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स्वर्ग के संवृद्धि वलय

अमरीका में एक पेड़ है जो लगभग पांच हजार साल पुराना है, जो अब तक का ज्ञात सबसे पुराना जीवित पेड़ है। इस पेड़ में लगभग पांच हजार संवृद्धि वलय(पेड़ पर हर साल लगाया जाने वाला चक्रहृ हैं। ये पेड़ की खुशी और दु:ख, पीड़ा और तकलीफों का ब्योरा देते हैं जो प्रत्येक वर्ष पेड़ ने सह लिए। इसलिए, चाहे पांच हजार साल बीत चुके हैं, लेकिन यदि विशेषज्ञ उन वलयों को देखते हैं तो वे अंदाजा लगा सकते हैं कि उस समय में पेड़ के साथ क्या हुआ था।
हमारे पास, जो अनन्त स्वर्ग की आशा रखते हैं, स्वर्ग के संवृद्धि वलय हैं, यानी वे आत्मिक वलय जो हमारे पिछले जीवन का ब्योरा देते हैं। इसलिए, आइए हम यह जांचने के लिए अपने आपको देखें कि 2013 में हमारे संवृद्धि वलयों में क्या दर्ज किया जा रहा है। सिय्योन के लोग होने के तौर पर, आइए हम सब उन चीजों के बारे में सोचें जो हमने सुसमाचार के लिए की हैं और यह भी सोचें कि हमारे संवृद्धि वलयों में दर्ज हमारे सभी प्रयास वापस स्वर्ग की ओर हमारी अगुआई कर सकेंगे या नहीं। यदि अब तक हम में कुछ कमी है, तो आइए हम अब से लेकर स्वर्ग में दर्ज किए जा रहे संवृद्धि वलयों को शालीनतापूर्वक बनाएं।

पेड़ के संवृद्धि वलय, यानी पेड़ का इतिहास


प्रत्येक पेड़ के वार्षिक वलयों में उसके जीवन का इतिहास दर्ज किया हुआ होता है। वे वार्षिक वलय केवल पेड़ की उम्र ही नहीं बताते, लेकिन उस पेड़ के विषय में विस्तार से ब्योरा देते हैं, जैसे कि वह पेड़ प्रत्येक वर्ष किस पर्यावरण में रहा था और उसके साथ क्या घटित हुआ था।
वसन्त ऋतु से लेकर पतझड़ तक, पेड़ की कोशिकाएं बहुत ही तेजी से विकसित होती हैं और पेड़ की अंदर की छाल नर्म होती है। हालांकि, सूखे या शरद ऋतु में पेड़ की कोशिकाएं कड़ी हो जाती हैं और अंदर की छाल सख्त हो जाती है। पर्यावरण के ये बदलाव या परिवर्तन वार्षिक वलयों को पैदा करते हैं।
जबकि, उष्णकटिबंधीय वर्षावन के पेड़ों में, जहां बहुत ज्यादा वर्षा होती है और औसत तापमान काफी हद तक स्थायी रहता है, स्पष्ट संवृद्धि वलय नहीं होते और कुछ पेड़ तो संवृद्वि वलय पैदा ही नहीं करते। दूसरी तरफ, समशीतोष्ण प्रदेश के पेड़ सुस्पष्ट वार्षिक वलय पैदा करते हैं। इस मामले में, उन वार्षिक वलयों के माध्यम से, उन सभी पर्यावरण संबंधी प्रक्रियाओं और परिस्थितियों का, जहां उनका विकास हुआ था, विश्लेषण किया जा सकता है। चाहे हमने उन पेड़ों के विकास–क्रम को कभी नहीं देखा, हम जान सकते हैं कि उस प्रदेश में कब आग लगी थी, कब सूखा आया था, कब बाढ़ आई थी, और कब सामान्य वर्षा हुई थी कि वे अच्छे से बढ़ सकें। चाहे पेड़ बोल नहीं सकते, लेकिन उनके वार्षिक वलय उस सुख या दु:ख आदि के विषय में सब कुछ कह देते हैं, जिससे वे पेड़ अपने जीवनकाल में गुजरे हैं। इसलिए, जिनके पास पेड़ों के विषय में कुछ ज्ञान है, वे सिर्फ किसी पेड़ के वार्षिक वलयों को देखकर, आसानी से जान सकते हैं कि पेड़ का जीवन मुश्किलों से भरा रहा था या फिर उसने एक सुखकर पर्यावरण में जीवन बिताया था।
जैसे एक पेड़ अपने संवृद्धि वलयों में अपने जीवन का ब्योरा छोड़ता है, वैसे हम भी अपने आत्मिक संवृद्धि वलयों में अपने विश्वास के जीवन का ब्योरा छोड़ते हैं। जब हम अनन्त स्वर्ग के राज्य में वापस जाएंगे, तो हमारे पास सुस्पष्ट संवृद्धि वलय होंगे जो दिखाएंगे कि हमने राज्य के सुसमाचार के लिए किस प्रकार का जीवन जिया है।
लोग पेड़ के संवृद्धि वलयों के माध्यम से पेड़ के जीवन चरित्र को पढ़ सकते हैं। तब, क्या आप ऐसा सोचते हैं कि परमेश्वर हमारे जीवन के निशानों को नहीं जान सकते? परमेश्वर हम सब के बारे में सब कुछ जानते हैं। हम मनुष्य, दूसरों के विचारों को पूरी तरह से नहीं जान सकते, और इसलिए हम उनकी बाहरी दिखावट से उनका न्याय करते हैं। केवल परमेश्वर ही हैं जो हमारे हृदय और सब विचारों को जानते हैं। परमेश्वर हमारे उन संवृद्धि वलयों को देखते हैं, जिनमें वे सब बातें दर्ज की गई हैं जो कि हम अपने विश्वास के जीवन के दौरान करते थे।

