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नए नाम का मूल्य

परमेश्वर को ग्रहण करने का अर्थ है, उसके नाम पर विश्वास करना।(यूह 1:12) हम, सिय्योन के सब परिवार, पहले से परमेश्वर के नामों को जानते हैं ­ पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम। हम ने नया नाम लेकर आए मसीह को ग्रहण किया है, और हम उसके गवाह बने हैं जो साक्षी देते हैं कि नया नाम पवित्र आत्मा के युग का उद्धारकर्ता है। और हम नए नाम से प्रार्थना करते और नए नाम की स्तुति करते हैं, और हमने नए नाम के द्वारा उद्धार पाया है।
परमेश्वर का नाम आत्मिक संसार में अपार सामर्थ्य प्रकट करता है। आइए हम बाइबल की शिक्षा के द्वारा जानें कि नया नाम जो पवित्र आत्मा के युग के उद्धारकर्ता के रूप में इस धरती पर आया और नई यरूशलेम माता के नाम का मूल्य कितना बड़ा है, और उनके नाम हमें कितना प्रभाव डालते हैं।


वह नाम जिससे गले की हार की कीमत बहुत ऊंची हो जाती है

कोई अमरीकी फ्रांस पैरिस में सफ़र करके लौट आ रहा था। वह अपनी पत्नी के लिए एक तोहफ़ा खरीदने बरती हुई वस्तुओं की दुकान गया। उसने वहां एक पुराने गले की हार को 10 डालर से कम कीमत पर खरीदा। लेकिन जब वह अमरीका के हवाई अड्डे में पहुंचा, सीमा शुल्क कर्मचारी ने 1 हज़ार डालर से भी ज्यादा सीमा शुल्क तोहफ़े पर लगाया। उसने कर्मचारी से सस्ती चीज पर इतना ऊंचा सीमा शुल्क लगाने पर शिकायत की, परन्तु उसका जवाब सिर्फ यही था कि यदि सीमा शुल्क न दे तो उसे छीन लेगा।

उसे लगा कि शायद इस गले की हार में कुछ होगा। उसने शुल्क चुकाया और वहां से मुक्त हुआ। उसके बाद वह गहने की दुकान गया कि विशेषज्ञ से इस गले की हार का मूल्यांकन करवाए। वहां गहने की दुकान के मालिक ने सूक्ष्मदर्शी से इस गले की हार की ध्यानपूर्वक जांच की, और उसने उसे 10 हज़ार डालर की कीमत पर यह बेचने का सुझाव दिया। यह बहुत आश्चर्य की बात थी। वास्तव में उसने 10 डालर से कम कीमत पर इसे खरीदा था, पर यह 10 हज़ार डालर की कीमत से ज्यादा हो गई थी! और फिर उसने दूसरी दुकान पर जाकर दुबारा इसका मूल्यांकन करवाया। तब इस बार दुकान मालिक का कहना था कि 20 हज़ार डालर पर उसे यह बेचे।

जहां कहीं भी वह जाता था वहां गले की हार की कीमत कई गुणे से ज्यादा हो जाती थी। उसे यह जानने की अभिलाषी हुई कि क्यों मूल्य बढ़ता है। उसने मालिक से कारण पूछा, तब दुकान मालिक ने उसे गले की हार का पीछा दिखाया। उसमें बहुत छोटा सा हस्तलेख लिखा हुआ था,
‘नेपोलियन जोसेफिन को’

गले की हार का वास्तव मूल्य सिर्फ 10 डालर था। लेकिन इसके पीछे लिखे हुए नेपोलियन के नाम ने ही इसके मूल्य को 20 हज़ार डालर तक ऊंचा किया था।

इस तरह से संसार में प्रसिद्ध आदमी का नाम वस्तु के मूल्य को कभी ­ कभी ऊंचा करता है। यदि साधारण गेंद पर, जो दूसरे गेंद के जैसा एक ही पदार्थ से बनाया गया, प्रसिद्ध खिलाड़ी ने हस्ताक्षर किया हो, तो वह समय गुजरते हुए विशेष मूल्य रखता है। आजकल, लोग मूल्यवान वस्तुओं की खोज में लगे रहते हैं। मूल्यवान वस्तु का मूल्य इस से निश्चय किया जाता है कि किसने इसे बनाया है और किस कारीगर का नाम लिखा हुआ है।
इस प्रकार परमेश्वर द्वारा सृष्टि की गई बहुत सारी वस्तुओं में से, यदि किसी वस्तु पर परमेश्वर का नाम लिखा हो तो इसका मूल्य कितना होगा? सचमुच इस वस्तु का मूल्य स्वर्ग में भी ग्रहण किया जाएगा, है न?


