भोर की ओस के समान युवा प्रसन्नता से परमेश्वर की स्तुति गाकर अधिक जोश से भर उठते हैं
बाइबल परमेश्वर का पालन करने वाले युवाओं का वर्णन भोर की ओस के रूप में करती है(भज 110:3) यह संकेत करता है कि उनका विश्वास भोर की ओस के समान बहुत शुद्ध और स्वच्छ है। लेकिन आज उनके सामने अपने विश्वास को बिना डगमगाए स्थिर रखने के लिए बहुत सी बाधाएं हैं जैसे कि नकारात्मक आर्थिक माहौल, बेरोजगारी का संकट, शिक्षा के प्रति अत्यंत उत्साहित माहौल और अपने कैरियर की चिंता।

ⓒ 2015 WATV
युवा और विद्यार्थी सदस्यों को जो अपने बेहतर भविष्य की तैयारी कर रहे हैं, प्रसन्नता से परमेश्वर की स्तुति गाने और सुसमाचार के कार्य के प्रति अपने विश्वास को दृढ़ बनाने में सहायता करने के लिए प्रथम नया गीत महोत्सव आयोजित किया गया। 6 सितंबर को 13,000 से अधिक युवा और विद्यार्थी सदस्यों ने कोरिया के ओकछन गो एन्ड कम प्रशिक्षण संस्थान में आयोजित कार्यक्रम में भाग लिया और अपनी जवानी की ऊर्जा को उत्सर्जित किया और सुसमाचार के प्रति अपने उत्साह को और गर्म किया।

