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फसह का पर्व और परमेश्वर की मुहर

अब, इस दुनिया में बहुत सी विपत्तियां आ रही हैं: देशों के बीच में युद्ध, जातियों के बीच में संघर्ष, आतंकवाद, अकाल, भूकम्प, और मौसम में बदलाव की वजह से आने वाली जानलेवा ठंड या गर्मी। जब कभी भी ऐसी घटनाएं घटित होती हैं, लोग इस बात को न जानते हुए कि उन्हें अपने मन किस पर और कहां लगाने चाहिए, भय से थरथराते हैं।
बाइबल ने पहले से विपत्तियों के विषय में भविष्यवाणी की है और यह भी बताया है कि उन विपत्तियों के आने पर लोग क्या करेंगे।

आम 9:2–9 क्योंकि चाहे वे खोदकर अधोलोक में उतर जाएं, तो वहां से मैं हाथ बढ़ाकर उन्हें लाऊंगा; चाहे वे आकाश पर चढ़ जाएं... चाहे वे कर्म्मेल में छिप जाएं... और चाहे वे समुद्र की थाह में मेरी दृष्टि से ओट हों...

जैसा कि ऊपर की भविष्यवाणी में लिखा गया है, लोग निराशा से अपने आप को कहीं भी छिपाने के लिए कोशिश करते हैं, क्योंकि वे ऐसी विपत्तियों का सामना कर रहे हैं जो मनुष्य सहन नहीं कर सकता। ऊपर की भविष्यवाणी 2,800 साल पहले आमोस नबी के समय में जो हुआ था उसके विषय में नहीं है, लेकिन यह तो उसके बारे में है जो यहोवा के महान और भयानक दिन, अंतिम न्याय के दिन में होगा।

मनुष्य अंतिम विपत्तियों से अपने तरीकों से नहीं बच सकते


आधुनिक लोग, जो उच्च तकनीकी विज्ञान के युग में जीते हैं, आने वाली विपत्तियों से और मनुष्यजाति के अंत से डरते हैं, और वे उन विपत्तियों से बचने के विभिन्न तरीकों को ढूंढ़ने की कोशिश करते हैं। वे पृथ्वी पर से सभी जीवों का अस्तित्व मिटा सकने वाले परमाणु हथियारों के ख़तरे से बचने के लिए जमीन के नीचे या समुद्र के तल में या किसी बाहरी ग्रह पर शरण ढूंढ़ने के लिए हर प्रकार के प्रयास करते हैं। एक परमाणु पनडुब्बी जो उन्हें समुद्र तल में छिपा सकती है, एक अंतरिक्षयान जिससे वे आकाश में चले जा सकते हैं... ऐसे बहुत से तरीकों के बारे में चर्चा हो रही है। एक प्रेस रिपोर्ट के अनुसार, अमेरीका ने माउन्ट वेधर में व्हाईट हाउस के नीचे एक बंकर बनाया है; और कहा जाता है कि आपात स्थिति के लिए वहां विभिन्न जगहों पर निन्यानबे भूमिगत शहर हैं।
हालांकि, बाइबल साफ–साफ बताती है कि आधुनिक वैज्ञानिक तरीकों का इस्तेमाल करने के बावजूद, कोई भी परमेश्वर के भीषण क्रोध से बच नहीं सकता। और ऐसा भी लिखा गया है कि अंतिम विपत्ति पृथ्वी के कुछ भागों में नहीं, लेकिन पूरी पृथ्वी पर आएगी।

लूक 21:35 क्योंकि वह सारी पृथ्वी के सब रहनेवालों पर इसी प्रकार आ पड़ेगा।

यश 24:3–13 पृथ्वी शून्य और उजाड़ हो जाएगी; क्योंकि यहोवा ही ने यह कहा है... क्योंकि पृथ्वी पर देश देश के लोगों में ऐसा होगा...


