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शरद् ऋतु के पर्व 2013

  • देश | कोरीया
  • तिथि | 19/अक्टूबर/2013
ⓒ 2013 WATV
शरद् प्रचुरता का मौसम है, किसान इस मौसम का उत्सुकता से इंतजार करते हैं क्योंकि वे अपने खलिहान में अच्छे गेहूं ला सकते हैं जो गर्मियों के दौरान अत्यंत तेज धूप के नीचे परिपक्व होते हैं. शरद ऋतु के सबसे अच्छे महिने अक्टूबर में, वार्षिक पर्वों के अंतिम पर्व –नरसिंगों का पर्व, प्रायश्चित्त का दिन, और झोपड़ियों का पर्व– दुनिया भर के सभी चर्च ऑफ गॉड में आयोजित किए गए थे.

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नरसिंगों का पर्व, 10 दिनों की प्रार्थना अवधि, प्रायश्चित्त का दिन, झोपड़ियों का पर्व, पिछली वर्षा का पवित्र आत्मा मांगने के लिए 7 दिनों की प्रचार सभा, और पर्व का अंतिम दिन जैसे परमेश्वर के पर्वों को, जिसमें पापों की क्षमा और पवित्र आत्मा का वादा किया गया है, 170 देशों के 2,200 चर्चों में सदस्यों ने ईमानदारी से आराधना रखने के द्वारा और आग्रहपूर्वक प्रार्थना करने के द्वारा पवित्रता से मनाए.

नरसिंगों का पर्व 2013
पश्चाताप के नरसिंगे फूंकने के द्वारा सभी मानवजाति की अगुवाई माता परमेश्वर की ओर करें

नरसिंगों का पर्व प्रायश्चित्त के दिन के दस दिन पहले आता है. मूसा के कार्य से इसकी शुरुआत हुई. जब परमेश्वर ने मूसा को सीनै पर्वत पर दस आज्ञाएं देने के लिए बुलाया, तब मूसा पवर्त पर चढ़ गया. लेकिन उसके आने में विलंब होने के कारण इस्राएली सोने के बछड़े की मूर्ति बनाकर पूजा करने लगे. तब मूसा ने दस आज्ञाओं की तख्तियों को पर्वत के नीचे पटक कर तोड़ डाला. उस दिन, परमेश्वर के क्रोध के कारण लगभग तीन हजार लोग मारे गए. जब इस्राएली अपने पापों से पश्चाताप करने लगे, परमेश्वर ने मूसा को सीनै पर्वत पर फिर से बुलाया. मूसा ने दूसरी बार दस आज्ञाएं प्राप्त कीं और पर्वत से उतरा. जिस दिन मूसा दस आज्ञाएं लिए सीनै पर्वत पर से नीचे उतरा, वह दिन पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन था, और वह प्रायश्चित्त के दिन की शुरुआत बना. इस्राएली प्रायश्चित्त के दिन के दस दिन पहले से पश्चाताप का नरसिंगा फूंकते थे. वह नरसिंगों का पर्व, यानी पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महिने का पहला दिन था.

नरसिंगों के पर्व की पवित्र सभा में, जो 5 अक्टूबर पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पहला दिन) को आयोजित की गई, माता ने पिता परमेश्वर को हमें शरद ऋतु का पहला पर्व, नरसिंगों का पर्व, सुरक्षित रूप से मनाने की अनुमति देने के लिए धन्यवाद दिया, और सदस्यों को वह नरसिंगा फूंकने के लिए कहा जो पूरे संसार से पश्चाताप करने के लिए अनुरोध करता है ताकि वे सब प्रायश्चित्त का अनुग्रह पा सकें. इसके साथ, माता ने कहा, “परमेश्वर पर्व के द्वारा अपने लोगों को दूसरे लोगों से अलग करते हैं. जो परमेश्वर पर विश्वास करते हैं उन्हें पर्व मनाने चाहिए. कृपया गर्व कीजिए कि आप परमेश्वर की संतान हैं जो पर्व मनाते हैं, और बहुतों की पापों की क्षमा पाने के लिए अगुवाई करने के लिए जोर से पश्चाताप का नरसिंगा फूंकिए.”

