Q. चर्च ऑफ गॉड सिय्योन कहलाता है। क्या इसका कोई कारण है?
A. उस चर्च का नाम जिसे मसीह ने 2,000 वर्ष पहले इस धरती पर स्थापित किया, चर्च ऑफ गॉड है।(1कुर 1:2; 11:22; गल 1:13) चर्च ऑफ गॉड सिय्योन भी कहलाता है।(इब्र 12:22; प्रक 14:1) जब हम पता लगाते हैं कि सिय्योन किस प्रकार का स्थान है, हम समझ सकते हैं कि क्यों हम चर्च ऑफ गॉड को सिय्योन कहते हैं।
सिय्योन यरूशलेम में एक छोटे से पहाड़ का नाम था। परमेश्वर के वाचा के संदूक को वहां रखे जाने के बाद, “सिय्योन” शब्द केवल यरूशलेम नहीं, पर इस्राएल को भी सूचित करने के लिए इस्तेमाल किया गया था।(1रा 8:1) क्यों चर्च ऑफ गॉड सिय्योन कहलाता है, इसका कारण समझने के लिए, हमें पहले राजा दाऊद और यीशु के बीच संबंध को समझने की आवश्यकता है।
राजा दाऊद और यीशु
यीशु भविष्यसूचक राजा दाऊद के रूप में इस दुनिया में आए।(यश 9:6–7)
लूक 1:31–32 देख, तू गर्भवती होगी, और तेरे एक पुत्र उत्पन्न होगा; तू उसका नाम यीशु रखना। वह महान् होगा और परमप्रधान का पुत्र कहलाएगा; और प्रभु परमेश्वर उसके पिता दाऊद का सिंहासन उसको देगा...
इसका एक कारण है कि पुराने नियम के अधिक प्रसिद्ध व्यक्यिों में से राजा दाऊद यीशु को दर्शाता है। पुराने नियम के समय में राजा दाऊद के कार्य नए नियम के समय में यीशु के कार्यों की परछाई थी।
राजा दाऊद की कई कामयाबियों में से, सबसे उल्लेखनीय कामयाबी यह है कि उसने सिय्योन को स्थापित किया। इस्राएलियों ने जिन्होंने मिस्र से बाहर निकलकर कनान देश में प्रवेश किया, यहोशू के समय से कनान देश के अधिकांश भागों पर कब्जा कर लिया। हालांकि, वे 400 वर्ष से अधिक समय तक सिय्योन पर कब्जा नहीं कर पाए, और सिय्योन यबूसियों का रहा।
दाऊद ने राजा बनने के बाद, कनान देश के केंद्रीय स्थान पर स्थित सिय्योन को ले लिया, और उसे मजबूत बनाने के लिए उसके अंदर इमारतें और सुविधाएं निर्मित कीं। तब उसने सिय्योन को इस्राएल की राजधानी बनाया और सिय्योन में लोगों पर शासन किया। इससे, दाऊद पहला राजा बना जिसने सिय्योन को निर्मित किया और जो उसमें राज्य करता रहा। इसी कारण से सिय्योन का किला दाऊदपुर कहलाता था। इस प्रकार, दाऊद और सिय्योन अविभाज्य हैं और बारीकी से संबंधित हैं।
2शम 5:7–10 तौभी दाऊद ने सिय्योन नामक गढ़ को ले लिया, वही दाऊदपुर भी कहलाता है... और दाऊद उस गढ़ में रहने लगा, और उसका नाम दाऊदपुर रखा। और दाऊद ने चारों ओर मिल्लो से लेकर भीतर की ओर शहरपनाह बनवाई। और दाऊद की बड़ाई अधिक होती गई, और सेनाओं का परमेश्वर यहोवा उसके संग रहता था।
यीशु इस धरती पर भविष्यसूचक राजा दाऊद के रूप में आए, इस तथ्य का मतलब है कि यीशु ने सिय्योन को स्थापित किया और सिय्योन में लोगों पर शासन करने वाले राजा बने। वह सिय्योन जिसे यीशु ने निर्मित किया और जिस पर राज्य किया, भौतिक सिय्योन नहीं था, बल्कि आत्मिक सिय्योन था।
आत्मिक सिय्योन यीशु के द्वारा स्थापित किया गया
आत्मिक सिय्योन हमेशा के लिए परमेश्वर का निवास स्थान है। यह वह जगह है जहां अनंत जीवन की आशीष उन लोगों को दी जाती है जिनका मरना निर्धारित है।
भज 132:13–14 क्योंकि यहोवा ने सिय्योन को अपनाया है, और उसे अपने निवास के लिये चाहा है: “यह तो युग युग के लिये मेरा विश्रामस्थान हैं; यहीं मैं रहूंगा, क्योंकि मैं ने इसको चाहा है।
भज 133:3 यह हेर्मोन की उस ओस के समान है, जो सिय्योन के पहाड़ों पर गिरती है! यहोवा ने तो वहीं सदा के जीवन की आशीष ठहराई है।
