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कोरिया

वर्ष 2017 फसह के पर्व, अखमीरी रोटी के पर्व और पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा

  • देश | कोरिया
  • तिथि | 10/अप्रैल/2017
ⓒ 2017 WATV
उसने उनसे कहा, “मुझे बड़ी लालसा थी कि दु:ख भोगने से पहले यह फसह तुम्हारे साथ खाऊं।(लूक 22:15)”

2,000 वर्ष पहले यीशु ने उद्धारकर्ता के रूप में आकर अपने चेलों के साथ नई वाचा का फसह मनाया। 10 अप्रैल की शाम(पवित्र कैलेंडर के पहले महीने का चौदहवां दिन) को यीशु की आज्ञा और बाइबल के वचन के अनुसार, दुनिया भर के चर्च ऑफ गॉड में फसह के पर्व की पवित्र सभा आयोजित की गई।

पूरे विश्व में सदस्यों ने जिन्होंने पिछले वर्ष के आरम्भ से शुरू हुए 7 अरब लोगों को प्रचार करने के आंदोलन के उत्साह के बीच बहुत लोगों के साथ उद्धार की आशीष बांटने के लिए पूरी मेहनत और लगन के साथ संदेशवाहक का कार्य किया था, खुशी और धन्यवाद के साथ जीवन का पर्व मनाया। फसह के पर्व के अगले दिन(11 अप्रैल) और रविवार(16 अप्रैल) को अखमीरी रोटी का पर्व और पुनरुत्थान का दिन भी पर्वों की विधि के अनुसार पवित्रता से मनाए गए।

फसह के पर्व की पवित्र सभा: विपत्ति से बचने और पापों की क्षमा एवं अनंत जीवन की आशीष मिली

फसह का पर्व तीन बार के सात पर्वों में से पहला पर्व है जो परमेश्वर ने मानवजाति के पापों की क्षमा और उद्धार के लिए स्थापित किया। “फसह” का अक्षरश: अर्थ है, “किसी चीज से पार होना।” और इस पर्व में परमेश्वर की बहुत सी आशीषों का वादा किया गया है।

चर्च ऑफ गॉड के मुख्य चर्च, यानी नई यरूशलेम फानग्यो मन्दिर में फसह के पर्व की पवित्र सभा आयोजित की गई, जिसमें लगभग 3,000 सदस्यों ने भाग लिया। माता ने पिता को धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी उन संतानों को जिन्हें स्वर्ग में किए गए पापों के कारण मरना पड़ा था, अपने मांस और लहू के द्वारा पापों की क्षमा, अनंत जीवन और बड़ी विपत्ति से बचने की आशीष देने का वादा किया, और माता ने प्रार्थना की कि पूरे संसार में सभी संतानों पर एक समान अनुग्रह बना रहे। और उन्होंने यह भी कहा, “परमेश्वर के बेटे और बेटियां होने के नाते, जिन्होंने परमेश्वर से आशीष प्राप्त की है, अपने आप पर गर्व महसूस कीजिए और उन आत्माओं पर जो अभी तक उद्धार का समाचार न सुनने के कारण परमेश्वर के पास नहीं आ पाई हैं, दया करके साहसपूर्वक सुसमाचार का प्रचार कीजिए।”

ⓒ 2017 WATV
10 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के पहले महीने का चौदहवां दिन) की शाम को नई यरूशलेम फानग्यो मंदिर के सदस्यों ने फसह के पर्व की पवित्र सभा में भाग लिया।

फसह के पवित्र भोज की आराधना से पहले पैर धोने की विधि की आराधना शुरू हुई। यीशु ने यह कहते हुए स्वयं यह विधि मनाई थी और चेलों को यह मनाने की आज्ञा दी थी, “यदि मैंने प्रभु और गुरु होकर तुम्हारे पांव धोए, तो तुम्हें भी एक दूसरे के पांव धोना चाहिए(यूह 13:14–15)।” सदस्यों ने मसीह के उदाहरण के अनुसार एक दूसरे के पांव धोते हुए पैर धोने की विधि की आराधना में भाग लिया।

उसके बाद पवित्र भोज की आराधना में प्रधान पादरी किम जू चिअल ने वह इतिहास बताया जिसमें 3,500 वर्ष पहले इस्राएली फसह मनाने के द्वारा विपत्ति से बचकर मिस्र की गुलामी से मुक्त हुए थे, और उन्होंने फसह का अर्थ समझाया। पुराने नियम का इतिहास भविष्यवाणी है जो नए नियम में पूरी होनी थी। यीशु के नई वाचा का फसह स्थापित करने के द्वारा, आखिरकार मानवजाति को पाप के जुए से मुक्त किया गया। प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “बीता हुआ इतिहास भविष्य के लिए एक शिक्षा है,” और जोर देकर कहा, “दुनिया के लोग नहीं जानते कि उन पर विपत्ति कब और कहां पड़ेगी, इसलिए आइए हम उन्हें बचाने के लिए अपना पूरा मन और हृदय लगाएं, ताकि वे परमेश्वर की आड़ में सुरक्षा पाकर स्वर्ग के राज्य में जा सकें।(निर्ग 12:4–13; मत 26:17–28; मत 24:3, 21; 1थिस 5:1–3; 2पत 3:6–12; सपन 1:14–18)”