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने हमें नरसिंगों के पर्व के अर्थ और शुरुआत के बारे में ज्ञात कराया और कहा, “संसार के सभी लोग पापी हैं.(1यूह 1:8–10) पापियों को पश्चाताप करवाने के लिए और बचाने के लिए परमेश्वर ने पर्वों को स्थापित किया. चूंकि परमेश्वर ने हमसे वादा किया कि अगर हम अपने सभी पापों को अंगीकार करेंगे, वह हमें क्षमा करेंगे, आइए हम उनके वादे पर विश्वास करें और जोर से पश्चाताप का नरसिंगा फूंकें ताकि बहुत लोग पापों की क्षमा पा सकें.”(यश 59:1–2; भजन 7:11–12; यहेज 18:30–32)

इसके अलावा, उन्होंने हमें याद दिलाया कि हमारे पाप इतने बहुत गंभीर हैं कि ये किसी भी चीज से मापे नहीं जा सकते, और दस हजार तोडे. के कर्जदार वाले एक मनुष्य के दृष्टांत के द्वारा हमें जगाया कि क्यों हमें अपने पापों से पश्चाताप करना चाहिए.(मत 18:23–34) प्रधान पादरी ने प्रचार किया कि सच्चा पश्चाताप परमेश्वर की ओर अपने मन को फिराना है(लूक 15:11–24), और बार बार हमें इन शब्दों का विचार करने को कहा, “जो सिय्योन में रहेंगे जहां परमेश्वर रहते हैं वे पापों की क्षमा और अनंत जीवन की आशीष पा सकते हैं. कृपया बहुत पापियों की अगुवाई माता परमेश्वर की बांहों में करें जो सिय्योन में निवास करती हैं.”(यश 33:20–24; यिर्म 4:5–6; प्रक 22:17)
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प्रायश्चित्त का दिन 2013
कोई भी पाप न करने का मार्ग है, मसीह के स्वभाव के साथ वैसा ही करना जैसा मसीह ने किया

सदस्यों ने, जिन्होंने नरसिंगों के पर्व से 10 दिनों तक भोर को और शाम को अपने पिछले सभी पापों और अपराधों को अंगीकार किया और पश्चातापी मन से पछतावे की प्रार्थना की, 14 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का दसवां दिन) प्रायश्चित्त के दिन की पवित्र सभा पवित्रता से रखी.

प्रायश्चित्त का दिन वह दिन था जिस दिन मूसा दूसरी बार दस आज्ञाएं लिए सीनै पर्वत से नीचे उतरा. पुराने नियम के समय में, महायाजक इस्राएलियों के सभी पापों के प्रायश्चित्त के लिए वर्ष में सिर्फ एक बार परम पवित्रस्थान में प्रवेश करता था. उस दिन, महायाजक दो बकरे लेता था और उन पर चिट्ठियां डालता था: एक चिट्ठी परमेश्वर के लिए और दूसरी अजाजेल के लिए थी जो शैतान को दर्शाता है. और महायाजक अपने दोनों हाथों को अजाजेल के ऊपर रखकर इस्राएलियों के सारे पापों को अंगीकार करता था और उसे दूर जंगल में छोड़ देता था. यह एक छाया थी और उसकी असलियत यह है कि मसीह जो पवित्रस्थान की असलियत हैं, मानवजाति के सभी पापों को उठाते हैं और उन्हें प्रायश्चित्त के दिन पर शैतान के ऊपर, जो पापों का स्रोत है, लाद देते हैं.(लैव 16:1–; यिर्म 17:12)

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने प्रायश्चित्त के दिन के अर्थ और शुरुआत के बारे में उपदेश दिया और हमें यह कहते हुए जागृत किया, “पिता और माता परमेश्वर ने अपनी संतानों को पापों की क्षमा देने के लिए पापियों की सभी पीड़ाओं को चुपचाप उठाया है. हमें उनके महान अनुग्रह को कभी नहीं भूलना चाहिए. हमें फिर से पाप नहीं करना चाहिए, बल्कि सभी मानव जाति की अगुवाई परमेश्वर की बांहों में करनी चाहिए.”

