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अन्तिम दिनों में दाऊद को खोजो
बाइबल के वचनों में बहुमूल्य इच्छा समाई हुई है जिसे परमेश्वर हमें सूचित करना चाहता है। फ़िलहाल बाइबल 2 हज़ार से अधिक भाषाओं में अनुवादित होकर पूरे विश्व में बहुत जातियों को प्रसारित हो चुकी है, लेकिन अभी भी मुख्यत: लोग बाइबल देखते हुए भी सही रूप से यह ज्ञान नहीं पा रहे हैं कि हर एक भविष्यवाणियों में परमेश्वर की क्या इच्छा छिपी हुई है।
जिस तरह से हर देशों की भाषा में ऐसी बात होती है जो केवल उस देश के वासी के अलावा कोई नहीं जानता, उसी तरह से परमेश्वर के देश की भाषा भी केवल परमेश्वर की प्रजा ही जानती है। उदाहरण के लिए, बाइबल में यह वचन है कि पवित्र आत्मा और दुल्हिन दोनों कहती हैं, “आ!”, हम, परमेश्वर की प्रजा, अच्छी तरह से जानते हैं कि पवित्र आत्मा और दुल्हिन के कहने पर हमें कब, कहां और क्यों जाना चाहिए। हम इस वचन में परमेश्वर की इच्छा जानते हैं, पर जो परमेश्वर के नहीं हैं, वे नहीं जान सकते।
तब आइए हम जांच करें कि बाइबल के अनेक वचनों में “अन्तिम दिनों में दाऊद को खोजो”, इस भविष्यवाणी में परमेश्वर की क्या इच्छा छिपी है।
दाऊद के बारे में भविष्यवाणियां
हो 3:4-5 “क्योंकि इस्राएली बहुत दिनों तक बिना राजा या प्रधान, बिना बलि या लाठ, बिना एपोद या गृहदेवताओं के रहेंगे। इसके पश्चात् इस्राएली लौटेंगे और अपने परमेश्वर यहोवा तथा अपने राजा दाऊद को खोजेंगे, और अन्तिम दिनों में वे अपने यहोवा और उसकी भलाई की ओर थरथराते हुए आएंगे।”
होशे नबी ने साक्षी दी है कि अन्तिम दिनों में परमेश्वर की प्रजाओं को राजा दाऊद को खोजना चाहिए। यह इसलिए है कि दाऊद को खोजे बिना हमें भारी समस्या पड़ती है जो सुलझाई नहीं जा सकती। परमेश्वर ने पुराने नियम के नबियों के द्वारा दाऊद के बारे में बहुत बार सूचित किया जो अन्तिम दिनों में प्रकट होगा।
यहेज 34:11-24 “क्योंकि प्रभु यहोवा यों कहता है: देखो, मैं स्वयं ही अपनी भेड़ों की खोज करूंगा और उन्हें ढूंढ़ निकालूंगा। जैसे चरवाहा दिन में तितर-बितर भेड़ों के मध्य अपने झुण्ड की चिन्ता करता है वैसे ही मैं उन्हें सब स्थानों से छुड़ा लाऊंगा जहां वे बादल और अन्धकार के दिन तितर-बितर हो गई हैं। ... पर हे मेरे झुण्ड, तुम से प्रभु यहोवा यों कहता है: देखो, मैं एक भेड़ और दूसरी भेड़ तथा मेढ़ों और बकरों के बीच न्याय करूंगा। ... इसलिए मैं अपने रेवड़ को छुड़ाऊंगा और वे फिर शिकार न बनेंगी और मैं भेड़-भेड़ के बीच न्याय करूंगा। ... फिर मैं उन पर एक चरवाहे अर्थात् अपने दास दाऊद को नियुक्त करूंगा जो उन्हें चराएगा। वह स्वयं उन्हें चराएगा और उनका चरवाहा होगा। और मैं यहोवा उनका परमेश्वर ठहरूंगा और मेरा दास दाऊद उनमें प्रधान होगा, मुझ यहोवा ही ने यह कहा है।”
