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बाइबल में अब्राहम पिता परमेश्वर को दर्शाता है।(लूक 16:19–31) इसहाक जो उसकी विरासत का वारिस बना, परमेश्वर के लोगों, यानी प्रतिज्ञा की संतानों को दर्शाता है(गल 4:28)। और सारा जो अब्राहम की पत्नी और इसहाक की माता थी, हमारी माता को दर्शाती है जो नई वाचा की असलियत हैं।(गल 4:21–26) चूंकि इस अंधेरे और...
जब हम परमेश्वर के वचन का प्रचार करते हैं, तब हम अक्सर ऐसे लोगों से मिलते हैं जो कहते हैं कि अगर हम उन्हें परमेश्वर दिखाएं, तो वे परमेश्वर पर विश्वास करेंगे। और वे यह भी कहते हैं, “अगर मैं परमेश्वर को नहीं देख सकता, तो कैसे मैं उन पर विश्वास कर सकता हूं?” एक ऐसी कहावत है: “देखना ही विश्वास करना ...
वैज्ञानिक लंबे समय से जीवन की शुरुआत और प्रकृति के प्रति जिज्ञासु थे, और उन्होंने उस पर लगातार अध्ययन किया है। परिणाम में हाल ही में उन्होंने जाना कि मनुष्य सहित सभी जीवों की विशेषताएं और उनकी जीवनावधि उस जीन से निर्धारित होती है जो वे अपने माता–पिता से विरासत में पाते हैं। मगर अब भी जीवन के बारे मे...
परमेश्वर ने हमसे हमेशा पवित्र आत्मा की लालसाएं रखने के लिए कहा है। चूंकि पवित्र आत्मा परमेश्वर हैं, इसलिए पवित्र आत्मा की लालसाएं वो लालसाएं हैं जो परमेश्वर हमें देते हैं, और जो परमेश्वर के हृदय के अनुकूल हैं। इसके विपरीत, शरीर की लालसाएं वो लालसाएं है जो शैतान आत्मिक चीजों की ओर से हमारा ध्यान मोड़न...
जब हम इस्राएलियों की जंगल की यात्रा को देखें, तब हम परीक्षा पर विजयी होने की बुद्धि पा सकते हैं। इस्राएलियों ने मिस्र के अधीन 430 वर्षों तक गुलामी का जीवन काटने के दौरान हर प्रकार के कष्टों को सहन किया और परमेश्वर के अनुग्रह के द्वारा मिस्र से आजाद होकर कनान देश की ओर कदम बढ़ाए जहां दूध और मधु की धार...
स्वर्ग का राज्य जहां हम जा रहे हैं, वह जगह कितने आनंद और उल्लास से भरी रहेगी! बाइबल हमें कहती है कि इस पृथ्वी की वस्तुएं स्वर्ग की वस्तुओं का प्रतिरूप और प्रतिबिम्ब है(इब्र 8:5)। इसलिए अगर हम ध्यान से आनन्द की भावनाओं को जांचेंगे जो परमेश्वर ने हम मनुष्यों को दी हैं, तो हम सच्चे आनन्द को महसूस कर सक...
जब परमेश्वर ने कहा, “उजियाला हो,” उजियाला हो गया, और जब परमेश्वर ने एक अन्तर बनाकर उसके नीचे के जल और उसके ऊपर के जल को अलग अलग किया, वैसा ही हो गया। वे परमेश्वर की दृष्टि में अच्छे थे। हालांकि, इस युग में जो पवित्र आत्मा और दुल्हिन की आवाज का पालन करते हैं और उनके बुलाने पर उनके पास आते हैं, वे लोग...
अब¸ आइए हम समय निकालकर सोचें कि हम कितने आशीषित हैं कि हम अपने विश्वास के जीवन में परमेश्वर के वचन के अनुसार चुना हुआ जीवन जीते हैं¸ ताकि हम परमेश्वर के वचन का पालन करके और हर समय वह चुनाव करके जिससे पिता और माता प्रसन्न हों¸ स्वर्ग जा सकें। मूसा¸ अब्राहम¸ नूह¸ आदम और हव्वा से लेकर पतरस¸ ...
शब्दों का एक व्यक्ति के जीवन में बड़ा महत्व होता है। हम अक्सर देखते हैं कि लोग जो बोलते हैं वह इस बात का कारण बनता है कि वे दूसरों का विश्वास खो देते हैं जिसे उन्होंने उस समय तक हासिल किया, और वह लोगों के बीच परस्पर भरोसे के टूट जाने का कारण भी बन सकता है। बिना बात किए जीवन जीना असंभव है। यदि हम ...
जब भी शरद ऋतु आती है, हम सड़कों पर ‘जिनको’ पेड़ों के पीले रंग के पत्तों को देख सकते हैं, जो एक सुंदर वातावरण बनाते हैं। जब हम ध्यान से पेड़ों को देखते हैं, उनमें से कुछ में अधिक फल लटके होते हैं, और कुछ दूसरों में एक भी फल नहीं होता। यह इसलिए है क्योंकि उनमें नर ‘जिनको’ पेड़ और नारी ‘जिनको’ पेड़ होते हैं...
