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बाइबल में अगर हम विश्वास के उन पूर्वजों के जीवन को देखें, जिनसे परमेश्वर ने प्रेम किया और जिन्होंने उद्धार पाया, तो हम जान सकेंगे कि उनमें एक समानता थी और वह यह थी कि वे हमेशा परमेश्वर के वचन के करीब रहे और उन्होंने उसके वचन को संपूर्ण माना। उनकी तरह, हमें भी वचन के करीब रहना चाहिए ताकि हम अनन्त स्वर्ग के राज्य में प्रवेश कर सकें। मनुष्य अपने करीबी लोगों से प्रभावित होता है। अगर कोई एयरकंडिशनर के नजदीक रहे, तो उससे ठंडी हवा दी जाती है, और अगर वह हीटर के नजदीक रहे, तो उससे गर्म हवा दी जाती है। उसी तरह से, अगर कोई परमेश्वर के नजदीक रहे, तो उससे परमेश्वर की जीवन की ऊर्जा उमड़ेगी, है न? जो व्यक्ति परमेश्वर के करीब नहीं जाता,...
लोग उन कामों के लिए अफसोस करते हैं जो उन्होंने पहले नहीं किए। जब वे किसी विदेशी से मिलते हैं और उनसे बात नहीं कर पाते, तो वे अपने स्कूल के दिनों में विदेशी भाषा को अच्छे से न सीखने का अफसोस करते हैं। जब वे बड़े हो जाते हैं, तो उनकी छोटी उम्र में उनके माता–पिता के उन्हें अच्छे से पढ़ाई करने और उत्सुकता से कार्य करने के लिए कहने पर भी उनकी बात न सुनने का वे अफसोस करते हैं। हमारे जीवन में ऐसी बहुत सी बातें हैं जिनका हमें अफसोस हो सकता है। हालांकि, हमें आत्मिक रूप से ऐसा जीवन जीना चाहिए जिसमें कोई भी अफसोस न हो। परमेश्वर ने हमें सत्य दिया है जो हमें कभी भी अफसोस नहीं करने देगा, और उन्होंने हमें अनन्त स्वर्ग के राज्य की मीरास भी...
आज, इस संसार में बहुत से चर्च हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर उस नई वाचा के सुसमाचार का पालन नहीं करते, जिसे यीशु ने सिखाया और जिसका पालन करने का उदाहरण उन्होंने हमारे लिए दिया। ज्यादातर सभी तथाकथित ईसाई हठ करते हैं कि वे केवल यीशु पर विश्वास करने से बचाए जा सकते हैं। वे बाइबल पढ़ने का दावा करते हैं, लेकिन वे वास्तव में बाइबल में लिखी मसीह की इस शिक्षा को अनदेखा करते हैं कि हमारे पास कार्यों से युक्त विश्वास होना चाहिए। यही ईसाई धर्म की वास्तविकता है। यद्यपि वे परमेश्वर के वचनों को जानते हैं, यदि वे उन्हें अभ्यास में न लाएं, तो वे परमेश्वर की आज्ञाओं और नियमों में समाई परमेश्वर की इच्छा को नहीं समझ सकते, और परमेश्वर के उद्ध...
एक कहावत है कि “यदि कोई दृढ़ निश्चय के साथ एकाग्र होकर काम करे तो उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है।” इसका मतलब है कि यदि हम अपना मन केन्द्रित करें, तो ऐसा कुछ भी नहीं है जो हम न कर सकें। जब नया साल आता है, तब लोग अलग–अलग योजनाएं बनाते हैं, लेकिन उन में से ज्यादातर साल के अंत तक अपनी सारी योजनाओं को पूरा नहीं करते। जो एक ही समय में बहुत से काम करने की कोशिश करते हैं वे कुछ भी हासिल नहीं कर सकते। लेकिन लोग जो एक ही उद्देश्य के लिए लगातार संघर्ष करते रहते हैं, वे आज नहीं तो कल, अंत में अपना उद्देश्य हासिल करते हैं। जो अपने पूरे मन से काम करता है उसके लिए कुछ भी नामुमकिन नहीं है चाहे समुद्री केंचुओं का पूरा शरीर नरम है...