दोपहर की आराधना के दौरान, माता ने स्वयं आराधना का संचालन किया और एक उपदेश दिया. सबसे पहले, माता ने पिता परमेश्वर को हमें प्रायश्चित्त का दिन मनाने की अनुमति देने के लिए और सभी संतानों के पापों को शैतान के रूप में दर्शाए गए अजाजेल के ऊपर लादने के लिए धन्यवाद दिया. और उन्होंने ईमानदारी से प्रार्थना की कि परमेश्वर की सभी संतान जो शुद्ध हो गई हैं, फिर कभी दुष्टता में लिप्त न हों, लेकिन हमेशा मुश्किलों में भी धन्यवाद दें और बहुत आत्माओं की अगुवाई परमेश्वर की ओर करें.

उसके बाद, माता ने, “हमारे शक्तिमान परमेश्वर जो हमारे साथ हैं,” शीर्षक के तहत उपदेश दिया. इस विषय के द्वारा, माता ने हमें सिखाया कि हम क्षमा और शुद्ध किए गए हैं तो हमारी मानसिकता और कार्य कैसा होना चाहिए..


माता ने हमें याद दिलाया कि सिय्योन जो पर्वों की जगह है, शांति और सुरक्षा की जगह है जहां परमेश्वर की सुरक्षा के नीचे परमेश्वर की संतान निवास करती हैं. उन्होंने कहा, “सिय्योन में हमारे सर्वशक्तिमान परमेश्वर हमेशा हमारे साथ हैं, दुष्टता और विपत्तियों से हमारी रक्षा करते हैं और पर्वों के द्वारा हमें पापों की क्षमा और उद्धार की आशीष देते हैं. इसके लिए, आइए हम अन्त तक सिय्योन में रहें और पिता को सदा के लिए प्रसन्न करें.”(यश 33:20–24; 41:10–14; 43:1–6) और उन्होंने यह भी कहा, “मनुष्य कुछ नहीं पर पाप करता है. लेकिन अगर आपके पास मसीह का स्वभाव हो, तो आप हमेशा पाप से दूर रहेंगे.”(फिलि 2:5–8; गल 2:20; 5:14; इफ 4:22–24) आखिर में उन्होंने यह कहते हुए हमें आशीष दी, “अपने हृदय में परमेश्वर का मन संजोकर वैसे चलिए जैसे परमेश्वर चले. अपने भाइयों और बहनों से प्रेम कीजिए, एकता में एक दूसरे के साथ मिलजुल कर रहिए, मानव जाति को बचाने के मिशन को पूरा कीजिए, और पिता परमेश्वर को बड़ी खुशी दीजिए.”
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झोपड़ियों का पर्व 2013
पवित्र आत्मा धारण करके, मंदिर की सामग्रियों, यानी परमेश्वर के लोगों को इकट्ठा करने का खुशी का पर्व

19 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का पंद्रहवां दिन) को झोपड़ियों का पर्व आयोजित किया गया, जिस दिन पर परमेश्वर अपनी संतानों पर, जो प्रायश्चित्त के दिन के द्वारा शुद्ध हो गई हैं, पवित्र आत्मा उंडेलते हैं.

झोपड़ियों के पर्व की शुरुआत मिलापवाले तम्बू के निर्माण के कार्य से हुई. जब मूसा दूसरी बार दस आज्ञाओं को लेकर पर्वत से नीचे आया, तब उसने दस आज्ञाओं को रखने के लिए मिलापवाले तम्बू को बनाने की परमेश्वर की आज्ञा को बताया. उस समय, इस्राएली जिनके मन ने उन्हें प्रोत्साहित किया, अपनी ही इच्छा से सात दिनों तक बहुतायत से भेंटें ले आए. इस घटना को स्मरण रखने के लिए, पुराने नियम के समय में इस्राएली विभिन्न प्रकार की डालियों से झोपड़ियां बनाकर उनमें रहते हुए, एक साथ आनंद मनाते हुए और एक दूसरे की मदद करते हुए यह पर्व मनाते थे.