स्वर्गीय सन्तान के माथों पर लिखा गया नया नाम

परमेश्वर ने एक लाख चवालीस हज़ार संत भी वैसा ही बनाए थे। यह केवल सिय्योन की सन्तान को दी हुई बहुत बड़ी आशीष है कि हम पर परमेश्वर का नाम लिखा है।

प्रक 14:1 “फिर मैंने दृष्टि की, और देखो, वह मेमना सिय्योन पर्वत पर खड़ा था, और उसके साथ एक लाख चवालीस हज़ार व्यक्ति थे जिनके माथे पर उसका और उसके पिता का नाम लिखा था।”

बाइबल कहती है कि एक लाख चवालीस हज़ार संतों के माथों पर मेमने का नाम और पिता का नाम लिखा है। सिर्फ नेपोलियन का नाम लिखने से भी वस्तु का मूल्य अधिक उत्तम हो जाता है, तब कितना अधिक उत्तम होगा जब यह परमेश्वर का नाम हो? परमेश्वर ने वैसे ही नए नाम को हम पर लिखा है।

प्रक 2:17 “जिसके कान हों वह सुन ले कि आत्मा कलीसियाओं से क्या कहता है। जो जय पाए उसे मैं गुप्त मन्ना में से दूंगा और उसे एक श्वेत पत्थर भी दूंगा जिस पर एक नया नाम लिखा हुआ होगा, जिसे प्राप्त करने वाले के अतिरिक्त अन्य कोई नहीं जानेगा।” ”

प्रक 3:12 “जो जय पाए उसे मैं अपने परमेश्वर के मन्दिर में एक स्तम्भ बनाऊंगा। वह वहां से फिर कभी बाहर न निकलेगा, और मैं अपने परमेश्वर का नाम और अपने परमेश्वर के नगर अर्थात् नए यरूशलेम का नाम, जो मेरे परमेश्वर की ओर से स्वर्ग से उतरने वाला है, और अपना नया नाम भी उस पर लिखूंगा।” ”

परमेश्वर ने सन्तान के माथों पर नए नाम और नई यरूशलेम माता के नाम की छाप लगाई है, ताकि सन्तान, जिस पर परमेश्वर के नाम की छाप लगाई गई है उस पर कोई विपत्ति न पहुंचे और स्वर्ग में उसका उत्तम मूल्यांकन किया जा सके।(प्रक 7, 14 संदर्भ)

यदि हम पर नया नाम न लिखा होता तब हम मूल्यहीन हुए होते। लेकिन जिस प्रकार नेपोलियन, जो मात्र आम आदमी था, उसके नाम ने ही साधारण गले की हार के मूल्य को बहुत उत्तम बनाया, उसी प्रकार स्वर्ग के राज्य में पवित्र परमेश्वर का नाम ही हमारे मूल्य को बहुत अधिक उत्तम करेगा।

जब हम इस तथ्य को सोचते हैं तब हमें अवश्य ही परमेश्वर के नाम को, जो हमें दिया गया है, सच्चे दिल से पवित्र मानना है और उस नाम का सामरिया और पृथ्वी के छोर तक प्रचार करना चाहिए।

कोई ऐसा सोचता है कि ‘यदि हमारे सत्य में से सिर्फ नए नाम को छोड़ें तो, तुरन्त अनेक लोग सत्य को ग्रहण कर सकेंगे। पर ऐसा बिल्कुल नहीं। हमारे लिए सब से मूल्यवान सत्य नया नाम है। वही हमें मूल्यवान करता है।


मेरी प्रजा मेरा नाम जानती है

पूर्वी कलाकार कलाकृति समाप्त करने के बाद जब अपने चित्र या लेख से संतुष्ट होता है तब उस पर वह अपनी छाप, जिसमें उसका नाम लिखा है, लगाता है। और लोग उस छाप को देखकर चित्र या लेख का उत्तम मूल्यांकन करते हैं।