स्वर्ग के संवृद्धि वलयों पर हमारे जीवन के निशान दिखाई देते हैं



स्वर्ग के संवृद्धि वलय हमारे बारे में सब कुछ प्रकट करते हैं। वे मसीह के सुसमाचार का प्रचार करने के हमारे प्रयासों को हूबहू दर्ज करते हैं और उन समयों को भी दर्ज करते हैं जब हमारे पास एक प्रचारक का पद होने पर भी हम आलसी बने थे या सुसमाचार का प्रचार करने में बेपरवाह बने थे। वह समय जब हम परीक्षण में पड़ गए थे और लक्ष्यहीनता से इधर–उधर घूमते थे, और वह समय भी जब हमने परमेश्वर पर जोशपूर्ण विश्वास के साथ, उत्साह से हमारी दौड़ दौड़ी थी; यह सब स्वर्ग के हमारे संवृद्धि वलयों पर अंकित किया गया है।
केवल एक पेड़ के वार्षिक वलयों को देखकर ही हम समझ सकते हैं कि कब उस पेड़ ने आग का सामना किया था, कब उसने सूखे का सामना किया था, और कब उसने ठंड का सामना किया था। परमेश्वर हमारे दिल और दिमाग को गहराई से देखते हैं। हमारे स्वर्ग के संवृद्धि वलयों के माध्यम से, परमेश्वर ठीक से हमारे बारे में सब कुछ जानते हैं।
जहां साल भर तापमान एक समान रहता है, उस उष्णकटिबंधीय प्रदेश के पेड़ वार्षिक वलयों को पैदा नहीं करते। ऐसा इसलिए है क्योंकि वे तापमान के दबाव का सामना नहीं करते। हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों के साथ भी वैसा ही है; वे उस समय पैदा नहीं होते जब हम लगातार आरामदायक अवस्था में रहते हुए एक अर्थहीन जीवन जीते हैं, लेकिन उस समय पैदा होते हैं जब हम क्लेश और कठिनाइयों का सामना करते हैं। उत्साह के साथ सुसमाचार का प्रचार करते समय, कभी–कभी हम कठिनाई और सताव का सामना कर सकते हैं, और कभी–कभी ऐसी ही मुश्किल परिस्थिति में हम परमेश्वर के अनुग्रह से एक अच्छा फल फल सकते हैं। हमेशा परिवर्तनशील रहने वाली उन परिस्थितियों के बीच में, 2013 के संवृद्धि वलय अब तैयार हो रहे हैं।
जिन लोगों ने इसकी परवाह न करते हुए कि दूसरे उन पर ध्यान दे रहे हैं या नहीं, केवल सुसमाचार के लिए अपने पूरे हृदय और मन से विश्वासी होकर कार्य किया है, उनके संवृद्धि वलय सुंदर रूप से तैयार हो रहे हैं जो कि परमेश्वर को मनभावने हैं। इसलिए, परमेश्वर ने हम, अपकी सन्तानों को अपना सारा मन और प्राण सुसमाचार के कार्य में लगाने को कहा है, ताकि जब हम अपने स्वर्गीय घर में वापस जाएं, तो हम महिमा का वह मुकुट पा सकें जो कभी भी नहीं मुरझाएगा।(1पत 5:1–4)

