झोपड़ियों का पर्व सारे वार्षिक पर्वों में से अंतिम पर्व है। पवित्र साल के अनुसार 15 जुलाई से लेकर 22 जुलाई तक मनाया जाता है।(लैव 23:34-36) झोपड़ियों का पर्व केवल पुराने नियम के समय नहीं वरन् नए नियम के समय भी प्रथम बार आए यीशु द्वारा मनाया गया और उसकी शिक्षा के अनुसार प्रेरितों द्वारा मनाया गया। अन्तिम युग में भी दूसरी बार आए मसीह आन सांग होंग जी की शिक्षा के अनुसार चर्च ऑफ गॉड वर्ष में अन्तिम पर्व झोपड़ियों का पर्व मना रहा है। आन सांग होंग जी ने बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार आकर ध्वस्त हुए सिय्योन का पुनर्निर्माण किया।
झोपड़ियों के पर्व की शुरूआत
जब दुबारा दस आज्ञाएं लेकर मूसा सीनै पर्वत पर से उतरा, उसने लोगों को वाचा के वचन और तम्बू के निर्माण के कार्य की व्याख्या की।(निर्ग 34:27-35) 15 जुलाई से लेकर सात दिनों तक तम्बू के निर्माण के लिए, जिनके मन ने उन्हें प्रोत्साहित किया वे सब प्रकार की सामग्री अर्थात् सोने, चांदी, कपड़े और लकड़ी आदि परमेश्वर को जितना चाहिए उस से कहीं अधिक ले आए।(निर्ग 35:4-29, 36:5-7) परमेश्वर ने इस्राएलियों को झोपड़ियों का पर्व मनाने की आज्ञा दी ताकि पीढ़ी-दर-पीढ़ी में उस सात दिनों की स्मृति करें जिस दिन तम्बू बनाने के लिए सामग्री ले आए थे। झोपड़ियों का पर्व मंडपों का पर्व कहलाता है।
झोपड़ियों के पर्व की विधियां
जब जब इस्राएली झोपड़ियों का पर्व मनाते थे, वे झोपड़ियां बनाते थे अथवा वे खजूर, मेंहदी या बेंत वृक्षों की डालियां ले आकर अपने घर पर ढकते थे तथा परमेश्वर के भवन के आंगनों में बिखेरते थे, और वे सात दिनों तक झोपड़ियों में ठहरते हुए आनंद और खुशी मनाते थे। और ग़रीब परिवारों की मदद करते हुए पर्व को पवित्रता से मनाते थे।(नहे 8:9-18; लैव 23:39-43; व्य 16:11-15; जक 14:15-18)
झोपड़ियों के पर्व की भविष्यवाणी और पूर्णता
बाइबल में लोगों की तुलना ‘लकड़ी’ से की गई है (यिर्म 5:14), तथा पवित्र लोग मंदिर की सामग्री से दर्शाए जाते हैं।(प्रक 3:12) इस्राएलियों ने इस पर्व में झोपड़ियां(घास या लकड़ी से बना हुआ घर) बनाईं और सात दिनों तक उनमें निवास करते हुए महान आनंद मनाया। मूसा के द्वारा एक सप्ताह तक सामग्रियों को एकत्रित करके पवित्रस्थान का निर्माण पूरा करना भविश्यवाणी है कि लकड़ी या मंदिर की सामग्रियों से दर्शाए गए 144,000 लोग इकट्ठे करने से पृथ्वी पर सुसमाचार का कार्य पूरा होगा।
हम इस पर्व में प्रचार की सभा लगाकर, जैसे मंदिर की सामग्री को एकत्रित किया था, वैसे पवित्र लोगों को जो मंदिर की सामग्री हैं, एकत्रित करके यीशु के आगमन के आंदोलन की नींव डालते हैं।
झोपड़ियों के पर्व के बारे में प्रतिज्ञा
झोपड़ियों का पर्व आशीषित दिन है जिस दिन हम स्वर्गीय यरूशलेम मंदिर की सामग्री 144,000 लोगों को एकत्रित करने के लिए पवित्र आत्मा की शक्ति पाते हैं। नबी ज़कर्याह ने भविष्यवाणी की।
