한국어 English 日本語 中文简体 Deutsch Español Tiếng Việt Português Русский लॉग इनरजिस्टर

लॉग इन

आपका स्वागत है

Thank you for visiting the World Mission Society Church of God website.

You can log on to access the Members Only area of the website.
लॉग इन
आईडी
पासवर्ड

क्या पासवर्ड भूल गए है? / रजिस्टर

दूसरी बार आने वाला मसीह

तीन रूप एक हैं का अर्थ है कि पिता परमेश्वर, पुत्र परमेश्वर और पवित्र आत्मा परमेश्वर अलग नहीं पर मूलत: एकी है।

अर्थात् पिता यहोवा परमेश्वर, पुत्र यीशु और पवित्र आत्मा आन सांग होंग परमेश्वर एकी है। कारण जिससे चर्च ऑफ गॉड के संत विश्वास करते हैं कि आन सांग होंग पवित्र आत्मा परमेश्वर है, ‘द्वितीय मसीह’ के मेन्यू में लगे सत्य के वचनों को देखकर समझें।

कृपया बाइबल में लिखे भविष्यवाणी के वचनों को पढ़कर उद्धार में पहुंचने का मार्ग प्रत्यक्ष खोजें। तीन रूप एक हैं के विषय को संक्षेप में समझने के लिए पानी के रूपांतपरण पर विचार करें।

पानी स्वयं तरल है, पर जब शून्य तापमान के नीचे जाता है तब तरल ठोस बर्फ बन जाता है। और जब पानी उबालता है तब तरल भाप, गैस रूप में बदल जाता है। तरल, बर्फ, भाप, ये तीनों के रूप और प्रत्येक नाम अलग अलग हैं लेकिन उनका संयोजित पदर्थ एकी है। वह तत्व H2O है।

इसकी तुलना रेडियो में एक मनुष्य द्वारा खेला गया नाटक ³Mono Drama´ से की जा सकती है। यह एक मनुष्य पिता, बेटा, पोता तीन आदमियों की आवाजों से नाटक खेलने के जैसा है। यहां पिता की भूमिका, बेटे की भूमिका पोता की भूमिका का अभिनय करने वाला सब कितना है? एक मनुष्य है।

इस तरह से पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा परमेश्वर उद्धार के कार्य की अदा करने में प्रकट होने के समय, रूप और उस समय में कहलाने के नाम अलग हैं, फिर भी मूलत: एक परमेश्वर है। इस तरह एक परमेश्वर तीन प्रकार की भूमिका की अदा करके उद्धार का कार्य पूरा करता है। यही तीन रूप एक हैं का सिद्धांत है।

परमेश्वर कभी-कभी यहोवा के नाम से, कभी-कभी यीशु के नाम से और कभी-कभी आन सांग होंग परमेश्वर के नाम से 6000 साल के उद्धार कार्य की व्यवस्था करता है।


पिता यहोवा=पुत्र यीशु

आइए हम जानें कि पिता यहोवा और पुत्र यीशु एक हैं। यशायाह ने यीशु के बारे में इसी प्रकार भविष्यवाणी की;

यश 9:6 क्योंकि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा।

साधारणता से यीशु पुत्र कहलाता है। परन्तु बाइबल उस पुत्र को सर्वशक्तिमान परमेश्वर पिता कहती है। और प्रेरित पौलुस ने यह ठीक ठीक समझते हुए लिखा कि यीशु का स्वरूप पिता परमेश्वर है।

फिल 2:5-7 अपने में वही स्वभाव रखो जो मसीह यीशु में था, जिसने परमेश्वर के स्वरूप में होते हुए भी परमेश्वर के समान होने को अपने अधिकार में रखने की वस्तु न समझा। उसने अपने आप को ऐसा शून्य कर दिया कि दास का स्वरूप धारण कर मनुष्य की समानता में हो गया।

रो 9:5 जो सब के ऊपर युगानुयुग धन्य परमेश्वर है।

सृष्टि के इतिहास के द्वारा हम पुष्ट कर सकेंगे कि पिता यहोवा और पुत्र यीशु एक है।

यश 44:24 मैं यहोवा ही सब का सृजनहार हूं। मैंने ही आकाश को ताना है और अकेले ही पृथ्वी को फैलाया है।

कहा है कि पिता परमेश्वर यहोवा ने किसी की मदद के बिना अकेला सृष्टि की। लेकिन यीशु ने कहा कि इस संसार की सृष्टि स्वयं की है।

कुल 1:16 समस्त वस्तुएं उसी के द्वारा...