परमेश्वर आसमान के ऊपर और नीचे सभी अधिकार रखता है और वह राजाओं का राजा और प्रभुओं का प्रभु है। उसने अपने पवित्र नाम की छाप अपनी सन्तान पर लगाई है। क्योंकि परमेश्वर की दृष्टि में वे निर्दोष व प्रथम फल के रूप में परमेश्वर की सब से सम्पूर्ण और पहली सृष्टि है। इसलिए उन पर परमेश्वर ने अपने नाम की छाप लगाई है।(प्रक 14:3 ­ 5)

जिस पर परमेश्वर का नाम लिखा है वह स्वर्ग में मूल्यवान होगा। बाइबल कहती है कि हम स्वर्ग में जाकर राजकीय याजक होंगे। यह हमारे खुद के मूल्य के कारण नहीं, पर परमेश्वर के पवित्र नाम हमारे माथों पर लिखे जाने के कारण है।

बाइबल कहती है कि उस नाम के कारण हम संसार में सारी जातियों में से बहुत उन्नत होंगे, और स्वर्गदूत हम से ईष्र्या करेंगे, जैसे कि गले की हार की कीमत हर कहीं उस पर लिखे नेपोलियन नाम के कारण ही बढ़ जाती थी।

जितना दूर नया नाम सामरिया और पृथ्वी के छोर तक फैल जाता है उतना अधिक परमेश्वर की सन्तान का मूल्य एंव सिय्योन की प्रतिष्ठा बढ़ जाएगी। जो परमेश्वर के विरुद्ध करता है वह नए नाम की निन्दा करता है, लेकिन परमेश्वर की प्रजाएं परमेश्वर का नाम जानती हैं और उस नाम का प्रचार करने में लापरवाह नहीं रहतीं।

यश 52:5-6 “...यहोवा यह भी कहता है: “जो उन पर प्रभुता करते हैं, वे ठट्ठा करते हैं, और मेरे नाम की निन्दा दिन भर होती रहती है। अत: मेरी प्रजा मेरा नाम जान लेगी...””

परमेश्वर की प्रजा परमेश्वर का नाम जानती है। पिता के युग में परमेश्वर का नाम यहोवा था, और पुत्र के युग में परमेश्वर यीशु नाम लेकर आया, और इस अन्तिम युग में पवित्र आत्मा और दुल्हिन के रूप में परमेश्वर नए नाम लेकर इस धरती पर आया। यदि आप परमेश्वर की सन्तान हों तो आपको अवश्य ही पिता परमेश्वर का नाम और नई यरूशलेम, स्वर्गीय माता, का नाम जानना है। क्योंकि इन नामों के द्वारा स्वर्ग जाने या नरक जाने का निर्णय किया जाता है, और आत्मिक रूप से हमारा मूल्यांकन किया जाता है।


नया नाम पापों की क्षमा और उद्धार की सामर्थ्य रखता है

नेपोलियन नाम ने 10 डालर के गले की हार के मूल्य को सिर्फ 10 या 20 हज़ार डालर तक बढ़ाया था, लेकिन हमारे परमेश्वर के नाम के कारण हम सारे ब्रहमाण्ड के वारिस होंगे। परमेश्वर ने हम से वादा किया कि स्वर्ग उन्हें दिया जाएगा जो पवित्र आत्मा और दुल्हिन, यानी स्वर्गीय पिता और माता, के नामों को जानते हैं।

प्रे 2:38 “पतरस ने उनसे कहा, “मन फिराओ और यीशु मसीह के नाम से तुम में से प्रत्येक बपतिस्मा ले कि तुम्हारे पापों की क्षमा हो, और तुम पवित्र आत्मा का वरदान पाओगे।” ”

नया नाम मानव को, जो स्वर्ग में पाप करके इस धरती पर निकाला गया, सारे पापों की क्षमा देने की सामर्थ्य रखता है। परमेश्वर के नाम के अलावा, संसार में कोई नाम ऐसी सामर्थ्य नहीं रखता। केवल परमेश्वर का नाम ही हमें स्वर्ग, आत्मिक दुनिया, में किए गए पापों की क्षमा दिलाता है, और हम उस नाम पर निर्भर होकर उद्धार की राह की ओर जा सकते हैं और परमेश्वर की सन्तान हो सकते हैं, और वह नाम हमें स्वर्ग का उतराधिकार देने की सामर्थ्य रखता है। इसलिए हमें नए नाम पर गौरव महसूस करना चाहिए और इस पर गर्व करना है कि हम परमेश्वर की सन्तान बनें हैं।