प्रक 2:10 “... प्राण देने तक विश्वासी रह; तो मैं तुझे जीवन का मुकुट दूंगा।”


यदि अनन्त दुनिया की नजर से देखा जाए, तो जीवन बहुत ही छोटा है। हमें दिए गए कष्ट और कठिनाइयों का समय भी बहुत छोटा है। हालांकि, यदि हम केवल कुछ समय के लिए आनेवाली कठिनाइयों को टालने का प्रयास करें और केवल देह की अभिलाषाओं के अनुसार चलते हुए आलस्य और आत्मसंतोष में जीवन जीएं, तो हमारे आत्मिक संवृद्धि वलय सुंदर और सुस्पष्ट रूप से तैयार नहीं होंगे, और कुछ मामलों में तो वे पैदा भी नहीं होंगे।
चूंकि हमने अपने विश्वास के जीवन की शुरुआत कर दी है, तो क्या हमें परमेश्वर के प्रति जोशपूर्ण प्रेम के साथ विश्वास के मार्ग पर नहीं चलना चाहिए? ऐसा करते हुए, आइए हम सबसे ज्यादा सुंदर संवृद्धि वलय धारण करें, जो कि हमारे स्वर्ग जाने के समय परमेश्वर को सबसे ज्यादा मनभावने हो।

मैं प्रत्येक को उसके कार्यों के अनुसार बदला दूंगा



जैसे संवृद्धि वलय एक पेड़ के जीवन चरित्र को ठीक–ठीक दर्शाते हैं, वैसे ही स्वर्ग के संवृद्धि वलय हमारे विश्वास के जीवन को जैसा है वैसा ही प्रकट करते हैं। हमारे आत्मिक संवृद्धि वलय हमारे जीवन के प्रत्येक क्षण के ब्योरे को संजोकर रखते हैं, जैसे कि हम कब परीक्षण में गिर गए थे, हमने कब अपने आधे मन को संसार पर और बाकी आधे मन को स्वर्ग पर लगाया था, और हमने कब स्वर्ग की ओर उत्सुकता के साथ दौड़ दौड़ी थी। परमेश्वर ने कहा है कि वह प्रत्येक को उसके कार्यों के अनुसार बदला देंगे।

प्रक 22:12 “देख, मैं शीघ्र आनेवाला हूं; और हर एक के काम के अनुसार बदला देने के लिए प्रतिफल मेरे पास है।”