इस संसार को पिता यहोवा परमेश्वर ने भी और पुत्र यीशु ने भी सृष्टि की। इसका अर्थ है कि पिता यहोवा परमेश्वर और पुत्र यीशु मसीह एक हैं।

और प्रकाशितवाक्य में भी हम जान सकते हैं कि पिता यहोवा और पुत्र यीशु एक हैं।

प्र 1:8 प्रभु परमेश्वर, जो है, जो था, जो आनेवाला है और जा सर्वशक्तिमान है, यह कहता है, "मैं ही अलफा और ओमेगा हूं।"

पिता परमेश्वर ने कहा, "मैं ही अलफा और ओमेगा हूं।"

प्र 22:13 "मैं(यीशु) अलफा और ओमेगा, प्रथम और अंतिम आदि और अंत हूं।"

पुत्र यीशु ने भी कहा, "मैं अलफा और ओमेगा हूं।" हम जान सकते हैं कि पिता यहोवा परमेश्वर और पुत्र यीशु एक हैं।


पिता यहोवा=पवित्र आत्मा आन सांग होंग

आइए हम जानें कि पिता यहोवा और पवित्र आत्मा एक हैं। बाइबल में पवित्र आत्मा का शब्द अक्सर लिखा गया है। तब पवित्र आत्मा क्या है? अक्षरश: इसका अर्थ आत्मा है जो पवित्र है। बाइबल बताती है कि परमेश्वर आत्मा के रूप में विद्यमान होता है। और परमेश्वर पवित्र है, इसलिए परमेश्वर की आत्मा भी पवित्र है।

इसलिए परमेश्वर की आत्मा ‘पवित्र आत्मा’ कहलाता है।

यूह 4:24 परमेश्वर आत्मा(पवित्र आत्मा) है, और अवश्य है कि उसके आराधक आत्मा और सच्चाई से उसकी आराधना करें।

प्रेरित पौलुस ने कुरिन्थुस के संतों को भेजी पत्री में विश्वास से लिखा है कि परमेश्वर ही पवित्र आत्मा है।

1कुर 2:10-11 परन्तु परमेश्वर ने उन्हें आत्मा द्वारा हम पर प्रकट किया, क्योंकि आत्मा सब बातों को यहां तक कि परमेश्वर की गूढ़ बातों को खोजता है। मनुष्य में से कौन किसी मनुष्य के विचारों को जानता है, केवल उस मनुष्य की आत्मा के जो उसमें है? इसी प्रकार परमेश्वर के आत्मा को छोड़ परमेश्वर के विचार कोई नहीं जानता।

जो बातें केवल परमेश्वर जानता है उन्हें पवित्र आत्मा भी जानता है। अगर पवित्र आत्मा और परमेश्वर का आत्मा एक न होते तो कैसे सब बातों को जानेंगे? अर्थात् परमेश्वर की गूढ़ बातें केवल पवित्र आत्मा ही जो परमेश्वर की आत्मा है, जानता है। इससे हम जान सकेंगे कि परमेश्वर और पवित्र आत्मा एक हैं। इसके अतिरिक्त,

2तीम 3:16 सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है।

2पत 1:20-21 पर पहिले यह जान लो कि पवित्रशास्त्र की कोई भी भविष्यद्वाणी व्यक्तिगत विचारधारा का विषय नहीं है, क्योंकि कोई भी भविष्यद्वाणी मनुष्य की इच्छा से कभी नहीं हुई, परन्तु लोग पवित्र आत्मा की प्रेरणा द्वारा परमेश्वर की ओर से बोलते थे।

