13 वां मलिकिसिदक साहित्य पुरस्कार समारोह
पवित्र आत्मा के युग में उन नबियों के लिए, जो साहित्य से पवित्र आत्मा और दुल्हिन के रूप में आए मसीह की स्तुति करते हैं और मसीह को प्रसारित करते हैं, साहित्य पुरस्कार समारोह आयोजित किया गया. 9 दिसंबर रविवार को दोपहर 12 बजे बुनदांग में स्थित प्रधान कार्यालय के भवन की 12 वीं मंजिल पर 13 वां मलिकिसिदक साहित्य पुरस्कार समारोह शुरू किया गया.
ⓒ 2012 WATV
मलिकिसिदक साहित्य पुरस्कार समारोह वर्ष 2001 से इस उद्देश्य के साथ आरंभ हुआ कि उन सदस्यों के लेखों से, जिनमें साहित्यिक प्रतिभा होती है, परमेश्वर की महिमा और प्रेम प्रदर्शित हो. अब तक 35 हजार साहित्य भेजे गए हैं और 300 सदस्यों ने पुरस्कार पाया है. इस साल 1 जुन से लेकर 15 जुलाई तक विज्ञप्ति द्वारा सूचित किए जाने पर निबंध॰ उपन्यास॰ बालकथा॰ स्तंभ ॰ कविता॰ कार्टून॰ फोटो निबंध के क्षेत्र और अंग्रेजी॰ स्पेनिश॰ चीनी भाषा के क्षेत्र और छात्रों के क्षेत्र – सब 11 क्षेत्रों में 1510 साहित्य प्रस्तुत किए गए. तीन बार की जांच के बाद ही 33 साहित्यों को पुरस्कार प्रदान किए गए. इस समारोह में पुरस्कार विजेता, फाइनल में पहुंचने वाले सदस्य और साहित्यिक क्लब के सदस्यों के साथ प्रधान कार्यालय के प्रकाशन विभाग के कर्मचारी, अनुवादक, पटकथा लेखक, संपादक, फोटोग्राफर, चित्रकार इत्यादि 350 सदस्य उपस्थित हुए.
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आराधना के दौरान
माता ने साहित्य मिशन के क्षेत्र में जुटे सदस्यों के लिए प्रार्थना की कि वे ऐसे साहित्य रच सकें जो परमेश्वर की महिमा प्रकट करते हैं, सदस्यों के विश्वास को बढ़ाते हैं और शैतान की रुकावटों को हटाते हैं. माता ने यह कहकर लोगों को प्रोत्साहन दिया, “असल में अपनी भावना को शब्दों में व्यक्त करना मुश्किल है. यदि आप सुन्दर लेखों से पवित्र आत्मा से प्रेरित भावनाओं को व्यक्त कर सकते हैं, तो आप बहुत अच्छी योग्यता पा चुके हैं. तो परमेश्वर को अच्छी योग्यता देने के लिए धन्यवाद दीजिए, हमेशा खुश मन से सुसमाचार का काम कीजिए और स्वर्गदूतों से भी अधिक सुन्दर कर्म दिखाते हुए दूसरों का आदर्श बनिए.” और माता ने उनसे निवेदन किया कि वे ऐसे साहित्य रचें जो परमेश्वर की महिमा प्रदर्शित करते हैं, आत्माओं को बचाते हैं, लोगों के मन को सुधारते हैं और सुन्दर बनाते हैं, इस युग के लोगों को जगाते हैं और पवित्र चालचलन और पवित्रता से विश्वास के तेल तैयार करने में मददगार हैं. प्रधान पादरी किम जू छिअल ने अपना अनुभव साझा करते हुए बताया कि वह भी लेख पढ़कर प्रभावित होते हैं, और लेखों में बहुत से लोगों को प्रभावित करने की शक्ति है, क्योंकि वह हमेशा इस बाइबल के वाक्यों से मन को सुधारते हैं, "मनुष्य जो कुछ बोता है, वही काटेगा। क्योंकि जो अपने शरीर के लिये बोता है, वह शरीर के द्वारा विनाश की कटनी काटेगा; और जो आत्मा के लिये बोता है, वह आत्मा के द्वारा अनन्त जीवन की कटनी काटेगा।(गलातियों 6:6-10) उन्होंने निवेदन किया कि लेखों में पवित्र आत्मा और दुल्हिन की आवाज समाएं, सारी मानव जाति को बचाएं और पवित्र आत्मा से प्रेरित होकर परमेश्वर की महिमा करने के लिए एक मात्रा या वाक्य रचें, ताकि सौ गुणा और हजार गुणा फल ला सकें.