अब, आइए हम देखें कि पूरी पृथ्वी पर सभी जातियों पर विपत्ति कैसे आती है।

2पत 3:7–10 पर वर्तमान काल के आकाश और पृथ्वी उसी वचन के द्वारा इसलिये रखे गए हैं कि जलाए जाएं; और ये भक्तिहीन मनुष्यों के न्याय और नष्ट होने के दिन तक ऐसे ही रखे रहेंगे... परन्तु प्रभु का दिन चोर के समान आ जाएगा, उस दिन आकाश बड़ी हड़हड़ाहट के शब्द से जाता रहेगा और तत्व बहुत ही तप्त होकर पिघल जाएंगे और पृथ्वी और उस पर के काम जल जाएंगे।

बाइबल कहती है कि परमेश्वर अपने न्याय के लिए अग्नि का प्रयोग करेंगे। इसलिए वह विपत्ति जो पूरी दुनिया पर आएगी, वह अग्नि है। जब वह दिन आएगा, तो आकाश अग्नि से नष्ट हो जाएगा और सब कुछ जल जाएगा और गरमी में पिघल जाएगा। वह दिन दु:ख का दिन होगा; यहां तक कि योद्धा भी डर के मारे कांपेंगे और चिल्लाकर रोएंगे।
हालांकि, जब ऐसा भयानक दिन आएगा, तो परमेश्वर ने उस विपत्ति से बचने का एक मार्ग तैयार कर रखा है। उन्होंने वह मार्ग, उद्धार का सुसमाचार हमें जानने दिया है। हम उसे किसी वैज्ञानिक द्वारा बनाए गए उच्च तकनीकी साधन के द्वारा नहीं, पर सिर्फ बाइबल के द्वारा ही जान सकते हैं।

फसह का पर्व जिसमें विपत्ति से हमें बचाने का परमेश्वर का वादा शामिल है


आइए हम परमेश्वर के हमें किसी भी विपत्ति से बचाने की प्रतिज्ञा के वचनों को देखें।

निर्ग 12:11–14 ... वह तो यहोवा का पर्व होगा। क्योंकि उस रात को मैं मिस्र देश के बीच में होकर जाऊंगा, और मिस्र देश के क्या मनुष्य क्या पशु, सब के पहिलौठों को मारूंगा... और जिन घरों में तुम रहोगे उन पर वह लहू तुम्हारे लिए चिन्ह ठहरेगा; अर्थात् मैं उस लहू को देखकर तुम को छोड़ जाऊंगा, और जब मैं मिस्र देश के लोगों को मारूंगा, तब वह विपत्ति तुम पर न पड़ेगी और तुम नष्ट न होगे...

निर्गमन के समय में, जब मिस्र पर हर एक पहलौठे को मारने की विपत्ति आई थी, तब उन इस्राएली घरों पर जिन्होंने फसह का पर्व मनाया था, कोई भी विपत्ति नहीं आई। दूसरे शब्दों में, विपत्ति उनसे पार हो गई। इसलिए, फसह(यूनानी भाषा में फास्का, इब्रानी भाषा में फेसाह) का अर्थ होता है, “विपत्ति पार हो जाना।”
यह इतिहास हमारे लिए एक चेतावनी के लिए लिखा गया था। अविश्वासी इस्राएल ने फसह की सामर्थ्य में विश्वास नहीं किया था। हालांकि, यहूदा ने फसह को महत्वपूर्ण जाना और उसे मनाया। यहूदा और इस्राएल के इतिहास के द्वारा, हम जान सकते हैं कि फसह का पर्व सच में कितना महत्वपूर्ण है।
यहूदा के राजा हिजकिय्याह ने जो वाचा की पुस्तक परमेश्वर के मंदिर की मरम्मत और पुन:स्थापन के दौरान मिली थी, उसकी सब बातों को पढ़ा। उसने परमेश्वर की वाचा की पुस्तक के वचनों को समझा और सारे यहूदा और इस्राएल में हरकारों को भेजा ताकि वे फसह को मना सकें जिसे बड़े लम्बे अरसे से नहीं मनाया गया था। जब हरकारों ने “फसह का पर्व मनाने के लिए यरूशलेम में आओ,” राजा की इस आज्ञा का इस्राएल में प्रचार किया, तो इस्राएल ने उनका तिरस्कार किया और उनको ठट्ठों में उड़ाया, और कुछ सालों के बाद इस्राएल अश्शूर के द्वारा नष्ट किया गया।(2रा 18:9–12) हालांकि, यहूदा ने फसह के पर्व को पवित्रता से मनाया और परमेश्वर की महान सामर्थ्य से अश्शूर के आक्रमण का सामना कर सका।(2इत 30:1–27; 2रा 18:13–19:37)
इन अंतिम दिनों में, लोगों के दो समुह हैं: एक जो अत्यंत भयंकर विपत्तियां पाएंगे, और दूसरे जो परमेश्वर की सहायता से उनसे बच जाएंगे।

