한국어 English 日本語 中文简体 Deutsch Español Tiếng Việt Português Русский लॉग इनरजिस्टर

लॉग इन

आपका स्वागत है

Thank you for visiting the World Mission Society Church of God website.

You can log on to access the Members Only area of the website.
लॉग इन
आईडी
पासवर्ड

क्या पासवर्ड भूल गए है? / रजिस्टर

तीन बार में सात पर्व

प्रायश्चित्त का दिन पवित्र साल के अनुसार 10 जुलाई है। उस दिन इस्राएलियों के एक साल तक किए गए पाप प्रायश्चित्त किए जाते थे।(लैव 23:17) आजकल हमें भी 1 साल तक किए गए पापों की क्षमा पाने के लिए अवश्य ही प्रायश्चित्त का दिन मनाना चाहिए। प्रायश्चित्त का दिन मनाने के बिना हम पापों की क्षमा नहीं पा सकेंगे। इसलिए चर्च ऑफ गॉड, जैसा आन सांग होंग जी ने मनाने को कहा, उसके वचन में आज्ञाकारी होकर प्रायश्चित्त के दिन को स्मरण करते हुए मना रहा है।

प्रायश्चित्त का दिन वो दिन है जिस दिन परमेश्वर की सन्तानों के 1 साल तक किए हुए पाप शैतान को सौंपे जाते हैं। इस कारण पूरी तरह शैतान हम पर बाधा डालेगा कि प्रायश्चित्त का पर्व न मना सकें। हमें स्पष्टतया उसकी पहिचान करनी चाहिए जो हमें परमेश्वर के पर्व मनाने से रोकता है।


प्रायश्चित्त के दिन की शुरूआत

मिस्र से छुड़ाए जाकर इस्राएली 40 सालों तक जंगल में जीते थे। परमेश्वर ने मूसा को अनेक लोगों पर हुकूमत करने की जरूरी व्यवस्थाएं देने के लिए सीनै पर्वत पर बुलाया। परमेश्वर से बुलाए जाने पर मूसा ने चालीस दिन-रात उपवास किया। उसके बाद परमेश्वर की उंगली से पत्थर पर लिखी हुईं दस आज्ञाएं लिए पर्वत से नीचे उतरा । लेकिन जब मूसा को आने में देर हो रही थी, इस्राएलियों ने सोचा कि चालीस दिन बीताने पर भी मूसा नहीं आ रहा हैं, शायद ही मूसा मर हो चुका है। उन्होंने सोचा कि अपना नेता खो गया, और देवता बनाने का सुझाव दिया जो उनकी कनान की भूमि तक अगुवाई करेगा। अत: उन्होंने सोने का बछड़ा बना लिया और उसे दण्डवत् किया, तथा चारों ओर लोग बैठकर खाते-पीते और खेलते-कूदते थे। जब मूसा सीनै पर्वत पर से उतरा, इस तमाशे में भौंचक्का हुआ, और उसका क्रोध भड़क उठा। उसने पटियाओं को अपने हाथों से फेंक दिया और पर्वत के नीचे पटक कर टुकड़े टुकड़े कर दिया। अत: उसने उनके व्याभिचार के बछड़े को आग में भस्म करने के बाद पीसकर चूर चूर कर दिया और उसे जल के ऊपर बिखेर दिया और इस्राएलियों को बरबस पिला दिया। उस दिन लगभग तीन हजा़र लोग तलवार से मारे गए।

इस्राएलियों ने जिन्होंने परमेश्वर के विरुद्ध मूर्तिपूजा करने के द्वारा पाप किया, अपने कार्य को गंभीरतापूर्वक पश्चात्ताप किया। उनके पश्चात्ताप के उत्तर में परमेश्वर ने मूसा को दूसरी बार दस आज्ञाओं की अनुमति दी। टूट गई दस आज्ञाओं का फिर से दिया जाना परमेश्वर की दयालु क्षमा संकेत करता है कि परमेश्वर ने उनके पापों को क्षमा की है। जिस दिन मूसा दूसरी बार दस आज्ञाएं लिए उतरा, प्रायश्चित्त का दिन था जो प्रतिवर्ष मनाया जाता है।(निर्ग 32:1-35)


प्रायश्चित्त के दिन की विधियां

(1) अजाजेल शैतान को दर्शाता है
पुराने नियम के समय में याजक के पाप के लिए पापबलि का बछड़ा चढ़ाया गया और लोगों के पाप के लिए दो बकरे चढ़ाए गए। दोनों बकरों पर चिट्ठियां डाली जाती थीं। एक बकरा परमेश्वर के लिए पापबलि की बलि ठहरता था तथा दूसरी बकरा अजाजेल के लिए बलि ठहरता था। उस अजाजेल के लिए बकरे को सुनसान जंगल में घूमते हुए मर जाना था। प्रतिदिन लोगों के पाप अल्पकाल के लिए पवित्रस्थान में लादे जाते थे, और वे पाप प्रायश्चित्त के दिन अजाजेल बकरे के सिर पर लाद कर अजाजेल को जंगल में भेजते थे, तो वह वहीं मर जाता था। यह दिखाता है कि हमारे प्रतिदिन किए हुए पाप मसीह पर जो पवित्रस्थान को दर्शाता है अल्पकाल के लिए लादे जाते हैं, और ये सारे अपराध फसह या प्रायश्चित्त के दिन के जैसा पर्व के द्वारा शैतान पर लादे जाते हैं, तो शैतान अत: हमारे पाप लादे हुए सुनसान जंगल जैसे अथाह कुण्ड में पीड़ित होकर मर जाएगा। प्रायश्चित्त के दिन द्वारा परमेश्वर इस सिद्धान्त को समझाता है।(लैव 16:6-22)

(2) उस दिन महायाजक साल में एक बार परम पवित्रस्थान में प्रवेश करता है।
इब्र 9:7 परन्तु दूसरे में(परमपवित्रस्थान) केवल महायाजक प्रवेश करता है, और वह भी वर्ष में एक ही बार, और लहू लिए बिना नहीं जाता, जिसे वह अपने और लोगों के अज्ञानता में किए गए पापों के लिए भेंट चढ़ाता है।


प्रायश्चित्त के दिन की भविष्यवाणी और पूर्णता

1)भविष्यवाणी
लोगों के अपराध –> परमपवित्रस्थान में लादे जाना –> प्रायश्चित्त के दिन में हमारे अपराध अजाजेल पर लादे जाना –> अजाजेल हमारे सारे अपराध लेकर जंगल में पीड़ित होता था, अंतत: जंगल में मर जाता था।

2)भविष्यवाणी की पूर्णता
हमारे अपराध –> यीशु पर लादे जाना –> प्रायश्चित्त के दिन में हमारे अपराध अजाजेल से दर्शाए गए शैतान पर लादे जाना –> नरक में शैतान पीड़ा में तड़पते रहेंगे, अंतत: अनंतकाल के लिए नष्ट होंगे।