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आराधना के बाद पुरस्कार समारोह शुरू हुआ. पहले वह वीडियो प्रसारित हुआ जो पिता और माता की महिमा फैलाने वाले लेखक-नबी के कर्तव्य दिखाता है. उसके बाद बालकथा में पुरस्कार विजेता "सबसे सुन्दर पंख" नामक एनीमेशन प्रसारित हुआ. उसके बाद 11 क्षेत्रों में 33 सदस्यों को पुरस्कार प्रदान किए गए. माता ने स्वयं विजेताओं को पुरस्कार का प्रमाणपत्र और उपहार देते हुए प्रोत्साहित किया और आखिर में एक बार और निवेदन किया कि वे अनुग्रहपूर्ण और हृदय स्पर्शी लेख लिखकर उन लोगों को, जिन्होंने सत्य नहीं सुना और बिना तेल के दीपक तैयार किया है, परमेश्वर की ओर मार्गदर्शित करें, और उन्हें आशीष दी कि वे परमेश्वर के राज्य में साहित्य पुरस्कार और फल पुरस्कार प्राप्त करें.
पांच मंजिल पर बनी बड़ी कक्षा में "हमारी माता" नाम की प्रदर्शनी लगाई गई जिसमें माता के प्रेम के प्रति सचेत कराने वाले लेख और सामग्रियों का प्रदर्शन किया गया, प्रदर्शनी का भ्रमण करने के बाद सदस्यों ने शारीरिक सिद्धान्तों के द्वारा माता के गहरे प्रेम को अपने दिल में बिठाया, और उन्हें इस बात पर आश्चर्य हुआ कि वे सिर्फ एक लेख से भी लोगों को प्रभावित कर सकते हैं.
उस दिन पुरस्कार विजेताओं ने एलोहीम परमेश्वर को धन्यवाद और सारी महिमा दी. ग्वन जंग ह्यन(सियोल गाराक चर्च)ने, जिसने "माता के दुख संतान को पैदा करते हैं.” शीर्षक विज्ञान से संबंधित स्तंभ लिखकर गोल्ड पुरस्कार जीता, बताया, “जब मैं लेख लिखती हूं, आत्मिक माता के प्रेम और बलिदान को गहराई से महसूस करती हूं, मैं सोचती हूं कि अति उत्तम शब्दों से सुसज्जित किए गए लेख से और अधिक अच्छा लेख वही होगा जो कोई भी समझ सकता है और जिससे कोई भी प्रभावित हो सकता है. मैं आगे विभिन्न तरीकों से ऐसे लेख लिखना चाहती हूं जिनसे लोग माता के प्रेम का अधिक एहसार कर सकते हैं.” रजत पुरस्कार विजेता इ सु जिन(छंगजुबुकमुरो चर्च) ने कहा, “माता ने कहा कि सिय्योन के सभी काम सच्चे दिल से पूरे किए जाते हैं, इसलिए मैं अपनी भावनाओं और अनुभूतियों को सच्चे दिल से व्यक्त करने का प्रयास किया. मैं ऐसा लेख लिखना चाहती हूं जो लोगों को माता के प्रति, जो "पीसमेकर(peacemaker)” है, सचेत कराता है और उनके मन में शांति और आराम पहुंचाता है.”
सभी सदस्यों ने ऐसी आशी रखी कि वे पवित्र आत्मा से प्रेरित हुए लेखों से एलोहीम परमेश्वर की महिमा प्रकट कर सकते हैं और उनका प्रेम व्यक्त कर सकते हैं. आज भी उनके द्वारा लिखे गए नए प्रेरितों के काम का एक पन्ना सेनादल, छोटे द्वीप और संसार की हर जगह में सदस्यों को मसीह की सुगंध दे रहा है.
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