प्रक 7:1–4 इसके बाद मैं ने पृथ्वी के चारों कोनों पर चार स्वर्गदूत खड़े देखे। वे पृथ्वी की चारों हवाओं को थामे हुए थे... जीवते परमेश्वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा... जब तक हम अपने परमेश्वर के दासों के माथे पर मुहर न लगा दें, तब तक पृथ्वी और समुद्र और पेड़ों को हानि न पहुंचाना।

अंतिम विपत्ति से बचने का एकमात्र रास्ता परमेश्वर की मुहर है। तब, परमेश्वर की मुहर क्या है? बाइबल भविष्यवाणी करती है कि फसह के मेम्ने का लहू परमेश्वर के लोगों के लिए एक चिन्ह बनेगा ताकि वे अंतिम विपत्तियों को पार कर सकें। दूसरे शब्दों में, फसह के मेम्ने का लहू ही “परमेश्वर की मुहर” है जिसके द्वारा परमेश्वर के लोग बचाए जा सकते हैं।
निर्गमन के समय, सभी इस्राएली एक वर्ष के फसह के मेम्ने का लहू अपने दरवाजों की दोनों अलंगों पर लगाकर और उसका मांस खाकर, सभी पहिलौठों को मारने की भयंकर विपत्ति से बचाए जा सके थे। पुराने नियम का फसह का मेम्ना यीशु को दर्शाता है।

1कुर 5:7–8 ... क्योंकि हमारा भी फसह, जो मसीह है, बलिदान हुआ है। इसलिए आओ, हम उत्सव में आनन्द मनावें...

कोई भी यीशु मसीह के लहू के बिना जो फसह का मेम्ना हैं, अंतिम विपत्ति से नहीं बच सकता।
जब स्वर्गदूत जिन्हें हानि पहुंचाने की सत्ता दी गई है, हवाओं(युद्ध) को छोड़ देंगे, तो इस पृथ्वी पर एक भयानक विपत्ति(अंतिम विपत्ति) आएगी।(प्रक 7:1–3) अपने लोगों को उन अंतिम विपत्तियों से बचाने के लिए, परमेश्वर उनके माथों पर अपनी “मुहर” लगाते हैं। “परमेश्वर की मुहर” एक उद्धार की मुहर है जिसके द्वारा परमेश्वर के लोग विपत्तियों को पार कर सकते हैं।

यहेज 9:4–6 और यहोवा ने उससे कहा, “इस यरूशलेम नगर के भीतर इधर उधर जाकर जितने मनुष्य उन सब घृणित कामों के कारण जो उसमें किए जाते हैं, सांसें भरते और दु:ख के मारे चिल्लाते हैं, उनके माथों पर चिन्ह लगा दे।”... सब को मारकर नष्ट करो, परन्तु जिस किसी मनुष्य के माथे पर वह चिन्ह हो, उसके निकट न जाना। और मेरे पवित्रस्थान ही से आरम्भ करो।” अत: उन्होंने उन पुरनियों से आरम्भ किया जो भवन के सामने थे।