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प्रथम नए गीत महोत्सव में क्षेत्र के हिसाब से 17 टीमों ने भाग लिया। अगस्त मध्य से अगस्त अंत तक 335 टीमों ने क्षेत्रीय प्रतियोगिता के प्रारंभिक दौर में भाग लिया; उनमें से 38 टीमें अंतिम दौर में पहुंचीं, और फिर 17 गायक दलों में उनका पुनर्गठन किया गया। श्रोता वे सदस्य थे जिन्होंने प्रारंभिक दौर में भाग लिया था।
महोत्सव शुरू होने से पहले, माता ने “भोर की ओस” को पिता के ये वचन बताते हुए स्वागत किया, “युवाओं और विद्यार्थियों के लिए सबसे आवश्यक सद्गुण कर्म और विश्वास है।” माता ने कहा, “एक फूल की कली जैसी अपनी जवानी में उद्धार का मूल्य जानकर, सुसमाचार का कार्य करने का प्रयास करने के लिए मैं आपकी आभारी हूं। मैं आशा करती हूं कि आप दुनिया को बचाने के लायक उत्साही विश्वास के साथ परमेश्वर की महिमा चमकाएं।”
प्रधान पादरी किम जू चिअल ने उन्हें यह कहते हुए शुभकामनाएं दी कि, “पवित्र आत्मा से प्रेरित होकर गाए गए प्रशंसा के नए गीत की ध्वनि धूप के धुएं के समान एलोहीम परमेश्वर के सामने पहुंचेगी,” और यह आशा जताई कि युवाओं और विद्यार्थियों के विश्वास के दृढ़ संकल्प के द्वारा बनाई गई सुंदर ध्वनि दुनिया भर में एक बड़ी गूंज पैदा करेगी।
1:30 बजे के आसपास मसीहा ऑर्केस्ट्रा के नए गीतों का वादन करने के बाद महोत्सव का पर्दा उठ गया। नए गीत ऐसे गीत हैं जो परमेश्वर की शक्ति, स्वर्ग जाने की खुशी और परमेश्वर के उद्धार के अनुग्रह के लिए संतों के आभार को व्यक्त करते हैं। यह इसलिए और अधिक अर्थपूर्ण है क्योंकि नए गीत चर्च के सदस्यों के स्वरचित गीत हैं।
व्यायामशाला या मैदान पर रिहर्सल करने के बाद, 17 टीमें बारी–बारी से मंच पर आईं। “आत्मा की गूंज” पहली टीम थी जिसमें इनचान व ग्यंगी नामस चर्च संघ के सदस्य थे। उसके बाद, अगली टीमों ने “संसार में चलें,” “मूसा की लाठी,” और “हमें आपके तारे बनने दीजिए” इत्यादि नए गीत गाए। प्रत्येक गायक दल के 120 सदस्यों ने सुषिर वाद्य, तंतु वाद्य और ताल वाद्य से सुसज्जित मसीहा आर्केस्ट्रा के 80 सदस्यों की शानदार प्रस्तुति के साथ मधुर ध्वनि पैदा की और श्रोताओं के हृदयों को गहराई से प्रभावित किया। उनके रंगीन पोशाक और गायन के बाद दिखाए गए आश्चर्यजनक प्रदर्शन ने भी सदस्यों के ध्यान को खींच लिया।
श्रोताओं का उत्साहपूर्ण व जोशीला जयकार सभी आंखों को आकर्षित करने वाला था। उन्होंने हर प्रकार के अद्भुत जयकार उपकरण, जैसे कि प्लैकार्ड, इलेक्ट्रानिक बोर्ड, फ्लैश लाइट छड़ी इत्यादि का इस्तेमाल किया, जिससे महोत्सव शुरू होने से पहले ही माहौल चरम पर पहुंचा। जब भी प्रत्येक टीम मंच पर आती थी, जोर की चिल्लाहट हॉल को भर देती थी। हर गायक दल का गायन समाप्त होते ही बहुत जोरदार ताली और जयजयकार सुनाई पड़ी। वह सचमुच एक महोत्सव था। सियोल गांगनाम चर्च संघ की “युवा एलोहिस्ट” टीम के “होशाना! नई यरूशलेम को ग्रहण कर,” गीत गाने के बाद 130 मिनट का पूरा मर्मस्पर्शी कार्यक्रम समाप्त हो गया।
थोड़े समय के बाद पुरस्कार समारोह शुरू किया गया। भागीदारी पुरस्कार, जयकार पुरस्कार, कांस्य पुरस्कार और रजत पुरस्कार के बाद जब स्वर्ण पुरस्कार और श्रेष्ठ पुरस्कार के लिए नामित किया गया, तब पार्टी पॉपर के साथ तालियों की गड़गड़ाहट गूंज उठी। श्रेष्ठ पुरस्कार डेजन व छुंगनाम चर्च संघ की “तीसरा स्वर्ग” टीम को दिया गया, जिसने “उदार भाई, नम्र बहन” गीत को स्वच्छ ध्वनि में गाने के बाद एक अद्भुत प्रदर्शन के द्वारा सुसमाचार के प्रति अपने दृढ़ संकल्प को दिखाया। स्वर्ण पुरस्कार सियोल सबू चर्च संघ की “माता का महीन मलमल” टीम को दिया गया, जिसने गुंजायमान ध्वनि में “होशाना! स्वर्गीय माता की स्तुति कर” गीत गाया। माता ने स्वयं पुरस्कार विजेताओं को ट्रॉफी प्रदान की और यह कहते हुए सभी प्रतिभागियों को आशीष दी, “जो सुंदर नए गीत आपने एक मन होकर गाए, वे स्वर्ग में गूंज रहे हैं।”
महोत्सव के बाद अपनी–अपनी जगह पर लौट रहे प्रतिभागियों और श्रोताआ की आंखें भी प्रेरणा से भरी हुई थीं। स्वर्ण पुरस्कार विजेता “तीसरा स्वर्ग” टीम के संचालक, ऐल्डर किम जे गोन ने कहा, “शुरुआत में चूंकि गायक दल के सदस्य अलग–अलग स्थानीय चर्चों से आए थे, इसलिए राग–ताल, श्वास और हर चीज में तालमेल बैठाने में काफी दिक्कत थी। लेकिन जब उन्होंने एक दूसरे का ख्याल रखते हुए दूसरों की आवाज को ध्यान से सुनने की कोशिश की, तब वे बढ़िया आवाज निकाल सके।” और उन्होंने यह बताया कि पुरस्कार जीतने का रहस्य एकता था। “माता का महीन मलमल” टीम का नेतृत्व करने वाले पादरी इ छांग सु ने अपेक्षा जताई, “पवित्र आत्मा की प्रेरणा से रचे गए नए गीतों में विशेष शक्ति है। इस कार्यक्रम की तैयारी करते हुए और नए गीत को लगातार गाते हुए, हम सब एक मन बने और महसूस किया कि सुसमाचार के कार्य के प्रति हमारा संकल्प मजबूत होता जा रहा है। अगर यह उत्साह जारी रहे, तो भोर की ओस के समान युवा सदस्य अवश्य सुसमाचार के कार्य का अंतिम पन्ना जल्दी पूरा करेंगे।
पुराना नियम में ऐसा वर्णन है कि इस्राएल के सैनिकों ने परमेश्वर की स्तुति गाने वाले पुरुषों को अपने आगे खड़ा करके लड़ाई की और परमेश्वर की सहायता से अपने दुश्मनों को हराया(2इत 20:1–30) और नया नियम ऐसा दृश्य दिखाता है जहां पृथ्वी पर से छुटकारा पाने वाले पवित्र लोग नया गीत गाते हैं(प्रक 14:1–3) नया गीत और परमेश्वर की स्तुति गाना एक आत्मिक माध्यम है जो सदस्यों के मन को एक बनाता है और उन्हें आशा और प्रोत्साहन देता है और परमेश्वर की शक्ति लाता है। इसलिए हम युवा और विद्यार्थी सदस्यों से अधिक अपेक्षा करते हैं कि जिन्होंने नए गीत से परमेश्वर की स्तुति गाते हुए अपने अन्दर विश्वास की आग को जलाया है, उनकी हर चाल सफल होगी।

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