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भविष्यवाणी के अनुसार जीने वालों की महिमा

बाइबल परमेश्वर की भविष्यवाणियों की किताब है; जब तक बाइबल में सब कुछ पूरा नहीं हो जाता, तब तक बाइबल से एक मात्रा या एक बिन्दु भी नहीं मिट जाएगा। चूंकि परमेश्वर सच्चे, खरे, और न्यायी हैं, जो भी उन्होंने योजना की है और जो भी चाहा है, वह उसे जरूर पूरा करेंगे। इसलिए परमेश्वर की भविष्यवाणियों पर ध्यान देना और परमेश्वर की भविष्यवाणियों के अनुसार जीना सच में एक सुंदर बात है; यही एक खरा और धार्मिक जीवन जीने का सब से अच्छा रास्ता है।(यश 14:24; 2पत 1:19)

आइए हम भविष्यवाणियों के अनुसार जीने वालों के आशीर्वादों और महिमा के विषय में बाइबल की शिक्षाओं पर गौर करें, और इसके बारे में सोचें कि इस युग में हमें दी गई भविष्यवाणियों के अनुसार हमें कैसा जीवन जीना चाहिए।

मसीह ने अपने आपको संपूर्ण रूप से भविष्यवाणियों के अधीन कर दिया



उस रात जब यीशु फसह मनाने के बाद गतसमनी में प्रार्थना कर रहे थे, तो यहूदा इस्करियोती के साथ, प्रधान याजकों और पुरनियों की ओर से बड़ी भीड़ यीशु को पकड़ने के लिए आई। तब पतरस ने यीशु की रक्षा करने के लिए अपनी तलवार निकाली और उनसे लड़ने लगा, लेकिन यीशु ने उसे रोक दिया और स्मरण कराया कि यह बाइबल की भविष्यवाणी पूरी होने की प्रक्रिया है ।

मत 26:50–56 ... तब उन्होंने पास आकर यीशु पर हाथ डाले और उसे पकड़ लिया। यीशु के साथियों में से एक ने हाथ बढ़ाकर अपनी तलवार खींच ली और महायाजक के दास पर चलाकर उस का कान उड़ा दिया। तब यीशु ने उससे कहा, “अपनी तलवार म्यान में रख ले क्योंकि जो तलवार चलाते हैं वे सब तलवार से नष्ट किए जाएंगे। क्या तू नहीं जानता कि मैं अपने पिता से विनती कर सकता हूं, और वह स्वर्गदूतों की बारह पलटन से अधिक मेरे पास अभी उपस्थित कर देगा? परन्तु पवित्रशास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?... मैं हर दिन मन्दिर में बैठकर उपदेश दिया करता था, और तुम ने मुझे नहीं पकड़ा। परन्तु यह सब इसलिये हुआ है कि भविष्यद्वक्ताओं के वचन पूरे हों।” तब सब चेले उसे छोड़कर भाग गए।

“पवित्रशास्त्र की वे बातें कि ऐसा ही होना अवश्य है, कैसे पूरी होंगी?” यीशु की इस बात के द्वारा, हम देख सकते हैं कि मसीह उस मार्ग पर चलते थे जो बाइबल की भविष्यवाणियों के द्वारा पहले से ही नियुक्त किया गया था। यहूदी, जो आम समय में यीशु को पकड़ने की कोशिश नहीं करते थे, फसह के बाद तुरन्त ही यीशु को पकड़ने के लिए आ गए; यीशु भी उन्हें हराने के लिए बारह से अधिक स्वर्गदूतों की पलटनों को आज्ञा दे सकते थे, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया। आप क्या सोचते हैं कि उसका कारण क्या था? जब यीशु को पकड़ा गया था, तो वह ऊन कतरने वाले के सामने चुपचाप शान्त रहनी वाली भेड़ी के समान ले जाए गए; जब उन्हें कोड़े मारे गए, उन्होंने अपना मुंह न खोला; और वह स्वेच्छा से क्रूस पर मर गए। यीशु ने यह सब कुछ भविष्यवाणियों को पूरा करने के लिए किया था। यह सब इसलिए हुआ क्योंकि बाइबल में इसके विषय में भविष्यवाणी की गई थी।