परमेश्वर ने नष्ट करने वाले स्वर्गदूतों को किससे शुरू करने की आज्ञा दी? उन्होंने उनसे झूठे चर्चों के पुरनियों(अगुवे) से शुरू करने को कहा, जिनके माथों पर परमेश्वर की मुहर, फसह के मेम्ने का लहू नहीं है।
बाइबल की भविष्यवाणियों के अनुसार, अब हम अंतिम विपत्तियों के युग में जी रहे हैं। परमेश्वर हमें, अपनी सन्तानों को जगा रहे हैं कि हम सिर्फ ‘परमेश्वर की मुहर’ पाकर ही विपत्तियों से बच सकते हैं। वह हमें दिखा रहे हैं कि उनका मुहर लगाने का कार्य पूरब से शुरू होगा और पश्चिम तक फैल जाएगा।

प्रक 7:2 फिर मैं ने एक और स्वर्गदूत को जीवते परमेश्वर की मुहर लिए हुए पूरब से ऊपर की ओर आते देखा...

जब प्रेरित यूहन्ना ने पतमुस नामक टापू पर प्रकाशन देखा, तो उसने देखा कि एक स्वर्गदूत सूर्योदय की ओर से ऊपर आ रहा था। यह दिखाता है कि परमेश्वर का मुहर लगाने का कार्य पूरब से शुरू होगा।

परमेश्वर हमें अपनी सन्तान के तौर पर मुहर लगाते हैं


जब हम फसह का पर्व मनाते हैं, परमेश्वर हम में स्थिर बने रहते हैं और हम परमेश्वर में।(यूह 6:56; 15:4–8) जैसे कि हम परमेश्वर में वास करते हैं, हम परमेश्वर के हैं।

2कुर 1:21–22 और जो हमें तुम्हारे साथ मसीह में दृढ़ करता है... जिसने हम पर छाप भी कर दी है और बयाने में आत्मा को हमारे मनों में दिया।

परमेश्वर ने हम पर “उनका अपना” बनाने के लिए मुहर लगाई है। आइए हम देखें कि परमेश्वर हमें, उनके अपनों को क्या आशीर्वाद देते हैं।

यश 43:1–3 हे याकूब... “मत डर, क्योंकि मैंने तुझे छुड़ा लिया है; मैं ने तुझे नाम लेकर बुलाया है, तू मेरा ही है। जब तू जल में होकर जाए, मैं तेरे संग संग रहूंगा और जब तू नदियों में होकर चले, तब वे तुझे न डुबा सकेंगी; जब तू आग में चले तब तुझे आंच न लगेगी, और उसकी लौ तुझे न जला सकेगी...”

परमेश्वर ने हम पर फसह के द्वारा अपनी मुहर लगाकर हमें उनका अपना बनाते हैं। उन्होंने हमें किसी भी विनाशक विपत्ति से बचाने के लिए पक्की प्रतिज्ञा की है। परमेश्वर अब इन अंतिम दिनों में जी रही अपनी सन्तानों को फसह का पर्व मनाने के लिए और अंतिम विपत्तियों से बचन के लिए बुलाते हैं।
स्वर्गदूत, जो चार हवाओं को थामे हुए हैं, उन्हें छोड़ देंगे, उससे पहले हमें उद्धार के सुसमाचार के हरकारों के रूप में, पूरे संसार में नई वाचा के फसह, परमेश्वर की मुहर का प्रचार करना चाहिए।
सिय्योन में भाइयो और बहनो! आइए हम परमेश्वर को हमें अपना बहुमूल्य खजाना बनाने के लिए धन्यवाद दें। हम सब को इस युग में परमेश्वर के उद्धार के कार्य में सहभागी होना चाहिए।