जब इस्राएल के राजा, दाऊद के मरने के बाद लगभग 450 वर्ष बीत गए, भविष्यवाणी का ग्रंथ, यहेजकेल लिखा गया। इसलिए यह भविष्यवाणी, “मैं(परमेश्वर) चरवाहा होकर अपनी भेड़ों की खोज करूंगा” और “एक चरवाहे अर्थात् अपने दास दाऊद को नियुक्त करूंगा”, शारीरिक दाऊद नहीं, पर आत्मिक दाऊद के बारे में है। इस भविष्यवाणी का अर्थ है कि परमेश्वर अन्तिम दिनों में दाऊद के नाम से आएगा। यहेजकेल नबी ने निरन्तर दाऊद के बारे में भविष्यवाणी की।
यहेज 37:24-27 “तब मेरा दास दाऊद उनका राजा होगा, और उन सब का एक ही चरवाहा होगा। वे मेरे नियमों को मानेंगे और मेरी विधियों का पालन करके उन पर चलेंगे। वे उस देश में रहेंगे जो मैंने अपने दास याकूब को दिया था जिसमें तुम्हारे पूर्वज भी रहे। वे और उनके वंशज और उनके वंशजों के वंशज भी सदैव उसमें रहेंगे, और मेरा दास दाऊद सदैव के लिए उनका प्रधान होगा। मैं उनके साथ शान्ति की वाचा बान्धूंगा जो उनके साथ सदाकाल की वाचा ठहरेगी। ... मैं उनका परमेश्वर होऊंगा, और वे मेरी प्रजा होंगे।”
परमेश्वर ने कहा कि परमेश्वर की प्रजाएं दाऊद के शासन के अधीन होकर परमेश्वर के नियमों और विधियों का पालन करेंगी। परमेश्वर की भविष्यवाणी निश्चित रूप से पूरी होती है। इसलिए हमें, जो उद्धार की आशा करते हैं, यह जानना चाहिए कि आत्मिक दाऊद कब आएगा और क्या लेकर आएगा और क्यों आएगा, और इसके साथ हमें, जो भेड़ों के रूप में हैं, अपने चरवाहे, दाऊद को ग्रहण करना चाहिए।
दाऊद के नाम से आया यीशु
अन्तिम दिनों में आने वाले दाऊद से मिले बिना न कोई जीवन के रहस्य को जान सकता है, जो परमेश्वर खोलता है, और न ही अनन्त जीवन और उद्धार की राह मिल सकती है, जो केवल परमेश्वर जानता है।
प्रक 5:1-5 “जो सिंहासन पर बैठा था उसके दाहिने हाथ में मैंने एक पुस्तक देखी जो भीतर-बाहर लिखी हुई थी तथा सात मुहर लगाकर बन्द की गई थी। फिर मैंने एक बलवान स्वर्गदूत को देखा जो ऊंची आवाज़ से प्रचार कर रहा था, “इस पुस्तक को खोलने और उसकी मुहरों को तोड़ने के योग्य कौन है?” पर स्वर्ग में या पृथ्वी पर या पृथ्वी के नीचे उस पुस्तक को खोलने और पढ़ने के योग्य कोई न मिला। इस पर मैं फूट-फूटकर रोने लगा, क्योंकि उस पुस्तक को खोलने या पढ़ने योग्य कोई न मिला। तब उन प्राचीनों में से एक ने मुझ से कहा, “मत रो! देख, यहूदा के कुल का वह सिंह जो दाऊद का मूल है, विजयी हुआ है, कि इस पुस्तक को और उसकी सात मुहरों को खोले।” ”
बाइबल साक्षी देती है कि जो परमेश्वर का रहस्य बता सकता है, वह दाऊद के मूल, दाऊद के नाम से आने वाले मसीह को छोड़कर कोई नहीं। यदि परमेश्वर का रहस्य हमेशा के लिए छिपा रहता है, तो हम अनन्त जीवन और स्वर्ग के राज्य की राह कैसे जान सकेंगे?