जक 14:16-19 उस समय ऐसा होगा कि यरूशलेम पर चढ़ाई करनेवाली सब जातियों में से जो लोग शेष रह जाएंगे वे वर्ष-प्रतिवर्ष, सेनाओं के यहोवा, राजा को दण्डवत् करने तथा झोपड़ियों का पर्व मनाने यरूशलेम जाया करेंगे। फिर ऐसा होगा कि पृथ्वी के कुलों में से जो लोग सेनाओं के यहोवा राजा को दण्डवत् करने नहीं जाएंगे उन पर मेंह नहीं बरसेगा। यदि मिस्र का कुल नहीं जाएगा, अथवा यरूशलेम प्रवेश नहीं करेगा तो उन पर मेंह नहीं बरसेगा। वरन् उन पर वह मरी पडे़गी जिस से यहोवा झोपड़ियों का पर्व न मनाने वाली जातियों को मारता है। यह मिस्र तथा उन सब जातियों का दण्ड ठहरेगा जो झोपड़ियों का पर्व मानने नहीं जाएंगी।
ऊपरी भविष्यवाणी स्पष्टत: दिखाती है कि जो झोपड़ियों का पर्व मनाने नहीं आते हैं उन पर मेंह(पवित्र आत्मा) नहीं बरसेगा और विपत्ति उन पर उंडेली जाएगी। चेतावनी दे रहा है कि वे दण्ड पाएंगे। तिस पर भी, आजकल लोग झोपड़ियों का पर्व न मनाते हुए ऐसा कहते हैं, ‘हम पवित्र आत्मा पा चुके हैं’, ‘हमने परमेश्वर की आशीष पाई है’ हमें महसूस होना चाहिए कि उनकी कहावत बाइबल पर आधारित नहीं, पर झूठ और शैतान का छल है। परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि केवल जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं उन्हें पवित्र आत्मा उंडेलेगा। इसके विषय में यीशु ने भी स्पष्ट परमेश्वर की इच्छा बताई।
यूह 7:37-39 पर्व के अन्तिम दिन, जो मुख्य दिन था, यीशु खड़ा हुआ, और पुकार कर कहने लगा, "यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। जो मुझ पर विश्वास करता है, जैसा कि पवित्रशास्त्र में कहा गया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी’।" परन्तु यह उसने पवित्र आत्मा के विषय में कहा।
नबी ज़कर्याह ने व्याख्या की थी कि जो झोपड़ियों का पर्व नहीं मनाते हैं उन्हें मेंह नहीं बरसेगा। और यीशु ने लोगों से कहा कि झोपड़ियों का पर्व मनाकर पवित्र आत्मा पाएं। इन दो आयतों की तुलना करें तो जान सकते हैं कि ज़कर्याह में झोपड़ियों के पर्व में उंडेली जाता मेंह पवित्र आत्मा दर्शाता है।
पवित्र आत्मा उन पर जो पिन्तेकुस्त व झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं, उंडेले जाने के परमेश्वर का अनुग्रह है। तो भी, जो झोपड़ियों का पर्व नहीं मनाते हैं वे कहते हैं "हम ने पवित्र आत्मा पाया है।", तब उनके लिया हुआ पवित्र आत्मा किसका कार्य है?, पवित्र आत्मा का है? या दुष्ट आत्माओं का है? परमेश्वर व्यर्थ बात कदापि नहीं कहता। परमेश्वर ने प्रतिज्ञा की कि जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं उन्हें पवित्र आत्मा उण्डेला जाएगा, तब झोपडि़यों का पर्व न मनाने वालों को कैसे पवित्र आत्मा दे सकेगा! यह निश्चय ही दूसरे देवताओं का कार्य है।
बहुत सालों के पहले फरीसियों ने पहले जाना कि मसीह आएगा लेकिन जब वह आया, तब उन्होंने उसे स्वीकार नहीं किया। उसी तरह से यद्यपि बहुत से बाइबल के विद्वान जानते हैं कि पिछली वर्षा बरसेगी, लेकिन वे पवित्र आत्मा पाने के सत्य को महसूस नहीं करते हैं।(यिर्म 8:7, 3:3)