अनंत जीवन एक आशीर्वाद था जो केवल तब ही दिया जा सकता था जब यीशु आए।(यूह 10:10) यह वचन, “लोग सिय्योन में अनंत जीवन पाते हैं,” भविष्यवाणी थी कि यीशु इस धरती पर आएंगे और आत्मिक सिय्योन को स्थापित करेंगे। इसलिए, हमें सिय्योन जाना चाहिए यदि हम नए नियम के समय में परमेश्वर से मिलना चाहते हैं और अनंत जीवन का आशीर्वाद पाना चाहते हैं। यशायाह नबी ने भविष्यवाणी की कि आत्मिक सिय्योन जहां परमेश्वर निवास करते हैं और पापों की क्षमा प्रदान की जाती है, वह जगह है जहां पर्व मनाए जाते हैं।
यश 33:20–24 हमारे पर्व के नगर सिय्योन पर दृष्टि कर! तू अपनी आंखों से यरूशेलम को देखेगा, वह विश्राम का स्थान, और ऐसा तम्बू है जो कभी गिराया नहीं जाएगा, जिसका कोई खूंटा कभी उखाड़ा न जाएगा, और न कोई रस्सी कभी टूटेगी। वहां महाप्रतापी यहोवा हमारे लिये रहेगा, वह बहुत बड़ी बड़ी नदियों और नहरों का स्थान होगा, जिसमें डांडवाली नाव न चलेगी और न शोभायमान जहाज उसमें होकर जाएगा। क्योंकि यहोवा हमारा न्यायी, यहोवा हमारा हाकिम, यहोवा हमारा राजा है; वही हमारा उद्धार करेगा... और जो लोग उसमें बसेंगे, उनका अधर्म क्षमा किया जाएगा।
ऊपर उल्लिखित सिय्योन वहीं आत्मिक सिय्योन को सूचित करता है जिसे मसीह ने, जो राजा दाऊद के रूप में आए, स्थापित किया और जिसमें वह निवास करते हैं और जिस पर वह राज्य करते हैं, जैसा कि भजन संहिता की पुस्तक में भविष्यवाणी की गई है। सिय्योन उस जगह के रूप में वर्णित किया गया है जहां पर्व मनाए जाते हैं, जिसका मतलब है कि राजा दाऊद के रूप में यीशु ने परमेश्वर के पर्व मनानेवाले चर्च को स्थापित किया। वास्तविकता में, यीशु ने हमारे उद्धार के लिए नई वाचा के पर्वों को स्थापित किया।
चर्च ऑफ गॉड सिय्योन है जहां पर्वों को मनाया जाता है
भजन संहिता की पुस्तक में भविष्यवाणी, “अनंत जीवन का आशीर्वाद सिय्योन में दिया जाएगा” और यशायाह की पुस्तक में भविष्यवाणी, “पापों की क्षमा सिय्योन में दी जाएगी जहां पर्व मनाए जाते हैं” फसह के पर्व के द्वारा पूरी हुईं जिसे यीशु ने अपने चेलों के साथ मनाया।
अनंत जीवन का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए, हमें यीशु का मांस खाना चाहिए और उनका लहू पीना चाहिए।(यूह 6:53–54) यीशु ने कहा कि फसह की रोटी और दाखमधु उसका मांस और लहू है, जिससे उन्होंने हम से पापों की क्षमा का वादा किया। फसह नामक परमेश्वर के पर्व के द्वारा, परमेश्वर ने पापों की क्षमा और अनंत जीवन का आशीर्वाद दिया है, जिसे लोग जिनका मरना निर्धारित है सबसे अधिक चाहते हैं।
मत 26:17–28 अखमीरी रोटी के पर्व के पहले दिन, चेले यीशु के पास आकर पूछने लगे, “तू कहां चाहता है कि हम तेरे लिये फसह खाने की तैयारी करें?” उसने कहा, “नगर में अमुक व्यक्ति के पास जाकर उससे कहो, ‘गुरु कहता है कि मेरा समय निकट है। मैं अपने चेलों के साथ तेरे यहां पर्व मनाऊंगा’।” अत: चेलों ने यीशु की आज्ञा मानी और फसह तैयार किया... जब वे खा रहे थे तो यीशु ने रोटी ली, और आशीष मांगकर तोड़ी, और चेलों को देकर कहा, “लो, खाओ; यह मेरी देह है।” फिर उसने कटोरा लेकर धन्यवाद किया, और उन्हें देकर कहा, “तुम सब इसमें से पीओ, क्योंकि यह वाचा का मेरा वह लहू है, जो बहुतों के लिए पापों की क्षमा के निमित्त बहाया जाता है।”