आजकल यदि आप पुस्तक की दुकान पर जाते हैं, तो देख पाएंगे कि बहुत सारी बाइबल की टिप्पणी हैं जो बाइबल के व्याख्याकारों ने अपने व्यक्तिगत विचार से कही हैं। कोई भले ही बाइबल बहुत बार पढ़े, पर इंसान परमेश्वर की इच्छा नहीं जान सकता। जो बाइबल के रहस्य बता सकता है, वह केवल दाऊद का मूल है। इसलिए बाइबल बताती है कि जो अनन्त जीवन और उद्धार की राह के लिए तरसते हैं, उन्हें अन्तिम दिनों में दाऊद को खोजना चाहिए।
दाऊद को ग्रहण करने के लिए, सबसे पहले हमें यह जानना चाहिए कि वह व्यक्ति कौन है जिसे दाऊद के नाम से आने की भविष्यवाणी की गई, और कैसे हम उससे मिल सकेंगे।
यश 9:6-7 “क्योंकि हमारे लिए एक बालक उत्पन्न होगा, हमें एक पुत्र दिया जाएगा; और प्रभुता उसके कांधे पर होगी, और उसका नाम अद्भुत युक्ति करनेवाला, पराक्रमी परमेश्वर, अनन्तकाल का पिता, और शान्ति का राजकुमार रखा जाएगा। उसकी प्रभुता की बढ़ती का और उसकी शान्ति का अन्त न होगा। वह दाऊद की राजगद्दी और उसके राज्य को उस समय से लेकर सर्वदा के लिए न्याय और धार्मिकता के द्वारा स्थिर किए और सम्भाले रहेगा। सेनाओं के यहोवा की धुन इसे पूरा करेगी।”
यीशु के इस धरती पर आने के 700 वर्ष पहले, यशायाह नबी ने मसीह के बारे में भविष्यवाणी की थी जो भविष्य में आने वाला था। उसने लिखा, “वह दाऊद की राजगद्दी(सिंहासन) और उसके राज्य को उस समय से लेकर सर्वदा के लिए न्याय और धार्मिकता के द्वारा स्थिर किए और सम्भाले रहेगा।” इस भविष्यवाणी के अनुसार प्रकट हुआ दाऊद यीशु को संकेत करता है।
लूक 1:30-33 “ ... देख, तू गर्भवती होगी और एक पुत्र को जन्म देगी, और तू उसका नाम यीशु रखना। ... प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसे देगा, और वह याकूब के घराने पर अनन्तकाल तक राज्य करेगा, और उसके राज्य का अन्त न होगा।” ”
परमेश्वर ने कहा कि पूर्वज दाऊद का सिंहासन यीशु को देगा। हमारे लिए दाऊद और यीशु के बीच में संबंध का अध्ययन विस्तार से करना आवश्यक है। यदि यीशु के पहली बार आते समय, दाऊद की भविष्यवाणी पूर्णत: पूरी हो चुकी होती, तो आज हमें इस दाऊद के बारे में अध्ययन करने की जरूरत न पड़ी होती। लेकिन यहेजकेल नबी की भविष्यवाणी के आधार पर दाऊद को ‘बादल और अन्धकार के दिन’, यानी अन्तिम दिनों में, प्रकट होकर झुण्ड का चरवाहा होना है और अपनी प्रजाओं का मार्गदर्शन करना है।
भविष्यवाणी की दृष्टि से दाऊद और यीशु के बीच में संबंध
भविष्यवाणी की दृष्ट पर दाऊद और यीशु के बीच में निश्चित रूप से बहुत ज़्यादा संबंध हैं। इसे प्रमाणित करने के लिए बाइबल में अनेक कथन हैं, जिनमें यदि हम दाऊद के कार्य को देखते हैं तब यीशु के कार्य को भी सरलता से समझ सकते हैं। प्रथमत: आइए हम देखें कि दाऊद के शासनकाल और यीशु के मिशन काल के बीच में भविष्यवाणी की दृष्टि से क्या संबंध है।
2शम 5:3-4 “उन्होंने इस्राएल का राजा होने के लिए दाऊद का अभिषेक किया। जब दाऊद राजा बना तब वह तीस वर्ष का था, तथा उसने चालीस वर्ष तक राज्य किया।”
यहां लिखा है कि जब दाऊद 30 वर्ष का था, उसका अभिषेक किया गया और वह राजा बना। तब आइए हम देखते हैं कि भविष्यवाणी के दाऊद, यीशु, ने कैसे यह पूरा किया।