कहा जाता है कि सत्य सामान्य ज्ञान में पाया जाता है। कुछ लोग उसे विशेष वस्तुओं में खोजते हैं, लेकिन बाइबल हमें कहती है कि हमारे पास धन मिट्टी के बरतनों में रखा है। इस प्रकार, सत्य सामान्य ज्ञान में होता है। परमेश्वर सब वस्तुओं की बड़ी ही शान्ति से सामान्य ढंग से अगुआई करते हैं। वास्तव में यीशु मसीह के कार्य केवल चमत्कारी चिन्हों और आश्चर्यकर्मों से ही नहीं भरे थे: हम उनके कार्यों में ऐसी बहुत सी बातों को खोज सकते हैं जो सामान्य लगती हैं। हालांकि, उनके चेलों ने और सुसमाचार के लेखकों ने, उन साधारण बातों में कुछ आत्मिक वस्तु देख ली, और उन्होंने लिखा कि पवित्र आत्मा से भरपूर होने से उन्होंने उसे महसूस किया। इसलिए अब हम, जो विश्...
बाइबल के इतिहास के द्वारा हम जान सकते हैं कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर ने अपनी सन्तानों को बुलाया था और उनके द्वारा अपने महान कार्य संपन्न किए थे। प्रत्येक युग में, परमेश्वर ने जो सब वस्तुओं के सृजनहार हैं यहोशू, शमूएल, दाऊद, पतरस और यूहन्ना जैसे विश्वास के पूर्वर्जों को बुलाया और उन्हें उन्नत किया ताकि परमेश्वर के वचन की ज्योति ठंडी न जाए परन्तु लगातार चमकती रहे। इस अंतिम युग में, परमेश्वर ने हमें अपने महान कार्य के लिए बुलाया है। आइए हम बाइबल के इतिहास के द्वारा यह जानें कि परमेश्वर के बुलावे के योग्य होने के लिए हमें किस प्रकार का रवैया रखना चाहिए। सारी सामर्थ्य परमेश्वर से है जब परमेश्वर अपने काम करने वालों को बुलात...
जब हम परमेश्वर की बनाई रचनाओं को ध्यान से देखें, तब हमें एहसास होता है कि परमेश्वर हमें कितने ज़्यादा अनुग्रह के वरदान दे रहा है। ताज़ी हवा, स्वच्छ पानी, हरे पेड़–पौधे, हमारे पास प्यारे लोग, मौसम या ऋतु में आते बदलाव से आनन्ददायक अनुभूति, आदि बहुत सारी ऐसी बातें हैं जिनके लिए हम धन्यवादित व आनन्दित हो सकते हैं। इसलिए बाइबल अक्सर कहती है कि धन्यवादित व आनन्दित होना सद्गुण है जो मसीहियों को अपनाना चाहिए। पश्चिमी–पूर्वी दोनों देशों में, पुराने समय से ऐसी प्रथा चलती थी कि राजमहल या किले पर, जहां राजा रहता था, विशेष झण्डा लगा होता था। यह इस बात का चिन्ह था कि राजा उसमें है। इस तरह से मसीहियों का हमेशा आनन्दित होना भी इस बात क...
जैसे परमेश्वर ने कहा, “तू विश्रामदिन को पवित्र मानने के लिए स्मरण रखना”, सिय्योन के सदस्य सब्त का दिन मनाते हैं। और जैसे परमेश्वर ने कहा, “आराधना के समय, स्त्री ओढ़नी से अपना सिर ढांके”, स्त्री सदस्य ओढ़नी ओढ़ती हैं। इस तरह, परमेश्वर के वचन के अनुसार किए जाते सभी कर्म ही, परमेश्वर के प्रति आज्ञाकारिता है। एक सच्चा मसीही जीवन जीने वाला वही है जो हर एक काम परमेश्वर के द्वारा दिए वचन के अनुसार करता है। परमेश्वर ने इसलिए यह कहा है कि बाइबल के वचन में कुछ न बढ़ाओ और उनमें से कुछ न निकालो, क्योंकि बाइबल में उद्धार पाने के लिए सारी सामग्रियां हैं। आइए हम यह मन में ज़्यादा गहराई से लगाएं कि यदि हम उसी मार्ग पर चलेंगे, जो परमेश्व...