कि परमेश्वर इस पृथ्वी पर सबसे सुयोग्य जीवों के रूप में कैस...
हम इस्राएलियों के जंगल में 40 वर्ष के इतिहास को याद करें। सभी इस्राएलियों ने कनान पहुंचने के लिए जंगल में लगातार कठोर यात्रा की, फिर भी बहुत से लोगों ने बीच में अपनी यात्रा छोड़ दी। कुछ लोगों ने 20 या 30 वर्ष तक चलने के बाद यात्रा छोड़ी, और कुछ लोगों ने कनान पहुंचने से पहले यात्रा छोड़ी, क्योंकि उन्होंने परमेश्वर के ग्रहण योग्य जीवन नहीं जिया। उनके समान हम भी इस समय मसीही यात्रा कर रहे हैं। मैं आशा करता हूं कि इस यात्रा में बिना किसी को छोड़े हम सब स्वर्ग के कनान तक सब सुरक्षित रूप से पहुंचें। अब विश्वासी जीवन जीने के लिए अनेक परिस्थितियां पहले से बेहतर हो गई हैं। लेकिन मुझे लगता है कि जितनी बाहरी परिस्थितियां बेहतर होती जा...
हम न्यायियों के सातवें अध्याय में वह दृश्य देख सकते हैं जहां गिदोन के 300 योद्धाओं ने मिद्यानियों के 1,35,000 सैनिकों को पराजित किया था। जब परमेश्वर अपने योद्धाओं को चुनने पर थे, उस समय शुरुआत में तो 32,000 पुरुष युद्ध करने के लिए इकट्ठे हुए थे। चाहे उन सब को मिद्यानियों के विरुद्ध युद्ध करने के लिए बुलाया गया था, पर केवल 300 पुरुष ऐसे थे जिन्होंने परमेश्वर की सभी परीक्षाओं को पार किया और जो अंत तक परमेश्वर के योद्धा बने रहे। वे ऐसे लोग थे जो परमेश्वर की सेना का योद्धा होने का मूल्य जानते थे। यदि उन्होंने परमेश्वर के चुने हुए योद्धा होने का मूल्य न जाना होता, तो वे उस युद्धभूमि में जाने के लिए इतनी मेहनत न की होती जहां ...
बाइबल कहती है कि मृत्यु सब मनुष्यों में फैल गई, क्योंकि सब ने पाप किया।(रो 5:12) इस पर जो परमेश्वर पर विश्वास नहीं करते हैं, उन्हें बुरा लगता है और वे कभी–कभी झींकते हुए बोलते हैं कि ‘चर्च में लोगों को क्यों पापी कहा जाता है?’ लेकिन दरअसल, सब मनुष्य मूल रूप से पापी हैं। हम परमेश्वर पर विश्वास करते हैं, और हम उस परमेश्वर के अनुग्रह के लिए धन्यवाद देते हुए स्तुति चढ़ाते हैं जिसने हम पापियों को मृत्यु से बचाया। परन्तु आइए हम अपने आप से प्रश्न पूछें– “इस बात में हां–हां करते हुए भी कि मैं पापी हूं, क्या मैं अपने पाप को पूरी तरह से जानता हूं? और क्या यह न जानते हुए भी मैं पछता रहा हूं?” आइए हम क़ीमती समय लें कि हमारे पाप कितने ...
हमारे पिता ने कहा था कि‚ “सेना तुरही की आवाज पर आगे बढ़ती है‚ और परमेश्वर के लोग भविष्यवाणी की आवाज पर आगे बढ़ते हैं।” तो अब‚ हमें कौन सी भविष्यवाणी की आवाज पर ध्यान देना चाहिए? यह परमेश्वर का वचन है कि‚ “एक दूसरे की सहायता करते हुए सुसमाचार का कार्य पूरा करो।” आइए हम बाइबल का अध्ययन करते हुए इस भविष्यवाणी में छिपी परमेश्वर की इच्छा को समझें। मसीह के उदाहरण का पालन करो परमेश्वर चाहते हैं कि हम यीशु मसीह के उदाहरण के अनुसार एक मन हो जाएं। रो 15:5–6 धीरज और शान्ति का दाता परमेश्वर तुम्हें यह वरदान दे कि मसीह यीशु के अनुसार आपस में एक मन रहो। ताकि तुम एक मन और एक स्वर में हमारे प्रभु यीशु मसीह के पिता परमेश्वर की स...
अब पृथ्वी के एक ओर युद्धों और आतंकवादी हमलों में बहुत से लोग बलिदान हो रहे हैं, जबकि पृथ्वी के दूसरी ओर विविध संक्रामक बीमारियां प्रकट हो रही हैं और पूरी दुनिया में फैल रही हैं। हालांकि, जैसे कि यीशु ने कहा है कि, “तुम लड़ाइयों और लड़ाइयों की चर्चा सुनोगे, तो घबरा न जाना क्योंकि इन का होना अवश्य है,”(मत 24:6) चाहे इन दिनों में विपत्तियां बहुत तेजी से फैल रही हैं, परमेश्वर अपनी सन्तानों को सुरक्षा देते हैं और सांत्वना देते हैं। हम परमेश्वर को उनकी कृपा के लिए बहुत धन्यवाद देते हैं। अब, सुसमाचार पूरे संसार में प्रचार किया जा रहा है। कोई विपत्ति चाहे कितने ही दूर देश में क्यों न हुई हो, अब हम उससे बेफिक्र नहीं रह सकते। मा...
इन दिनों, समाचार पत्र और टेलीविजन जैसे जनसंपर्क साधन हर रोज चौंकानेवाले और निराशाजनक समाचार देते हुए अंधकारमय भविष्य का पूर्वानुमान लगाते हैं। युद्ध, अकाल, विविध बीमारियां, असामान्य जलवायु परिवर्तन, विश्व अर्थव्यवस्था का पतन, और मानवता की कमी जैसी समस्याओं के संचय के कारण दिन प्रतिदिन अंधकारमय होते जा रहे मनुष्य के भविष्य को लेकर, हर क्षेत्र के विशेषज्ञ बहुत चिंतित हैं। और वे इनका उपाय खोजने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन यह आसान नहीं है। वास्तव में, मानव जाति का भविष्य हमारे हाथों में है। हम में से कुछ शायद इस बात को लेकर शंका कर सकते हैं कि हम वास्तव में इतना बड़ा कार्य कर सकेंगे या नहीं, लेकिन यह तो परमेश्वर की इच्छा है।...