लूक 3:21-23 “ऐसा हुआ कि जब सब लोगों ने बपतिस्मा लिया तो यीशु ने भी बपतिस्मा लिया, और जब वह प्रार्थना कर रहा था ... आकाशवाणी हुई, “तू मेरा प्रिय पुत्र है, मैं तुझ से अत्यंत प्रसन्न हूं।” जब यीशु ने अपनी सेवा आरम्भ की तो वह लगभग तीस वर्ष का था। ... ”
जैसे दाऊद 30 वर्ष की उम्र में अभिषेक पाने के बाद राजा बना, और उसने 40 वर्ष तक राज्य किया, वैसे ही यीशु ने भी 30 वर्ष की उम्र में आत्मिक अभिषेक, बपतिस्मा, पाने के बाद सुसमाचार का प्रचार करना शुरू किया। बात यह है कि दाऊद ने 40 वर्ष तक राज्य किया, लेकिन यीशु ने 3 वर्ष तक सुसमाचार का प्रचार किया। यह इसलिए हुआ कि गुप्त किए गए सत्य के रहस्यों को सिखाने के लिए यीशु को दूसरी बार आना है।
इब्र 9:27-28 “जैसे मनुष्यों के लिए एक ही बार मरना और उसके बाद न्याय का होना नियुक्त किया गया है, वैसे ही मसीह भी, बहुतों के पापों को उठाने के लिए एक बार बलिदान होकर, दूसरी बार प्रकट होगा। पाप उठाने के लिए नहीं, परन्तु उनके उद्धार के लिए जो उत्सुकता से उसके आने की प्रतीक्षा करते हैं।”
इस भविष्यवाणी के अनुसार, यीशु को इस धरती पर फिर से आकर 30 वर्ष की उम्र में बपतिस्मा पाना चाहिए, और उसे 40 वर्ष को पूरा करने के लिए 37 वर्ष तक सुसमाचार का प्रचार करना चाहिए, जैसा कि दाऊद के शासनकाल के द्वारा भविष्यवाणी की गई है। तब दूसरी बार आने वाले दाऊद(यीशु) को ठीक रूप से ग्रहण करने के लिए चिह्न क्या होगा, जिससे हम उसे पहचान सकते हैं?
यश 55:1-5 “हे सब प्यासे लोगो, पानी के पास आओ! और जिनके पास रुपया न हो, तुम भी आकर मोल लो और खाओ! आओ, दाखमधु और दूध बिना रुपया और बिना दाम लो ... कान लगाओ और मेरे पास आओ। सुनो, जिस से कि तुम जीवित रह सको; और मैं दाऊद पर की गई अटल करुणा के अनुसार तुम्हारे साथ सदा की वाचा बांधूंगा। देखो, मैंने उसे जाति जाति के लिए साक्षी, हां, देश देश के लोगों के लिए अगुवा और प्रधान ठहराया है। ... ”
इब्र 13:20-21 “अब शान्तिदाता परमेश्वर जिसने भेड़ों के महान् रखवाले हमारे प्रभु यीशु को सनातन वाचा के लहू द्वारा मृतकों में से जीवित कर दिया, तुम्हें सब भले गुणों से परिपूर्ण करें ... ”
परमेश्वर ने कहा कि स्वर्ग के राज्य में हमारी अगुवाई करने वाले और आज्ञा देने वाले दाऊद के साथ वह सदा की वाचा बांधेगा। वास्तव में ‘सनातन(सदा) वाचा का लहू’, जिसकी साक्षी इब्रानियों के लेखक ने दी, नई वाचा के लहू को संकेत करता है। दूसरे शब्द में सदा की वाचा, जो दाऊद पर की गई अटल करुणा है, नई वाचा है, इसलिए अन्तिम दिनों में दाऊद के नाम से आने वाले मसीह को अवश्य ही नई वाचा को लेकर प्रकट होना चाहिए।
आत्मिक दाऊद, आन सांग होंग जो नई वाचा लेकर आया
आजकल संसार में बहुत से लोग जो स्वयं को दाऊद कहते हैं, निकल रहे हैं। उनमें से कौन है जिसने नई वाचा की सच्चाई से अनन्त जीवन की राह पर हमारी अगुवाई की, गुप्त रहे बाइबल के रहस्य को खोला, एलोहीम परमेश्वर और माता परमेश्वर के अस्तित्व के बारे में समझाया और 3 बार में 7 पर्व सिखाए कि हम परमेश्वर की सारी व्यवस्थाएं और नियमों को मान सकें?
