परमेश्वर को प्रेरित करनेवाले शब्दों से दाऊद ने जीत प्राप्त की। उन शब्द के द्वारा जिनसे यीशु प्रेरित हुए, उनकी दाईं ओर का डाकू बचाया गया। इस तरह, शब्द शारीरिक और आत्मिक दोनों रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
उन शब्दों को कहना जो सुननेवालों के लिए लाभदायक हो और धन्यवाद देनेवाले शब्दों को कहना भी परमेश्वर की आज्ञा है जिसे हमें सब्त और फसह की आज्ञा की तरह मनाना चाहिए। शैतान परमेश्वर के लोगों को भरमाने के लिए दुष्ट शब्दों से हमारे हृदयों को चोट पहुंचाता है।
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