सबसे महान उपहार जो यीशु ने अपने स्वर्गारोहण के बाद चर्च को दिया, “पवित्र आत्मा” था। पवित्र आत्मा की शक्ति से, प्रथम चर्च में एक महान धार्मिक जागृति हुई। और पवित्र आत्मा उन संतों को दिया गया जिन्होंने स्वर्गारोहण के दिन से लेकर लगन से प्रार्थना की और पिन्तेकुस्त का दिन मनाया।
प्रे 2:1–4 जब पिन्तेकुस्त का दिन आया, तो वे सब एक जगह इकट्ठे थे। एकाएक आकाश से बड़ी आंधी की सी सनसनाहट का शब्द हुआ, और उससे सारा घर जहां वे बैठे थे, गूंज गया। और उन्हें आग की सी जीभें फटती हुई दिखाई दीं और उनमें से हर एक पर आ ठहरीं। वे सब पवित्र आत्मा से भर गए, और जिस प्रकार आत्मा ने उन्हें बोलने की सामथ्र्य दी, वे अन्य अन्य भाषा बोलने लगे।
और यीशु ने झोपड़ियों का पर्व मनाते हुए लोगों को जीवन का जल देने का वादा किया। झोपड़ियों का पर्व नामक पर्व के द्वारा, उन्होंने वह जीवन का जल प्रदान किया जो प्यासी आत्माओं के लिए अत्यंत जरूरी है।
यूह 7:2 यहूदियों का झोपड़ियों का पर्व निकट था...
यूह 7:37–39 पर्व के अंतिम दिन, जो मुख्य दिन है, यीशु खड़ा हुआ और पुकार कर कहा, “यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए। जो मुझ पर विश्वास करेगा, जैसा पवित्रशास्त्र में आया है, ‘उसके हृदय में से जीवन के जल की नदियां बह निकलेंगी’।” उसने यह वचन पवित्र आत्मा के विषय में कहा, जिसे उस पर विश्वास करनेवाले पाने पर थे; क्योंकि आत्मा अब तक न उतरा था, क्योंकि यीशु अब तक अपनी महिमा को न पहुंचा था।
इसके अलावा, यीशु ने अपनी रीति के अनुसार साप्ताहिक पर्व, यानी सब्त का दिन मनाया और हमारे लिए उदाहरण दिखाया कि हम उन परमेश्वर का एहसास करें जिन्होंने स्वर्ग और पृथ्वी और जो कुछ उनमें है बनाया।(लैव 23:2–3; निर्ग 31:31; यहेज 20:21)
लूक 4:16 फिर वह नासरत में आया, जहां पाला पोसा गया था; और अपनी रीति के अनुसार सब्त के दिन आराधनालय में जाकर पढ़ने के लिए खड़ा हुआ।
यीशु ने नई वाचा के पर्वों के माध्यम से, पापों की क्षमा, अनंत जीवन, पवित्र आत्मा, जीवन का जल इत्यादि जैसी आशीषों को प्रदान किया जिसकी संतों को बिल्कुल आवश्यकता है। मसीह ने, जो आत्मिक राजा दाऊद के रूप में आए, आत्मिक सिय्योन को स्थापित किया जहां नई वाचा के पर्वों को मनाया जाता है। 2,000 वर्ष पहले यीशु के द्वारा स्थापित किया गया आत्मिक सिय्योन ही चर्च ऑफ गॉड है।(1कुर 1:2; 11:22; गल 1:13)
अंत के दिनों में परमेश्वर ने फिर से सिय्योन को स्थापित किया है
सिय्योन को अलग करके चर्च ऑफ गॉड के बारे में बात करने का मतबल है कि वे निश्चित रूप से नहीं जानते कि यीशु के द्वारा स्थापित किया गया चर्च ऑफ गॉड किस प्रकार का स्थान है। आज बहुत सारे चर्च सिय्योन का वर्णन तो करते हैं, लेकिन क्यों नई वाचा के पर्वों को नहीं जानते? यह इसलिए है क्योंकि शैतान ने दुनिया में जंगली बीज, यानी व्यवस्था के उल्लंघन के बीज बोए ताकि वह दृष्टांत में आत्मिक खेती के रूप में वर्णित किए गए यीशु के सुसमाचार के कार्य में बाधा डाले।
मत 13:25 पर जब लोग सो रहे थे तो उसका शत्रु आकर गेहूं के बीच जंगली बीज बोकर चला गया।
मत 13:39–42 “... जिस शत्रु ने उनको बोया वह शैतान है; कटनी जगत का अन्त है, और काटनेवाले स्वर्गदूत हैं। अत: जैसे जंगली दाने बटोरे जाते और जलाए जाते हैं... वे उसके राज्य में से सब ठोकर के कारणों को और कुकर्म करनेवालों को इकट्ठा करेंगे, और उन्हें आग के कुण्ड में डालेंगे...