प्रे 16:27-31 “...बत्ती मंगा कर तेज़ी से भीतर गया और पौलुस तथा सीलस के सामने भय से कांपते हुए गिर पड़ा। और उन्हें बाहर लाकर उसने कहा, “सज्जनो, उद्धार पाने के ल्एिा मैं क्या करूं?” उन्होंने कहा, “प्रभु यीशु पर विश्वास कर तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।””

ऊपर के वचन से हम जान सकते हैं कि पुत्र के युग में भी परमेश्वर का नाम उद्धार के लिए सब से अधिक आवश्यक था। इसलिए पवित्र आत्मा के अन्तिम युग में भी जीवन का जल पाने की शर्त है, नया नाम ग्रहण करना। यह, कि “पवित्र आत्मा, आन सांग होंग, पर विश्वास कर तो तू और तेरा घराना उद्धार पाएगा।”, आज, पवित्र आत्मा के युग में पूरा हो जाता है।


पशु परमेश्वर के नाम के विरुद्ध निन्दा करता है

इस तरह से परमेश्वर के नाम में उद्धार की सामर्थ्य अत्यंत महान है। इसलिए शत्रु शैतान इस नाम पर रुकावट डालने के लिए पूरा ध्यान केंद्रित करता है।

लेकिन धन्य हैं वे जो परमेश्वर के नाम के कारण सताए जाते हैं।(मत 5:10 ­ 12 संदर्भ) यदि हम सताव से भयभीत होकर नए नाम का प्रचार न करें तब, परमेश्वर का नाम, जो हमारे मन में है, मिटता जाएगा, लेकिन इसके बावजूद यदि हम इस नाम पर और अधिक गर्व करें और साहसपूर्वक सुनाएं तब, नया नाम और अधिक गहराई से हमारे मन में लिखा जाता है।

प्रक 13:4-6 “उन्होंने अजगर की पूजा की, क्योंकि उसने अपना अधिकार पशु को दे दिया था। उन्होंने यह कह कर पशु की पूजा की, “इस पशु के सदृश कौन है? कौन इसके साथ युद्ध कर सकता है?” उसे एक ऐसा मुंह दिया गया जिससे कि वह अहंकारपूर्ण और ईश ­ निन्दक शब्द बोले, तथा उसे बयालीस महीनों तक कार्य करने का अधिकार दिया गया। उसने परमेश्वर के विरुद्ध निन्दा करने के लिए अपना मुंह खोला कि उसके नाम, उसके तम्बू अर्थात् उनके विरुद्ध जो स्वर्ग में निवास करते हैं निन्दा करे।” ”

जब शैतान परमेश्वर के विरुद्ध रुकावट डालने की कोशिश करे तब, वह अवश्य ही सब से बहुमूल्य सत्य पर रुकावट डालेगा, है न? बाइबल ने भविष्यवाणी की कि पशु परमेश्वर के नाम के विरुद्ध निन्दा करेगा। यह भविष्यवाणी हमें बताती है कि नया नाम कितना बहुमूल्य है। इसी वजह से जब जब हम बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार आए मसीह का प्रचार करते और सुनाते हैं तब तब लोग, जो शैतान से भरमाए गए हैं, वे पहले यीशु के समय के समान अब भी यह कहते हुए परमेश्वर के नाम की निन्दा करते हैं कि तू मनुष्य होकर अपने आपको परमेश्वर बताता है।

जिस प्रकार नेपोलियन नाम ने आम वस्तु को अत्यधिक मूल्यवान किया, उसी प्रकार हम, जो सिर्फ सीमाबद्ध जीवन जी रहे हैं, स्वर्गीय पिता और माता का नाम रखने के कारण स्वर्ग में अनन्त वारिस होने की आशीष पाते हैं। शत्रु शैतान इस तथ्य को जानता है, इसलिए वह पिता और माता के नाम को, जो हमारे मन में हैं, मिटाने और छीन लेने का प्रयास कर रहा है, ताकि हम स्वर्ग के राज्य में अनन्त महिमा में न पहुंच सकें। हमें शैतान का धोखा कभी नहीं खाना है।


हमारे हृदय ­ पटल पर नए नाम को और गहराई से लिखें

जब हम नीतिवचन के वचन का अध्ययन करते हैं तब हमें फिर से पता चलता है कि परमेश्वर का नाम जानना और रखना कितनी आशीष की बात है। हमें हमारे हृदय पर नए नाम को और गहराई से लिखना है, कि जब स्वर्गदूत हमें देखें, वे हम पर लिखे हुए नाम के द्वारा हमारा उत्तम मूल्यांकन कर सकें, न कि यह कहें कि धुंधला नया नाम दिखाई नहीं देता।

नीत 1:7 “यहोवा का भय मानना बुद्धि का प्रारम्भ है...””