स्वर्ग में मिलने वाला बदला अनन्त है। परमेश्वर जानते हैं कि किसने ज्यादा कार्य किया है और किसने कम, और वह हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देते हैं।
आइए हम सोचें कि आज एक संवृद्धि वलय और जोड़ने के लिए हमें क्या करना चाहिए, और 2013 में अपने आत्मिक संवृद्धि वलयों को सुंदर रूप से तैयार करें। यह अच्छा होगा यदि हमारे संवृद्धि वलय परमेश्वर से ऐसी सराहना पाने के योग्य सुंदर रूप से तैयार हुए हैं कि, “आपने सुसमाचार के लिए बहुत दु:ख उठाए हैं। दु:ख आने पर भी आपने अपना विश्वास नहीं छोड़ा लेकिन उसे थामे रहे। इसलिए, मुझे लगता है कि आप यह इनाम पाने के योग्य हैं।”
यीशु के नीचे के दृष्टांत में, हम यह दृश्य भी देख सकते हैं जहां परमेश्वर हर एक को उसके कामों के अनुसार बदला देते हैं।

लूक 19:12–26 अत: उसने कहा, “एक धनी मनुष्य दूर देश को चला ताकि राजपद पाकर लौट आए। उसने अपने दासों में से दस को बुलाकर उन्हें दस मुहरें दीं और उनसे कहा, ‘मेरे लौट आने तक लेन–देन करना।’... “जब वह राजपद पाकर लौटा, तो ऐसा हुआ कि उसने अपने दासों को जिन्हें रोकड़ दी थी, अपने पास बुलवाया ताकि मालूम करे कि उन्होंने लेन–देन से क्या–क्या कमाया। जब पहले ने आकर कहा, ‘हे स्वामी, तेरी मुहर से दस और मुहरें कमाई हैं।’ उसने उससे कहा, ‘धन्य, हे उत्तम दासॐ तू बहुत ही थोड़े में विश्वासयोग्य निकला अब दस नगरों पर अधिकार रख।’ दूसरे ने आकर कहा, ‘हे स्वामी, तेरी मुहर से पांच और मुहरें कमाई हैं।’ उसने उससे भी कहा, ‘तू भी पांच नगरों पर हाकिम हो जा।’ तीसरे ने आकर कहा, ‘हे स्वामी, देख तेरी मुहर यह है, जिसे मैं ने अंगोछे में बांध रखा था... उसने उससे कहा, ‘हे दुष्ट दास... और जो लोग निकट खड़े थे, उसने उनसे कहा, ‘वह मुहर उससे ले लो, और जिसके पास दस मुहरें हैं उसे दे दो।’ उन्होंने उससे कहा, ‘हे स्वामी, उसके पास दस मुहरें तो हैं।’ ‘मैं तुमसे कहता हूं कि जिसके पास है, उसे दिया जाएगा; और जिसके पास नहीं है, उससे वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा।
उस व्यक्ति के संवृद्धि वलय जो बहुत ही थोड़े में भी विश्वासी होता है, विश्वसनीय क्षणों से भरपूर होते हैं। परमेश्वर ने कहा है कि वह उस व्यक्ति को, जिसने अपने कार्य में विश्वासी रहकर बहुत से तोड़े कमाए हैं, ज्यादा आशीषें देंगे, लेकिन जिसके पास कुछ भी नहीं है, उस व्यक्ति से वह भी जो उसके पास है ले लिया जाएगा। हमारे सारे प्रयास जो हमने परमेश्वर का कार्य करने के लिए किए हैं, हमारे स्वर्ग के संवृद्धि वलयों पर दर्ज किए गए हैं। मैं चाहता हूं कि सिय्योन के सभी सदस्य सुसमाचार के कार्य के लिए मेहनत करें ताकि उनके प्रयास उनके आत्मिक संवृद्धि वलयों पर दर्ज किए जाएं और उस बुद्धिमान दास के समान जिसने दस मुहरें कमाई थीं, वे भी पिता परमेश्वर से “बहुत अच्छाॐ” ऐसी सराहना प्राप्त करें और उनसे इनाम भी प्राप्त करें।

मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा


चाहे हम सब सुसमाचार का प्रचार करते हैं, हमारा परिणाम इस आधार पर अलग–अलग आता है कि हम सुसमाचार का कार्य किस मन के साथ करते हैं। परमेश्वर केवल हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों को देखकर ही जानते हैं कि वे संवृद्धि वलय कष्टों के मध्य में बने हैं या आलस्य के मध्य में।