उस पवित्र रात को जब दुनिया भर के चर्च ऑफ गॉड के सब सदस्यों और उनके परिवारों पर एलोहीम परमेश्वर की असीम आशीष उंडेली गई, सदस्यों ने मसीह के पवित्र प्रेम को स्मरण करते हुए जिन्होंने मानवजाति की सुरक्षा और उद्धार के लिए मुफ्त में अपना मांस और लहू दिया था, फसह की रोटी खाई और दाखमधु पिया।

ⓒ 2017 WATV

अखमीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा: प्रचार के द्वारा बलिदान के मार्ग पर चलें

फसह के अगले दिन 11 अप्रैल(पवित्र कैलेंडर के पहले महीने का पंद्रहवां दिन) को अखमीरी रोटी का पर्व मनाया गया जो मानव जाति के पापों के प्रायश्चित्त के लिए क्रूस पर चढ़े मसीह के बलिदान को स्मरण करने का दिन है। अखमीरी रोटी का पर्व उन दुखों को स्मरण करने के लिए निर्धारित किया गया था जिनका इस्राएलियों ने फसह के पर्व के द्वारा मिस्र की गुलामी से मुक्त होने के बाद लाल समुद्र पार करने तक उस खतरनाक समय के बीच अनुभव किया था जब मिस्री सैनिक उनका पीछा कर रहे थे। इस्राएली बिना खमीर की रोटी और कड़वे सागपात खाते हुए उस दिन के दुखों को स्मरण करते थे।

यीशु ने फसह के पर्व के द्वारा पापों की क्षमा का वादा किया था, और फिर याजकों और लोगों के हाथ में वह पकड़वाए गए थे। उसके बाद उन्होंने कठोर यातना और अपमानों का सामना किया था और इस दिन क्रूस पर उनकी मृत्यु हुई थी, जिससे मानव जाति के भारी पापों की कीमत चुकाई गई। सदस्यों ने फसह के पर्व के दिन की आधी रात से लेकर इस दिन की दोपहर 3 बजे तक उपवास करने के द्वारा मसीह के दुखों को याद किया(मत 9:15)।

अखमीरी रोटी के पर्व की पवित्र सभा के मौके पर माता ने प्रार्थना के द्वारा पिता को गहराई से धन्यवाद दिया जिन्होंने अपनी संतानों को बचाने की दृढ़ इच्छा से मृत्यु की पीड़ा को भी सहन किया था। जब माता ने प्रार्थना की कि सिय्योन की संतान पिता के पावन बलिदान और प्रेम को अपने मन में रखते हुए साहसपूर्वक सुसमाचार का प्रचार करें और मानव जाति की उद्धार की ओर अगुवाई करें, तब सदस्यों ने आंसुओं के साथ “आमीन,” कहते हुए अपना धन्यवाद और पश्चाताप व्यक्त किया और प्रचार के मिशन पर चिंतन–मनन किया।

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने कहा, “यीशु ने अपनी सुरक्षा से ज्यादा अपनी संतानों के जीवन की सुरक्षा की चिंता की, इसलिए क्रूस पर अवर्णनीय दर्द को सह लिया। जब हम भी यीशु के समान अपने से ज्यादा दूसरों की चिंता करते हुए प्रौढ़ विश्वास के साथ प्रचारक का कर्तव्य पूरा करेंगे, तब हम मानव जाति को पापों से छुड़ाकर उनकी मन फिराव की ओर अगुवाई कर सकेंगे।” और उन्होंने बार–बार जोर देकर कहा कि “प्रचार” यीशु के उन पदचिन्हों का अनुसरण करने का एक पवित्र काम है जिनका अर्थ “क्रूस” में गर्भित है। उन्होंने निवेदन किया, “जिन्होंने अपना प्राण देने तक बलिदान करके मानव जाति का उद्धार करना चाहा था, उन मसीह की आशा को जल्दी पूरा करने के लिए, कृपया 7 अरब लोगों को प्रचार करने के आंदोलन में अपना सर्वोत्तम प्रयास कीजिए।”(मत 26:59–27:31; 2तीम 4:1–5; 1पत 5:8–10; 2थिस 1:5)

ⓒ 2017 WATV

पुनरुत्थान के दिन की पवित्र सभा: 7 अरब लोगों के मन को पुनरुत्थान और स्वर्ग की आशा दें