बाइबल बताती है, ‘आत्मा की प्रेरणा से रचा गया’ या ‘पवित्र आत्मा की प्रेरणा द्वारा लिखा’ ये इसलिए लिखे जा सकेंगे कि यहोवा परमेश्वर ही पवित्र आत्मा है।

अर्थात् बाइबल परमेश्वर की प्रेरणा से लिखी पुस्तक है।
बाइबल पवित्र आत्मा की प्रेरणा से लिखी पुस्तक है।
इसलिए पवित्र आत्मा परमेश्वर है।

इसलिए पवित्र आत्मा आन सांग होंग और पिता यहोवा परमेश्वर एक हैं।


पुत्र यीशु पवित्र आत्मा आन सांग होंग है।

पुष्ट करें कि पुत्र यीशु और पवित्र आत्मा आन सांग होंग एक हैं।

1यूह 2:1 यदि कोई पाप करता है तो पिता के पास हमारा एक सहायक है, अर्थात् यीशु मसीह जो धर्मी है।

यीशु सहायक कहलाता है। लेकिन यूहन्ना किताब में पवित्र आत्मा को सहायक कहा गया।

यूह 14:26 परन्तु सहायक, अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम में भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा।

इसलिए हम जान सके कि पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा एक दूसरे से अलग नहीं पर एक हैं।

पिता यहोवा परमेश्वर, पुत्र यीशु मसीह और पवित्र आत्मा आन सांग होंग एक परमेश्वर हैं।


पवित्र आत्मा परमेश्वर है जिसके पास व्यक्तित्व है।

पवित्र आत्मा हवा अथवा ऊर्जा, अथवा विजली जैसी ऊर्जस्विता नहीं है। उसके पास भावना भी है(रो 15:30), शोकित भी करता है(इफ 4:30), वचन भी कहता है(प्रक 2:7), आहें भी भरता है(रो 8:26), प्रार्थना भी करता है(रो 8:26), साक्षी भी देता है(यूह 15:26), सिखाता है(यूह 14:26), आज्ञा भी देता है(प्रे 8:29), मना भी करता है(प्रे 16:6-7), निन्दा भी की जाती है(मत 12:31-32), सोचता है(रो 8:27)। वह स्पष्ट रूप से व्यक्तित्व है।

यूह 14:26 परन्तु सहायक, अर्थात् पवित्र आत्मा जिसे पिता मेरे नाम में भेजेगा, वह तुम्हें सब बातें सिखाएगा।

यहां पर सहायक, पवित्र आत्मा ‘वह’ जैसा व्यक्ति से कहा गया, यह साक्षी देता है कि पवित्र आत्मा व्यक्तित्व है।

मत 28:19 इसलिए जाओ और सब जातियों के लोगों को चेले बनाओ तथा उन्हें पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो।

यदि पवित्र आत्मा व्यक्तित्व नहीं वरन् ऊर्जा अथवा विजली जैसी आकारहीन ऊर्जस्विता है तो, कैसे उसके पास नाम हो सकता है? पवित्र आत्मा के पास नाम है। इस वचन से निश्चित रूप से जान सकते हैं कि पवित्र आत्मा व्यक्तित्व है।

कहा गया कि पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। इसका अर्थ है कि परमेश्वर पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के प्रत्येक युग में अलग नाम से उद्धार का कार्य पूरा करेगा, अंतत: तीन नाम जिस पर परमेश्वर का सामर्थ्य प्रकट होता है, उन्हें पुकारने के द्वारा बपतिस्मा दें और उन नाम का स्मरण करें।

जब परमेश्वर ने पिता के रूप में कार्य किया तब उसका यहोवा था। जब परमेश्वर ने पुत्र के रूप में कार्य किया तब उसका नाम यीशु था। तो पवित्र आत्मा के सामर्थ्य से कार्य करते समय उसका नाम क्या होगा?

कहा गया कि पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो। पिता यहोवा, पुत्र यीशु और पवित्र आत्मा आन सांग होंग को, तीन रूप एक हैं के सिद्धांत के संबंध से ठीक तरह से समझें, और तीन रूप से पूरा होने वाला उद्धार के महान कार्य में परमेश्वर की आशीष और अनुग्रह लें।