गल 6:7–8 “धोखा न खाओ; परमेश्वर ठट्ठों में नहीं उड़ाया जाता, क्योंकि मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।”


ऐसे लोग होते हैं जो अपना समय, धन, शक्ति और प्रयास शरीर की चीजों के लिए लगाते हैं, और ऐसे भी लोग होते हैं जो हमेशा इसके विषय में सोचते हैं कि स्वर्ग में प्रवेश करने के लिए और परमेश्वर को प्रसन्न करने के लिए उन्हें क्या करना चाहिए और प्रतिदिन उसके लिए प्रार्थना करते हैं। हमने जो बोया है, हम वही काटेंगे। यदि हम मेहनत से कार्य करें, तो अवश्य ही हम परमेश्वर से उसके अनुसार आशीष और इनाम पाएंगे, और यदि हम आलसी हैं, तो हमें उसका बदला दिया जाएगा।
“मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा,” यह सत्य है। यह सच में डरावने शब्द हैं। यदि हम दुष्ट विचारों के साथ कुछ कार्य करते हैं, तो निश्चय हम उसके अनुसार परिणाम पाएंगे। यदि हमने दुष्टता बोई है, तो कैसे हम अच्छाई काट सकते हैं? जिसने जो बोया है, वह वही काटेगा। चाहे लगता हो कि हम सुसमाचार के लिये कार्य रहे हैं, लेकिन यदि वास्तव में वह हमारे खुद के शरीर के लिए हो, तो शरीर के द्वारा हम विनाश की कटनी काटेंगे।
अब हम 2013 के लिए आत्मिक संवृद्धि वलय तैयार कर रहे हैं। आज भी, आइए हम, चाहे घर पर हों या चर्च में हों या फिर सुसमाचार की अगली पंक्ति में हों, जो परमेश्वर की दृष्टि में धर्मी है वही बोते हुए सुंदर संवृद्धि वलय तैयार करें।
आत्मिक संवृद्धि वलयों के बहुत से प्रकार हैं: आज्ञापालन के वलय, प्रेम के वलय, बलिदान और समर्पण के वलय, स्वर्ग की आशा के वलय, इत्यादि। हमारे जीवन के प्रत्येक क्षण हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों में दर्ज किए जा रहे हैं: कब हमने परमेश्वर और सदस्यों के लिए परिश्रम और बलिदान किया था? हम परमेश्वर के वचनों के प्रति कितने आज्ञाकारी हैं? हमारा मन और विचार कैसे हैं? चाहे हम कुछ भी बोलें, चाहे हम कुछ भी करें, वह सब कुछ हमारे संवृद्धि वलयों पर अंकित किया जा रहा है। इसी कारण से परमेश्वर ने कहा है कि वह हर एक को उसके कार्यों के अनुसार बदला देंगे।
इस समय भी हमारे आत्मिक संवृद्धि वलय तैयार किए जा रहे हैं। क्या हमें अच्छा विश्वास धारण करके और आज्ञापालन करके और सुसमाचार के प्रचार के कार्य में खुद को समर्पित करके अपने संवृद्धि वलयों को सुंदर नहीं बनाना चाहिए? यदि हम ऐसा करें, तो जब परमेश्वर हमारे संवृद्धि वलयों को देखेंगे, तो वह हमसे कहेंगे कि, “आप ऐसी दाख हो जिसने निरीक्षण को पास किया है। मैं आपको अभी स्वर्ग में प्रवेश करने की अनुमति देता हूं।”