जिसने सदा की वाचा से मानव को, जिसे मरना पड़ता है, जीवन की राह की ओर कदम बढ़ाने दिया, वह आन सांग होंग है। इसलिए आन सांग होंग अन्तिम दिनों में प्रकट हुआ दाऊद है और दूसरी बार आने वाला यीशु मसीह है जिसने बाइबल और नबियों की साक्षी पाई।
अनन्त जीवन वह अनुग्रह और आशीष है जिसे परमेश्वर बिना मूल्य के देता है। हम ने यह अनुग्रह और आशीष बिना मूल्य ली है। आइए हम संसार में सारे लोगों को इस अनन्त जीवन का समाचार सुनाएं कि वे भी परमेश्वर को, जो सारे लोगों का अगुवा और आज्ञा देने वाला है, और उद्धार देने के लिए दाऊद के नाम में आया है, ठीक रूप से पहचान और ग्रहण कर सकें।
हो 6:3-6 “आओ, ज्ञान की खोज करें, वरन् यहोवा के ज्ञान को यत्न से ढूंढ़ें। ... क्योंकि मैं बलिदान से नहीं पर निष्ठा से, और होमबलि से नहीं परन्तु इस से प्रसन्न होता हूं कि परमेश्वर का ज्ञान रखा जाए।”
इस युग में दूसरी बार आने वाले दाऊद(यीशु) को जाने बिना, हम उद्धार नहीं पा सकते जो परमेश्वर हमें देता है। जब दाऊद के रूप में आया मसीह आन सांग होंग 30 वर्ष का था तब उसने बाइबल की सभी भविष्यवाणियों के अनुसार 1948 ईसवी में बपतिस्मा लिया, और 37 वर्ष तक सुसमाचार का प्रचार करने के बाद स्वर्ग चला गया। वह दुख और तकलीफ से भरे 37 वर्ष के सुसमाचार के जीवन में भी अपनी सन्तानों को हमेशा अच्छी चीजें देता था, और उसने नई वाचा के सब सत्यों को पुन:स्थापित करके जीवन के मार्ग को खोल दिया और जीवन की असलियत, नई यरूशलेम स्वर्गीय माता को हमारे लिए प्रकट किया।
स्वर्गीय पिता और माता ने अनेक दुख सहते हुए धीरज और बलिदान से सुसमाचार का मार्ग सुधारा। हम सच्चे मन से उन्हें सर्वदा धन्यवाद चढ़ाते हैं। चाहे संसार उन्हें ग्रहण न करे, तब भी स्वर्गीय पिता और माता सदाकाल तक परमेश्वर हैं, और वे युगानुयुग महिमा और स्तुति पाने के योग्य हैं।
हमें इस पर बहुत गर्व और खुशी का एहसास होता है कि हम स्वर्गीय पिता और स्वर्गीय माता की सन्तान बने हैं। आशा है कि आप परमेश्वर के अनुग्रह के लिए धन्यवाद और प्रशंसा दें और पूरे विश्व में फैले हुए भाई और बहिनों को ढूंढ़ने का पूरा प्रयत्न करें।