25 दिसंबर 2016 में, 2017 आशापूर्ण नववर्ष के एक सप्ताह पहले, “युवा सदस्यों के विजन के लिए विशेष व्याख्यान 2016” ओकछन गो एन्ड कम प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित किया गया। संस्थान में हाई स्कूल से ग्रेजुएट होनेवाले छात्र, कार्यस्थल, कैंपस, सेना आदि में अपना कार्यभार संभाल रहे युवा सदस्य, देश भर के पुरोहित कर्मचारी इत्यादि समेत 10,000 से अधिक सदस्य इकट्ठे हो गए। युवा सदस्यों के सुसमाचार के तीव्र जोश से माहौल इतना गर्म था कि इसने कड़क ठंड को भी शर्मिंदा कर दिया।
13 दिसंबर को प्रधान पादरी किम जू चिअल ने अमेरिका के न्यूयॉर्क में स्थित यू एन महासभा में भाषण देकर विश्व का ध्यान आकर्षित किया। उन्होंने अपने भाषण में कहा, “चर्च ऑफ गॉड माता के हृदय से यू एन के साथ ग्लोबल विलेज के सभी परिवारों की मदद करेगा।”
4 दिसंबर को, नई यरूशलेम बुनदांग मन्दिर में मलिकिसिदक साहित्य प्रतियोगिता, एलोहीम वीडियो महोत्सव प्रतियोगिता और बाइबल सेमिनार प्रजेन्टेशन प्रतियोगिता के विजेताओं के लिए पुरस्कार वितरण समारोह और वर्ष 2016 नई यरूशलेम सांस्कृतिक विषयवस्तु पुरस्कार वितरण समारोह आयोजन किए गए।
7 नवंबर को 70वें विदेशी मुलाकाती दल के सदस्यों ने एक के बाद एक इनचान अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे में प्रवेश किया।
जब सात अरब लोगों को प्रचार करने का आंदोलन पूरी सक्रियता से चलाया जा रहा था, पतझड़ के पर्व आए, जो नरसिंगों के पर्व से शुरू किए जाते हैं।
विदेशी सदस्यों ने 69वें विदेशी मुलाकाती दल के रूप में कोरिया का दौरा किया। वे 17 स्पेनिश या पुर्तगाली बोलनेवाले देशों के 82 स्थानीय चर्चों से आए; वे मुख्य रूप से कोरिया से सबसे दूर स्थित महाद्वीप, यानी मध्य व दक्षिण अमेरिका से और यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से आए।
जेजु द्वीप में 6 अगस्त को इस नए मन्दिर के उद्घाटन के लिए आराधना आयोजित की गई।
सात अरब लोगों को प्रचार करने के आंदोलन के तहत उमड़कर आने वाले नए सदस्यों का हार्दिक स्वागत करने के लिए दो सुसमाचार के पालने निर्मित किए गए हैं। वे यजु चर्च और डेजन का जुंगछोन चर्च हैं।
30 मई 2016 में एशिया, अफ्रीका और ओशिनिया के 109 चर्चों से लगभग 240 सदस्यों ने कोरिया में प्रवेश किया।
पुनरुत्थान के बाद चालीसवें दिन घटी मसीह के स्वर्गारोहण की घटना को स्मरण रखने के लिए, 5 मई को दुनिया भर के चर्च ऑफ गॉड में स्वर्गारोहण के दिन की पवित्र सभा आयोजित की गई। उस दिन से 10 दिन बाद 15 मई को पिन्तेकुस्त के दिन की पवित्र सभा आयोजित की गई।