परमेश्वर के मानव जाति को बाइबल देने का अभिप्राय हमारी आत्मा का उद्धार है। इसलिए बाइबल के द्वारा हमें निश्चय ही हमारे उद्धारकर्ता परमेश्वर से मिलना चाहिए। बाइबल में अनेक दृष्टान्त हैं। उनमें से उत्पत्ति ग्रंथ में लिखा अदन वाटिका का इतिहास हमें यह बताता है कि मानव स्वर्ग में क्या पाप करके इस ध...
बाइबल की 66 पुस्तकों में परमेश्वर के असंख्य रहस्य रखे हुए हैं। जब हम उन रहस्यों को एक एक करके हल करते हैं तब परमेश्वर के चिरस्थायी उद्धार का प्रबन्ध महसूस कर सकते हैं। उनमें से परमेश्वर का सबसे बड़ा रहस्य मसीह है। परमेश्वर के रहस्य, मसीह, को महसूस करने के द्वारा ही हम उद्धार के अनुग्रह में वास क...
परमेश्वर को ग्रहण करने का अर्थ है, उसके नाम पर विश्वास करना।(यूह 1:12) हम, सिय्योन के सब परिवार, पहले से परमेश्वर के नामों को जानते हैं पिता, पुत्र और पवित्र आत्मा के नाम। हम ने नया नाम लेकर आए मसीह को ग्रहण किया है, और हम उसके गवाह बने हैं जो साक्षी देते हैं कि नया नाम पवित्र आत्मा के युग का उद्...
नई वाचा के सेवकों के यत्नपूर्वक वचन का प्रचार करने के द्वारा, अब सारे क्षेत्रों में और विदेशों में, नये परिवार, सत्य को ढूंढ़ कर सिय्योन में वापस आ रहे हैं। जगह का ध्यान किए बिना प्रचारक कहीं भी प्रचार कर रहे हैं। कोरिया में और विदेश में, कहीं भी हो, प्रचारक प्रचार करने में लगे रहते हैं। कभी विमान...
बाइबल के सत्य के वचनों में परमेश्वर की इच्छाएं होती हैं, जिससे वह हमें उद्धार का उत्तराधिकरी, सत्य का मार्ग और धार्मिकता के मार्ग पर लेकर जाता है और परमेश्वर के जन के रूप में पूर्णत: सिद्ध करता है। 2 हज़ार वर्ष पहले, बाइबल में जिन्होंने शरीर में आए परमेश्वर को भली भांति ग्रहण किया उन व्यक्ति...
संसार में ऐसा कोई नहीं जिसने संसार में जन्म लेकर, जीवन में परीक्षा एक बार भी नहीं दी। प्राचीन काल के लोगों के अलावा, सब को परीक्षा का अनुभव है। परीक्षा के माध्यम के बिना आदमी आज से और संपन्न जीवन नहीं जी सकता। चाहे एक परीक्षा पास की हो, तो भी और उन्नत जीवन की आशा के लिए उसे दूसरी परीक्षा का सामना कर...
लोग सोचते हैं कि, जब परमेश्वर इस धरती पर प्रकट होगा तब अत्यन्त महिमामय रूप में, जिसकी हम कल्पना भी नहीं कर सकते, आएगा। लेकिन बाइबल भविष्यवाणी करती है कि, परमेश्वर अति मामूली रूप में आएगा, इसलिए लोग उसे न पहचानेंगे और परमेश्वर उनके लिए जाल एंव फ़न्दा होगा। इस तरह, परमेश्वर लोगों के सामान्य ज्...
परमेश्वर सर्वज्ञानी और सर्वशक्तिमान है जो सब कुछ जानता है। लेकिन मनुष्य ऐसा नहीं है। जब परमेश्वर मानव के उद्धार के लिए मनुष्य के रूप में धरती पर आता, तब मनुष्य अपनी बुद्धि से परमेश्वर को नहीं समझ सकता। इसलिए, बाइबल कहती है कि परमेश्वर को जानना परमेश्वर का रहस्य है और मसीह में बुद्धि और ज्ञान के समस्...
बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार, यरूशलेम की महिमा पूरे विश्व में बहुत तेज रफ्तार से प्रसारित होती जा रही है। यह समाचार जारी हो रहा है कि विश्व के जगह जगह से सिय्योन की सन्तान यरूशलेम की ओर आ रही हैं। जब हम ऐसे चिह्न और लक्षण को देखते हैं, तो हमें लगता है कि यरूशलेम की महिमा सामरिया और पृथ्वी के छोर...
एक एक वर्ष करके जैसे जैसे विश्वास के जीवन का वक्त गुज़र रहा है, वैसे वैसे पिता और माता के अनुग्रह के द्वारा सुन्दर स्वर्गदूतों की छवि में बदल जाने का क्षण निकट आ रहा है। इस समय, सिय्योन की सन्तान को, जो प्रतिज्ञा की सन्तान के रूप में बुलाई गई है, यरूशलेम माता के प्रति, जो बाइबल की भविष्यवाण...