दानिय्येल नबी ने भी भविष्यवाणी की कि परमेश्वर के विरुद्ध बातें कहने वाला शैतान पर्वों को बदल देगा जो परमेश्वर ने हमारी आत्माओं के उद्धार के लिए स्थापित किए।
दान 7:25 वह परमप्रधान के विरुद्ध बातें कहेगा, और परमप्रधान के पवित्र लोगों को पीस डालेगा, और समयों और व्यवस्था के बदल देने की आशा करेगा...
बड़े ही दुख की बात है कि ऊपर उल्लिखित भविष्यवाणी पूरी हुई; सिय्योन नष्ट किया गया और उजाड़ा गया था।(यश 51:3) इसका मतलब है कि कोई भी अनंत जीवन की आशीष नहीं पा सकता। हालांकि, परमेश्वर ने, जिन्हें इस अड़चन के बारे में पहले से ही पता था, वादा किया कि वह दुबारा इस दुनिया में राजा दाऊद के रूप में आएंगे और सिय्योन का पुनर्निर्माण करेंगे।(लूक 18:8; यूह 10:16; भज 102:16; यहेज 37:24)
मी 4:1–2 अन्त के दिनों में ऐसा होगा कि यहोवा के भवन का पर्वत सब पहाड़ों पर दृढ़ किया जाएगा, और सब पहाड़ियों से अधिक ऊंचा किया जाएगा; और हर जाति के लोग धारा के समान उसकी ओर चलेंगे, और बहुत सी जातियों के लोग जाएंगे, और आपस में कहेंगे, “आओ, हम यहोवा के पर्वत पर चढ़कर, याकूब के परमेश्वर के भवन में जाएं; तब वह हम को अपने मार्ग सिखाएगा, और हम उसके पथों पर चलेंगे।” क्योंकि यहोवा की व्यवस्था सिय्योन से, और उसका वचन यरूशलेम से निकलेगा।
बाइबल ने भविष्यवाणी की है कि हर जाति के लोग धारा के समान उस सिय्योन की ओर चलेंगे जो अंत के दिनों में पुनर्निर्मित किया जाएगा, और वे परमेश्वर की शिक्षाओं को प्राप्त करेंगे। इस भविष्यवाणी के अनुसार, सिय्योन जहां परमेश्वर स्वयं निवास करते हैं और अनंत जीवन का आशीर्वाद दिया जाता है, इस युग में पुन: स्थापित किया गया है। स्वर्गीय पिता और माता आए हैं और सिय्योन का पुनर्निर्माण किया है जहां परमेश्वर के पर्वों को मनाया जाता है। यही चर्च ऑफ गॉड है।
परमेश्वर की संतान जो अनंत जीवन, पापों की क्षमा, पवित्र आत्मा और जीवन के जल की आशा करती हैं, दुनिया भर से चर्च ऑफ गॉड में धारा के समान पहुंच रहे हैं जहां नई वाचा के पर्वों को मनाया जाता है। हम, जो पहले ही से सिय्योन में आए हैं और परमेश्वर की कृपा के द्वारा आशीषों को प्राप्त कर रहे हैं, खुशी की इस खबर का, “परमेश्वर ने बाइबल की भविष्यवाणियों के अनुसार सिय्योन को पुन: स्थापित किया है जहां पर्व मनाए जाते हैं।” दुनिया में अधिक से अधिक प्रचार करना चाहिए।