अखमीरी रोटी के पर्व के बाद पहले सब्त का अगला दिनह्यरविवारहृ पुनरुत्थान का दिन होता है। पुराने नियम में इस दिन का नाम प्रथम फल का पर्व था। यह दिन उस इतिहास से शुरू हुआ जहां इस्राएलियों ने परमेश्वर की शक्ति से मिस्री सैनिकों से पीछा छुड़ा लिया था और वे लाल समुद्र पार करके भूमि पर उतरे थे। पुराने नियम में यह वसंत की फसलों के पहले फलों का एक पूला परमेश्वर के सामने हिलाते हुए मनाया जाता था।

यीशु अखमीरी रोटी के पर्व के दिन मरे थे और भविष्यवाणी के अनुसार ‘सोए हुओं में से पहले फल’(1कुर 15:20) के रूप में मृतकों में से जी उठे थे। सदस्यों ने परमेश्वर के अनुग्रह के लिए धन्यवाद दिया जिन्होंने अधोलोक के वश पर विजयी होकर मानवजाति को पुनरुत्थान की आशा प्रदान की थी, और सब्त के अगले दिन पवित्र पुनरुत्थान के दिन की आराधना में भाग लिया।

पुनरुत्थान के दिन की आराधना माता के धन्यवाद की प्रार्थना के साथ शुरू हुई। संतानों को जिन्हें अपने स्वर्ग में किए पापों के कारण मृत्युदंड मिला था, पुनरुत्थान और स्वर्ग की आशा देने के लिए माता ने पिता को धन्यवाद दिया और उत्सुकता से आशा की कि सभी संतान परमेश्वर के महान प्रेम और बलिदान को, जो उन्होंने फसह के पर्व के दिन से लेकर पुनरुत्थान के दिन तक स्वयं दिखाए, अपने हृदय की गहराई से महसूस करें।

बाइबल कहती है कि भविष्य में धर्मी लोग पुनरुत्थान के बाद स्वर्ग की महिमा पाएंगे और दुष्ट लोग पुनरुत्थान के बाद न्याय और नरक की सजा पाएंगे(यूह 5:28–29)। प्रधान पादरी किम जू चिअल ने प्रार्थना की कि सभी सदस्य परमेश्वर की इच्छा के अनुसार जीएं और धर्मियों के पुनरुत्थान और रूपान्तधर की आशीष पाएं, और उन्होंने कहा, “मुझे आशा है कि हमारे मन में प्रथम चर्च के उन संतों के विश्वास और जोश का पुनरुत्थान हो जाए जिन्होंने पुनरुत्थान की आशा रखकर कठिनाई और अत्याचार से भी न डरते हुए पूरी शक्ति से सुसमाचार का प्रचार किया था, ताकि हम 7 अरब लोगों को प्रचार करने का मिशन जल्दी पूरा कर सकें(लूक 24:1–10; 1कुर 15:2–4; 1थिस 4:13–18; प्रक 20:11–13)।

आराधना समाप्त होने के बाद सदस्यों ने एक साथ उस घटना को स्मरण करते हुए रोटी खाई, जिसमें यीशु ने जो मृत्यु से जी उठे थे, आशीषित की गई रोटी के द्वारा चेलों की आत्मिक आंखों को खोल दिया था। माता ने सदस्यों को जिन्होंने पूरी ईमानदारी से पर्व मनाए, यह कहकर प्रोत्साहित किया, “कृपया परमेश्वर के प्रेम को अपने मन में अंकित कीजिए और उद्धार की प्रतिज्ञा, यानी नई वाचा 7 अरब लोगों को सुनाइए जिनके लिए विपत्तियों से भरे इस युग में भविष्य की सुरक्षा और शांति अनिश्चित है।

सदस्यों ने यह कहते हुए अपना संकल्प व्यक्त किया, “हमने पर्व मनाते हुए फिर से महसूस किया है कि यह आशीष जो हमें परमेश्वर से प्राप्त हुई है, कितनी बड़ी है और हम जो स्वर्ग की आशा रखते हैं, कितने भाग्यशाली लोग हैं। हम पूरे संसार में प्रेम और जीवन का समाचार सुनाने वाले मसीहियों के मिशन को पूरा करेंगे, ताकि परमेश्वर का अनुग्रह व्यर्थ न जाए।

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पूरी दुनिया में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने 2 हजार वर्ष पहले यीशु के द्वारा दी गई शिक्षा के अनुसार पवित्रता से फसह का पर्व मनाया।
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पूरी दुनिया में चर्च ऑफ गॉड के सदस्यों ने 2 हजार वर्ष पहले यीशु के द्वारा दी गई शिक्षा के अनुसार पवित्रता से फसह का पर्व मनाया।
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