बाइबल की प्रत्येक भविष्यवाणी संपूर्ण है। यीशु मसीह सर्वशक्तिमान परमेश्वर हैं जो सब कुछ कर सकते हैं, लेकिन उन्होंने स्वयं को संपूर्ण रूप से भविष्यवाणियों के अधीन कर देने का उदाहरण दिखाया, और इसके द्वारा उन्हें महिमा दी गई। (फिलि 2:5–11) इसके द्वारा, हम समझ सकते हैं कि प्रत्येक भविष्यवाणी में संसार के सब लोगों पर अपनी महिमा प्रकट करने का परमेश्वर का गहरा उद्देश्य रखा हुआ है।

भविष्यवाणी के अनुसार जिए गए हमारे जीवन के अंत में निश्चय ही महिमा, आशीर्वाद, अनन्त जीवन और स्वर्ग का राज्य है। आइए हम इस सत्य की यीशु के कार्यों के द्वारा पुष्टि करें, ताकि हम भी यीशु की तरह भविष्यवाणियों के अनुसार जी सकें।

प्रत्येक भविष्यवाणी निश्चित रूप से पूरी होती है



लूका रचित सुसमाचार में, हम देख सकते हैं कि जब यीशु जी उठे, उन्होंने इम्माऊस नामक एक गांव के रास्ते पर अपने दो चेलों के साथ चलते हुए उन्हें यह बात सिखाई कि प्रत्येक भविष्यवाणी बिना किसी चूक के पूरी होनी चाहिए।

लूक 24:13–27 उसी दिन उनमें से दो जन इम्माऊस नामक एक गांव को जा रहे थे, जो यरूशलेम से कोई सात मील की दूरी पर था। वे इन सब बातों पर जो हुईं थीं, आपस में बातचीत करते जा रहे थे, और जब वे आपस में बातचीत और पूछताछ कर रहे थे, तो यीशु आप पास आकर उनके साथ हो लिया। परन्तु उनकी आंखें ऐसी बन्द कर दी गई थीं कि उसे पहिचान न सके... तब उसने उनसे कहा, “हे निर्बुद्धियो, और भविष्यद्वक्ताओं की सब बातों पर विश्वास करने में मन्दमतियो! क्या अवश्य न था कि मसीह ये दु:ख उठाकर अपनी महिमा में प्रवेश करे?” तब उसने मूसा से और सब भविष्यद्वक्ताओं से आरम्भ करके सारे पवित्रशास्त्र में से अपने विषय में लिखी बातों का अर्थ, उन्हें समझा दिया।

भविष्यवाणी के अनुसार यीशु का पुनरुत्थान हुआ था, लेकिन उनके चेलों ने उस पर विश्वास नहीं किया था। यीशु ने उन्हें भविष्यवाणियों पर विश्वास करने में मन्द होने के लिए डांटा और अपने साथ जो भी हुआ था उसे उन्हें समझाया: भविष्यवाणी के अनुसार, वह अपने दाएं और बाएं कुकर्मियों के साथ एक पापबलि के रूप में क्रूस पर मर गए; भविष्यवाणी के अनुसार, उनके शव को एक धनी पुरुष की कब्र में दफनाया गया; और क्रूस पर मर जाने के बाद तीसरे दिन वह मृतकों में से फिर से जी उठे।

जब चेले यीशु की बातें सुन रहे थे, तो उनके हृदय के भीतर आग सी भड़क उठी। ‘यह सच है! इन सब के बारे में बाइबल में भविष्यवाणी की गई थी, तो भी हम ने उस पर विश्वास न करते हुए उसे सिर्फ यथार्थ रूप में समझने की क्यों कोशिश की?’ सिर्फ तभी चेलों ने इसे महसूस किया।

मसीह का मरे हुओं में से तीसरे दिन फिर जी उठना मनुष्यों की कल्पनाओं और समझ से बाहर था। न केवल चेलों के लिए लेकिन उन दिनों के सब लोगों के लिए भी यह विश्वास करना मुश्किल था कि यीशु जिन्होंने कठोर कष्ट सहन किया था और जो क्रूस पर मर गए थे, वह मरे हुओं में से फिर जी उठे हैं। हालांकि, यीशु के पुनरुत्थान के बारे में बाइबल में पहले से भविष्यवाणी की गई थी, और सब बातें व्यावहारिक बुद्धि से नहीं लेकिन भविष्यवाणी के अनुसार घटित हुई थीं। अब आइए हम पुराने नियम की भविष्यवाणी देखें जो मसीह की पीड़ाओं को और उसके अर्थ को दर्शाती है।

