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हाल ही में, सुसमाचार विदेश में बहुत ही जल्दी प्रसारित किया जा रहा है। क्योंकि सिय्योन परिवार के सदस्य प्रत्येक परिस्थिति में संतोषी रहते हैं और हमेशा परमेश्वर को धन्यवाद देते हैं, इसी कारण परमेश्वर उन्हें पवित्र आत्मा की शक्ति बढ़ाने पर बल दे रहा है। आर्थिक और सांस्कृतिक हर दृष्टि से सुसमाचार...
"मन फिराओ, क्योंकि स्वर्ग का राज्य निकट आ गया है।" जब मसीह ने राज्य का सुसमाचार प्रचार करना शुरू किया, उसने हम से सब से पहले, मन फिराने पर बड़ा जोर दिया।(मत 4:17) मन फिराव के लिए पहला कदम यह है, स्वयं को पापी मान कर दीन करना। इसलिए स्वर्ग की आशा रखकर, पूर्ण पश्चात्ताप करने के लिए हमें नम्रता क...
आजकल, हर रोज़ सिय्योन में खुशी की खबर सुनाई जा रही है। सुसमाचार के प्रचार का कार्य तीव्र गति से अग्रसर हुआ है, जिसके द्वारा कोरिया में भी प्रति माह अनेक आत्माएं नया जीवन पा रही हैं और सुसमाचार का प्रचार विश्व के कोने–कोने में किया जा रहा है। जैसे कि परमेश्वर ने भविष्यवाणी की है, सिय्योन आशीषित किया ग...
जहां कहीं सिय्योन के सदस्यों ने एकजुट होकर पूरे जोश के साथ सुसमाचार का प्रचार किया है, वहां अनुग्रहपूर्ण फल पैदा किए जा रहे हैं। यदि हम आत्मिक फल पैदा करना चाहें, तो परमेश्वर की इच्छा को सब से ऊपर मान कर पालन करना जरूरी है। परमेश्वर ने हमें, जो ज्यादा फल पैदा करने की याचना करते हैं, सिखाया है ...
बाइबल में यह वचन है कि "सर्वदा आनन्दित रहो, निरन्तर प्रार्थना करो, प्रत्येक परिस्थिति में धन्यवाद दो क्योंकि मसीह यीशु में तुम्हारे लिए परमेश्वर की यही इच्छा है"। एक बार माता ने ऊपर के बाइबल के वचन पर जोर देकर कहा कि पिता उसे बहुत आशीषित करेगा जो परमेश्वर को बहुत सा धन्यवाद देता है। मैं ...
हम सुसमाचार का प्रचार करने के द्वारा परमेश्वर के नाम की महिमा कर रहे हैं, और भले काम करने से परमेश्वर को महिमा देने का प्रयास कर रहे हैं। आखिरकार यह हमारी भलाई के लिए है। माता ने शिक्षा दी है कि जब हम परमेश्वर को महिमा देते हैं महिमा हमें वापस मिलती है। परमेश्वर की सन्तान के लिए, परमेश्वर की म...
बाइबल की भविष्यवाणी के अनुसार, बहुत से लोग सिय्योन में इकट्ठे हो रहे हैं। उनमें से कुछ सदस्य अपने पापी स्वभाव व बुरी आदत को त्याग कर, स्वर्ग का ईश्वरीय स्वभाव धारण किए हुए हैं और अपने जीवन को परिवर्तित करने का प्रयास कर रहे हैं। और कुछ सदस्य अभी तक अपने पापों की गन्दगी को, जो संसार से जमी हुई थी, ...
कहावत है कि ‘उत्तम को उत्तम मिले, मिले नीच को नीच'। हमारे दूसरों से नम्रता से मधुर और उचित बातचीत करने का कारण दूसरों से अरुचिकर बात न सुनने के लिए है, लेकिन इससे और भी ज्यादा जरूरी कारण मुझे यही लगता है कि हमारे दैनिक जीवन में दूसरों से बेहतर रिश्ता कायम करें। किसी ने कहा है कि जब परमेश्वर ने ...
परमेश्वर की पूर्व योजना के अनुसार, पूरे विश्व में सुसमाचार प्रचार करने का कार्य बहुत तेजी से पूरा हो रहा है। इसी समय में, हमें इस पर विचार करना चाहिए कि वह विश्वास कैसा होगा जो परमेश्वर हम से चाहता है। प्राय: हर इंसान, चाहे नास्तिक हो, किन्तु अपनी सहज प्रवृत्ति से परमेश्वर को ढूंढ़ता और उस पर भरो...
संसार में रहते हुए अच्छे शिक्षक से मिलना, सच में बड़ी आशीष की बात है। उसी तौर पर, हम सब से अधिक आशीषित लोग कहलाए जाएंगे, क्योंकि हम एलोहीम परमेश्वर से मिले हैं जो हमारे जीवन के सच्चे शिक्षक हैं और अनन्त स्वर्ग की ओर हमें ले जाते हैं। हमारे सच्चे शिक्षक, परमेश्वर केवल सन्तान की आत्माओं का उद्...
मसीहियों के लिए, जो स्वर्ग की आशा करते हुए विश्वास जीवन जी रहे हैं, सिर्फ परमेश्वर का वचन जानना ही नहीं, बल्कि उसका अनुकरण करना भी बहुत महत्वपूर्ण है। क्योंकि संसार के लोग मसीहियों के प्रति सकारात्मक विचार लेकर पूर्वानुमान लगाते हैं कि परमेश्वर पर विश्वास करने वाला दूसरों से कुछ तो भिन्न होगा। लेकिन...
आजकल यीशु के पवित्र चित्र में, जो यीशु का चित्रण करता है, यीशु की आकृति, जिसकी कल्पना लोग करते हैं, अति पवित्र और ईश्वरीय दिखती है। लेकिन जब यीशु आया, उस समय के लोग ‘यीशु को कैसा समझते थे?’, ‘जिस चर्च को यीशु ने स्थापित किया उसे कैसे देखते थे?”, और “स्वर्ग के सुसमाचार को जिसे यीशु ने सुनाया उसे ...
आजकल हम जो मसीह का प्रचार कर रहे हैं, प्रथम चर्च के जैसी स्थिति में कभी-कभी पड़ते हैं। आइए हम देखते हैं, मसीह के विषय में जो इस धरती पर शरीर पहन कर आया, प्रथम चर्च के सुसमाचारक कैसे साक्षी देते और सुसमाचार का प्रचार करते थे? और उस समय के धार्मिक नेता किस बात पर अत्याचार करते थे? आइए हम विस्तार से ...
बाइबल की 66 पुस्तकें पढ़ते समय हमें सबसे बड़ा मुश्किल विषय है कि मसीह को पहचान कर उस पर विश्वास करना है। इसलिए बाइबल कहती है कि मसीह को जानना ही बाइबल का सब से बड़ा रहस्य है। 2,000 साल पहले, इस्राएली रोम के अत्याचार और उत्पीड़न से दुख पा रहे थे। उन्हें एक आशा थी कि बाइबल में भविष्यवाणी किया गया मसीह आ...