नीत 9:10 “यहोवा का भय मानना बुद्धि का आरम्भ है, और परमपवित्र को जानना ही समझ है।””

परमेश्वर के अस्तित्व, यानी परमेश्वर के नाम, परमेश्वर के सारे प्रबन्ध और परमेश्वर के स्वभाव, का भय मानना ही बुद्धि का प्रारम्भ है जिसे आत्मिक सन्तान को प्राप्त करना है।

आज हम मसीह का नया नाम और नई यरूशलेम का नाम जानते हैं। जो परमेश्वर का नाम प्रिय जानते हैं उन्हें बाइबल शिक्षा दे रही है कि परमेश्वर के नाम की महिमा बिना आराम किए लगातार सुनाने का प्रयास करो, ताकि परमेश्वर की स्तुति इस संसार में और अधिक की जा सके।

थोड़ी देर में वह महिमामय समय आएगा जब परमेश्वर का नाम संसार के सभी लोगों को आश्चर्यचकित करेगा। शत्रु शैतान को भी यह मालूम है, इसलिए वह नए नाम और चर्च ऑफ गॉड के विरुद्ध निन्दा करने की कोशिश करता है। ऐसा करने पर भी हमें नए नाम की छाप हृदय पर पूरी शक्ति से लगानी चाहिए कि वह और गहराई से लिखा जा सके, और हम पूरे संसार में परमेश्वर का नाम सुनाएं और उसकी बढ़ाई करें कि स्वर्गीय पिता और माता की महिमा पूरे देशों में प्रकट हो सकें।

“हे भाइयो, तुम इसहाक के समान प्रतिज्ञा की सन्तान हो। परन्तु जैसा उस समय शरीर के अनुसार जन्मा हुआ तो आत्मा के अनुसार जन्मे हुए को सताता था, वैसा ही अब भी होता है।”(गल 4:28 ­ 29) परमेश्वर के नाम हमारे माथों पर लिखने के कारण, संसार के लोग, जिन पर नाम नहीं लिखा है, हमें सताएंगे और हमारा ठट्ठा करेंगे। लेकिन परमेश्वर ने भविष्यवाणी की कि महिमा पाने के लिए हमें दुख उठाना है, और परमेश्वर के नाम के कारण सभी जातियां हम से घृणा करेंगी।(लूक 21:17) फिर भी हमारा अन्त पहले से नियुक्त किया गया है कि हम अन्त में परमेश्वर के नाम की सहायता से विजयी होंगे और स्वर्ग में वारिस होंगे। (गल 4:28 ­ 31 संदर्भ)

परमेश्वर के नाम के द्वारा हम परमेश्वर के सदृश सुन्दर स्वरूप में बदलते जा रहे हैं। जब हम इसे सोचते हैं कि नए नाम पर विश्वास करने के द्वारा हम परमेश्वर की सन्तान बने हैं और आत्मिक दुनिया में सम्पूर्ण मनुष्य में, जिसका सर्वोच्च मूल्यांकन किया जाता है, बदल जाकर उद्धार पाएंगे, तब हमें किसी के भी सामने नए नाम पर गर्व करना है और साहसपूर्वक उसकी साक्षी देना है।

आइए हम सब नए नाम को, जो हमारे माथों पर लिखा है, बेधड़क प्रकट करें कि परमेश्वर का नाम सामरिया और पृथ्वी के छोर तक तेज़ी से प्रसारित हो सके। आशा है कि आप बहुमूल्य स्वर्गीय सन्तान बनें जो नए नाम को जानती और विश्वास करती हैं, तथा उस नाम पर भरोसा करने से हमेशा विजयी होती और अनन्त स्वर्ग के वारिस होती हैं।