यश 53:1–9 ... क्योंकि वह उसके सामने अंकुर के समान, और ऐसी जड़ के समान उगा जो निर्जल भूमि में फूट निकले; उसकी न तो कुछ सुन्दरता थी कि हम उसको देखते, और न उसका रूप ही हमें ऐसा दिखाई पड़ा कि हम उसको चाहते... हम ने उसका मूल्य न जाना। निश्चय उसने हमारे रोगों को सह लिया और हमारे ही दु:खों को उठा लिया; तौभी हम ने उसे परमेश्वर का मारा–कूटा और दुर्दशा में पड़ा हुआ समझा। परन्तु वह हमारे ही अपराधों के कारण घायल किया गया, वह हमारे अधर्म के कामों के कारण कुचला गया; हमारी ही शान्ति के लिये उस पर ताड़ना पड़ी, कि उसके कोड़े खाने से हम लोग चंगे हो जाएं... अत्याचार करके और दोष लगाकर वे उसे ले गए; उस समय के लोगों में से किसने इस पर ध्यान दिया कि वह जीवतों के बीच में से उठा लिया गया? मेरे ही लोगों के अपराधों के कारण उस पर मार पड़ी। उसकी कब्र भी दुष्टों के संग ठहराई गई, और मृत्यु के समय वह धनवान का संगी हुआ...

यशायाह नबी ने 700 सालों के बाद आनेवाले मसीह, यानी यीशु के शारीरिक रूप–रंग और जो जो उनके साथ होने वाला था उसके विषय में विस्तार से लिखा था कि यीशु को कोड़े मारे जाएंगे, बरछे से बेधा जाएगा, और दुष्टों के साथ क्रूस पर चढ़ाया जाएगा और एक धनी पुरुष की कब्र में दफनाया जाएगा। 700 सालों के बाद यीशु के द्वारा उसकी भविष्यवाणी पूर्ण रूप से पूरी हो गई। यीशु के जन्म से लेकर मृत्यु तक और उसके बाद हुए पुनरुत्थान के वर्णन पुराने नियम के बहुत से नबियों के द्वारा की गई सभी भविष्यवाणियों से पूर्ण रूप से मेल खाते हैं।

इस पृथ्वी पर ऐसा कौन है जो भविष्य में होने वाली बातों को बता सकता है और उन्हें ठीक वैसे ही पूरा कर सकता है? यह सब सिर्फ इसलिए मुमकिन है कि सर्वशक्तिमान परमेश्वर इसकी योजना बनाते हैं और उसे पूरा करते हैं। हर एक बात बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार पूरी होनी चाहिए।

भविष्यवाणियों का आदर करने वालों की महिमा



हमें इसके बारे में गंभीरतापूर्वक सोचना चाहिए कि हमें परमेश्वर की भविष्यवाणियों केप्रति कैसा रवैया रखना चाहिए। प्राचीन इस्राएल में, जब यहूदा का राज्य बेबीलोन के द्वारा नष्ट किया गया था, उस समय यिर्मयाह नबी ने प्रकट होकर भविष्यवाणी की थी कि यहूदा और उसके आसपास की सभी जातियां 70 सालों तक बेबीलोन के राजा की सेवा करेंगे, और उस समय हनन्याह नामक एक झूठा नबी था जिसने अपने विचारों से परमेश्वर के वचनों को उलटा अर्थ लगाया था। बहुत से लोग जिन्होंने झूठे नबी का पालन किया वे सब नष्ट हो गए, लेकिन बहुत थोड़े से लोग जिन्होंने परमेश्वर की भविष्यवाणियों पर विश्वास किया और सभी मुसीबतों को पार किया वे 70 सालों के बेबीलोन के दासत्व से मुक्त होकर अंत में महिमा के साथ अपने देश में वापस लौट सके।