आइए हम सुंदर संवृद्धि वलय तैयार करें


जो कुछ कार्य हम करते हैं वह कभी भी मिटाया नहीं जा सकता। क्योंकि जब तक हम जीवित हैं, हमारे संवृद्धि वलय हमेशा हमारे साथ रहते हैं। अपने संवृद्धि वलयों को सुंदर बनाने के लिए, हमें विश्वसनीयता, जोश और उत्साह के साथ सुसमाचार के लिए कार्य करना चाहिए। सुसमाचार का प्रचार करने के लिए मेहनत करने के अतिरिक्त, हमें उत्सुकता से प्रार्थना करनी चाहिए और अपने हृदयों में परमेश्वर से डरने वाला विश्वास रखकर, परमेश्वर के वचनों का अध्ययन करना चाहिए। परमेश्वर हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों में दर्ज किए गए हमारे सभी निशानों को पहचानते हैं।

सभ 12:9–14 “... सब कुछ सुना गया; अन्त की बात यह है कि परमेश्वर का भय मान और उसकी आज्ञाओं का पालन कर; क्योंकि मनुष्य का सम्पूर्ण कत्र्तव्य यही है। क्योंकि परमेश्वर सब कामों और सब गुप्त बातों का, चाहे वे भली हों या बुरी, न्याय करेगा।”


जो परमेश्वर का भय मानते हैं और उनकी आज्ञाओं का पालन करते हैं, वे परमेश्वर की दृष्टि में सबसे ज्यादा सुंदर संवृद्धि वलय धारण कर सकते हैं। आइए हम आज भी यह जांचने के लिए अपने आपको देखें कि क्या हम परमेश्वर के वचनों के अनुसार जीवन जी रहे हैं या नहीं। हमें अपने स्वर्गीय पिता और माता के प्रत्येक वचन का, जो उन्होंने हमें हमारे उद्धार के लिए दिए हैं, खुशी और धन्यवाद के साथ पालन करना चाहिए, और जहां कहीं भी वे हमें ले जाते हैं वहां उनका पालन करना चाहिए, ताकि हम सुंदर संवृद्धि वलयों को तैयार कर सकें और अनन्त स्वर्ग के राज्य में जा सकें।
जब हम प्रार्थना करते हैं, तो उस समय भी हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों में हमारा रवैया दर्ज किया जाता है कि, हम अपने हृदय परमेश्वर को देकर उत्सुकता से प्रार्थना करते हैं या आदत के कारण प्रार्थना करते हैं या फिर विश्वास के बिना, केवल दूसरों को देखकर प्रार्थना करते हैं। जब हम परमेश्वर के वचनों का प्रचार करते हैं, तो वह बात तुरन्त ही हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों पर दर्ज की जाती है। जब हम परमेश्वर के वचन पढ़ते हैं, फिर चाहे वह केवल एक ही पद क्यों न हो, वह हमारे संवृद्धि वलयों में दर्ज किया जाता है। जब हम एक आत्मा को भी बचाने के लिए ईमानदार मन से परमेश्वर की इच्छा के अधीन रहते हैं, वह भी हमारे संवृद्धि वलयों में दर्ज किया जाता है। ये सब बातें जमा होती हैं और वे एक ऐसा बड़ा आत्मिक संवृद्धि वलय पैदा कर रही हैं जो साफ तौर पर जाहिर करता है कि हमने अपना विश्वास का जीवन किस प्रकार से जिया है।
मैं आप सब सिय्योन के लोगों से उत्सुकतापूर्वक विनती करता हूं कि आप 2013 में यरूशलेम की महिमा का पूरे विश्व में बलपूर्वक प्रचार करें, ताकि आप सुंदर आत्मिक संवृद्धि वलय धारण कर सकें और पिता जी के आगमन के समय खुशी के साथ उन्हें ग्रहण करने के लिए पर्याप्त मात्रा में विश्वास का तेल तैयार कर सकें। स्वर्ग के लोग होने के तौर पर, आइए हम पिता और माता और अपने भाइयों और बहनों से प्रेम करके, एक दूसरे की सेवा करके, एक दूसरे को प्रोत्साहन देकर, सुंदर और कृपालु वचनों के द्वारा एक दूसरे को आत्मिक रूप से आगे बढ़ने में सहायता करके सुंदर संवृद्धि वलय धारण करें, ताकि हम सब साथ में स्वर्ग जा सकें।
जैसे कि इस्राएलियों के जंगल के इतिहास में दिखाई देता है, जो आसानी से परीक्षण में गिर गए और लगातार कुड़कुड़ाए, और जिन्होंने शिकायत की, और जिनके पास नकारात्मक विचार थे, वे सब कनान देश में प्रवेश नहीं कर सके। उन्होंने जो संवृद्धि वलय तैयार किए थे वे उन्हें कनान देश तक ले जाने के लिए योग्य नहीं थे। कनान देश जिसके विषय में प्रतिज्ञा की गई थी, आत्मिक रूप से स्वर्ग के राज्य को दर्शाता है। जो पेड़ अच्छा फल नहीं फलता, वह स्वर्ग में प्रवेश करने के लिए योग्य नहीं है; उसे काटकर आग में फेंक दिया जाता है।(मत 7:19)