परमेश्वर ने भी भविष्यवाणी की थी कि शैतान के द्वारा साढ़े तीन काल तक सत्य कुचला जाएगा, और भविष्यवाणी के अनुसार ऐसा समय आया भी था जब सत्य को कुचला गया था। उन्होंने यह भी भविष्यवाणी की थी कि सत्य पुन:स्थापित किया जाएगा और यह भी कि संत फिर से राज्य और सामर्थ्य पाएंगे। भविष्यवाणी के अनुसार, आज सिय्योन के लोग परमेश्वर की आज्ञाओं का पालन करते हैं और अपना विश्वास बनाए रखते हैं।

इस तरह से, परमेश्वर उन सब बातों को पूरा करते हैं जिनकी उन्होंने भविष्यवाणी की है। अब हमें बाइबल की भविष्यवाणियों को देखना चाहिए और इस दृढ़ विश्वास के साथ विश्वास का जीवन जीना चाहिए कि सब कुछ भविष्यवाणियों के अनुसार पूरा हो जाएगा।

दान 12:1–3 ... परन्तु उस समय तेरे लोगों में से जितनों के नाम परमेश्वर की पुस्तक में लिखे हुए हैं, वे बच निकलेंगे। जो भूमि के नीचे सोए रहेंगे उन में से बहुत से लोग जाग उठेंगे, कितने तो सदा के जीवन के लिये, और कितने अपनी नामधराई और सदा तक अत्यन्त घिनौने ठहरने के लिये। तब सिखानेवालों की चमक आकाशमण्डल की सी होगी, और जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा तारों के समान प्रकाशमान रहेंगे।

भविष्यवाणी की गई है कि जो बहुतों को धर्मी बनाते हैं, वे सर्वदा तारों के समान प्रकाशमान रहेंगे, और ऐसे भी लोग होंगे जो सदा तक नामधराई और अपमान पाएंगे। यह वह भविष्यवाणी है जो आज परमेश्वर ने हमें स्वर्ग के महिमामय और अनन्त आशीर्वाद देने के लिए दी है।

जैसे कि बाइबल की दूसरी सभी भविष्यवाणियां ठीक ठीक पूरी हुई हैं, वैसे ही यह भविष्यवाणी भी ठीक ठीक पूरी हो जाएगी; जब तक सब कुछ पूरा नहीं हो जाता, तब तक बाइबल से एक छोटी मात्रा या एक बिन्दु भी नहीं मिट जाएगा। बहुत से लोगों को प्रचार करके धार्मिकता की ओर ले आने की प्रक्रिया में कठिनाइयां और सताव आ सकते हैं। हालांकि, हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि अंत में वह हमें अनन्त स्वर्ग के राज्य में ले जाएगा।

मत 24:12–14 अधर्म के बढ़ने से बहुतों का प्रेम ठण्डा पड़ जाएगा, परन्तु जो अन्त तक धीरज धरे रहेगा, उसी का उद्धार होगा। और राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो, तब अन्त आ जाएगा।

मर 16:14–16 पीछे वह उन ग्यारहों को भी, जब वे भोजन करने बैठे थे दिखाई दिया, और उनके अविश्वास और मन की कठोरता पर उलाहना दिया, क्योंकि जिन्होंने उसके जी उठने के बाद उसे देखा था, इन्होंने उनकी प्रतीति न की थी। और उसने उनसे कहा, “तुम सारे जगत में जाकर सारी सृष्टि के लोगों को सुसमाचार प्रचार करो। जो विश्वास करे और बपतिस्मा ले उसी का उद्धार होगा, परन्तु जो विश्वास न करेगा वह दोषी ठहराया जाएगा।”


नई वाचा का सुसमाचार परमेश्वर का एक सामर्थी वचन है; जो भी सुसमाचार पर विश्वास करते हैं और उसका पालन करते हैं वे उद्धार पाएंगे, लेकिन जो उसका पालन नहीं करते उन्हें दंड दिया जाएगा। यीशु ने हमें स्वयं सिखाया है कि राज्य का यह सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा, कि सब जातियों पर गवाही हो। इसलिए चाहे कितनी भी बाधाएं आएं, यह पूर्वनिर्धारित किया गया है कि अंत में सुसमाचार सारे जगत में प्रचार किया जाएगा। यह परमेश्वर की भविष्यवाणी है।