परमेश्वर हर एक के जीवन के सभी ब्योरों को जांचते हैं और हर एक का उसके कार्यों के अनुसार न्याय करते हैं; वह उन लोगों को जो नरक जाने के लायक हैं, नरक में भेजते हैं, और स्वर्ग जाने के लायक लोगों की स्वर्ग तक अगुआई करते हैं।(प्रक 20:11–15) आइए हम झूठ बोलने वाले ओर अनाज्ञाकारी हृदय को निकाल दें, और केवल स्वर्ग के उन संवृद्धि वलयों को धारण करने की कोशिश करें, जो परमेश्वर के द्वारा इस्तेमाल किए जाने के योग्य हैं। हमारे आत्मिक संवृद्धि वलय हमारे जीवन का इतिहास बयान करते हैं। हमारे विचार, हमारा विश्वास और हमारे कार्य, ये सब हमारे आत्मिक संवृद्धि वलयों को तैयार करते हैं और वे अखण्डनीय अभिलेख बनते हैं। जब परमेश्वर हम पर अंकित किए हुए उन आत्मिक संवृद्धि वलयों को देखते हैं, तो वह जान लेते हैं कि हमने अन्त तक विश्वास धरने के लिए किन परिस्थितियों का सामना किया है; वे हमारी खुशियों और दु:खों को, पीड़ाओं को, सतावों को और कठिनाइयों को जान लेते हैं।
सुंदर संवृद्धि वलयों को तैयार करने का सबसे अच्छा रास्ता माता की शिक्षाओं पर ध्यान देना और उनका पालन करना है। आइए जिसे हम भविष्य में पानेवाले हैं उस अद्भुत स्वर्गीय जीवन की आशा करते हुए, एक दूसरे के आगे झुक जाएं, भाइयों और बहनों की गलतियों को ढकें और हमारी वर्तमान कठिनाइयों को सहन करें। इस पृथ्वी पर की खुशियां हमेशा के लिए नहीं टिकतीं; चाहे हम उसे अपने पूरे जीवन भर भोगें, फिर भी वे केवल सत्तर सालों तक ही रहती हैं। सत्तर साल बहुत ही जल्दी गुजर जाते हैं। ऐसी एक दुनिया है जहां हम भविष्य में जाने वाले हैं। हमें स्वर्ग का राज्य देने के लिए हमें परमेश्वर को धन्यवाद देना चाहिए।
मैं आप सब से उत्सुकतापूर्वक विनती करता हूं कि, आप ज्यादा वफादार और उत्साही हृदय के साथ और पिता और माता के मन के साथ, हर एक आत्मा की स्वर्ग के मार्ग की ओर अगुआई करते हुए संसार को बचाने के कार्य में स्वयं को समर्पित करें। सिय्योन के हमारे सभी भाइयो और बहनोॐ आइए हम सब सुंदर संवृद्धि वलय धारण करें, ताकि जब हम अपने स्वर्गीय घर वापस जाएं तो हम जीवन का मुकुट पाएं और तारों की तरह आकाश में सदा सर्वदा प्रकाशमान हो जाएं।