तब, परमेश्वर के आशीर्वादों को पाने के लिए हमें कैसा जीवन जीना चाहिए? जब हम भविष्यवाणी के वचनों पर विश्वास रखें और उनका पालन करें और मसीह की गवाही दें, तो हमें परमेश्वर के आशीर्वादों का वादा किया जाता है। हम वो भविष्यसूचक लोग हैं जिन्हें पूरे संसार में जाने का और सभी जातियों को प्रचार करने का दायित्व सौंपा गया है। आत्मिक रूप से, हमें परमेश्वर के उद्धार के कार्य को पूरा करने का बहुमूल्य कार्य सौंपा गया है।(1पत 1:12)

आइए हम अंतिम भविष्यवाणी के नायक बनें



यीशु ने हमें सिखाया है कि बाइबल की प्रत्येक भविष्यवाणी बिना चूक के पूरी होती है। यीशु की शिक्षा को मन में रखते हुए, हमें बहुत से लोगों को धार्मिकता की ओर ले आने का कार्य खुशी के साथ करना चाहिए, ताकि हम इस युग में हमारे लिए की गई भविष्यवाणी के अनुसार, परमेश्वर की महिमा में भागी बन सकें और सर्वदा तारों के समान प्रकाशमान हो सकें।

लूक 24:44–47 फिर उसने उनसे कहा, “ये मेरी वे बातें हैं, जो मैं ने तुम्हारे साथ रहते हुए तुम से कही थीं, कि अवश्य है कि जितनी बातें मूसा की व्यवस्था और भविष्यद्वक्ताओं और भजनों की पुस्तकों में मेरे विषय में लिखी हैं, सब पूरी हों।”... और यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार, उसी के नाम से किया जाएगा।

जैसे कि यीशु ने भविष्यवाणी की थी कि, “यरूशलेम से लेकर सब जातियों में मन फिराव का और पापों की क्षमा का प्रचार किया जाएगा,” दुनिया के सभी लोग नई यरूशलेम, स्वर्गीय माता से पापों की क्षमा और जीवन की आशीष पाने के लिए, भविष्यवाणी किए गए पूर्वी देश, कोरिया में उड़े चले आते हैं जहां स्वर्गीय माता रहती हैं। आप क्या सोचते हैं कि ये सब बातें अब हमारी आंखों के सामने क्यों पूरी हो रही हैं? यह परमेश्वर की सामर्थ्यवान भविष्यवाणी का कार्य है। कौन उसे रोक सकेगा?

इस भविष्यसूचक युग में, परमेश्वर ने हमें नायक बनने के लिए बुलाया है और कहा है कि, “तुम जाओ, सब जातियों के लोगों को चेला बनाओ; और उन्हें पिता, और पुत्र, और पवित्र आत्मा के नाम से बपतिस्मा दो, और उन्हें सब बातें जो मैं ने तुम्हें आज्ञा दी है, मानना सिखाओ।”(मत 28:18–20) अब हम सत्य के नगर, सिय्योन में आ चुके हैं, जहां वह नई वाचा है जिसे यीशु ने बताया था और प्रेरितों ने प्रचार किया था। चूंकि यहां सिय्योन में एलोहीम परमेश्वर हमारे साथ हैं, सुसमाचार की ज्योति सामरिया और पृथ्वी की छोर तक शीघ्रता से फैल जाएगी।(इब्र 12:22–24; यश 33:20–24)

जो भविष्यवाणियों के अनुसार जीते हैं वे निश्चय ही परमेश्वर की महिमा में प्रवेश करेंगे। बाइबल की प्रत्येक भविष्यवाणी पर दृढ़ता से विश्वास करते हुए, आइए हम भविष्यवाणी के अनुसार जीवन जीएं। परमेश्वर ने हमें भविष्यवाणी के नायकों के रूप में नियुक्त किया है। इस महिमामय आशीर्वाद को तुच्छ न समझते हुए, आइए हम एलोहीम परमेश्वर की महिमा की ज्योति पूरे संसार में चमकाएं।