मंदिर की सामग्रियां और पेड़ परमेश्वर के लोगों को दर्शाते हैं.(यिर्म 5:14; इफ 2:20–22) पुराने नियम के समय में, जैसे इस्राएलियों ने झोपड़ियों के पर्व में मिलापवाले तम्बू बनाने के लिए सामग्रियां इकट्ठी करते थे, वैसे ही नए नियम के समय में हम झोपड़ियों के पर्व के दौरान, सात दिनों का प्रचार–समारोह आयोजित करके, स्वर्गीय मंदिर की सामग्रियों के रूप में दर्शाए गए परमेश्वर के लोगों को सिय्योन में लाते हैं.

माता ने पिता को हमें अच्छी आत्मिक फसलों की कटाई करने के पर्व को मनाने की अनुमति देने और उन्हें स्वर्गीय खलिहान में लाने के लिए धन्यवाद दिया, और माता ने हम से निवेदन किया कि हम प्रेम में एक होकर और पवित्र आत्मा से अपनी कमियों को भरकर सुंदर व सम्पूर्ण प्राणी में परिवर्तित हो जाएं. माता ने आग्रहपूर्वक प्रार्थना की कि हम सभी प्रेम के साथ आत्माओं को बचाने के लिए पवित्र आत्मा के आगमन के आंदोलन में भाग लें और पूरे संसार में तितर बितर हुए स्वर्गीय परिवार के सभी सदस्यों को ढूंढ़कर पर्व को खुशी से मनाएं, और माता ने प्रार्थना की कि पवित्र आत्मा का वरदान, जो हम में से हर एक के लिए जरूरी है, हम पर उंडेला जाए.

प्रधान पादरी किम जू चिअल ने हमें यह कहते हुए सुसमाचार के प्रचारकों की मानसिकता के बारे में जागृत किया, “जो झोपड़ियों का पर्व मनाते हैं उन्हें स्वर्गीय मंदिर की सामग्रियों, यानी परमेश्वर के लोगों को ढूंढ़ने का मिशन दिया जाता है.” मिलापवाले तम्बू को बनाने के इतिहास में, जिनके मन ने उन्हें प्रोत्साहित किया, उन्होंने अपनी ही इच्छा से सबसे अच्छी भेंटें लाईं.(निर्ग 35:20–29) पादरी किम ने यह कहते हुए, “एक भी आत्मा में परमेश्वर के प्रेम और सही विश्वास का रोपण करना परमेश्वर को सबसे अच्छी भेंट प्रदान करना है,” हम से निवेदन किया कि जैसे किसान अच्छी फसलों की कटाई करने के लिए लंबे समय तक धैर्य से परिश्रम करते रहते हैं, वैसे ही हमें सुसमाचार प्रचार के मिशन में अपने सभी प्रयासों को डालना चाहिए.(2तीम 4:1–8; 1थिस 2:1–4) उपदेश देने के दौरान, उन्होंने यीशु मसीह की तुलना, जिसने 2,000 वर्ष पहले झोपड़ियों के पर्व में पुकार कर कहा, “यदि कोई प्यासा हो तो मेरे पास आए और पीए,”(यूह 7:37) उन पवित्र आत्मा और दुल्हिन से की जो अंतिम दिनों में कहते हैं, “जो प्यासा हो वह आए और... जीवन का जल सेंतमेंत ले.”(प्रक 22:17) और उन्होंने गवाही दी कि बाइबल में जीवन के जल का स्रोत दुल्हिन, यानी यरूशलेम माता है. उसके बाद, उन्होंने यह भी कहा, “जब तक हम जीवन का जल देनेवाले मसीह को नहीं महसूस करेंगे, तब तक हम न तो झोपड़ियों के पर्व का पवित्र आत्मा पा सकते हैं न ही उद्धार. आइए हम जिस दिन हम माता परमेश्वर के अस्तित्व का प्रचार करते हैं, उस झोपड़ियों के पर्व के अर्थ को अपने मन पर उत्कीर्ण करके माता से जीवन का जल प्राप्त करें.”(जक 14:6–8; 16–19; गल 4:26)

उस दिन से सात दिनों तक, चर्च के सभी सदस्यों ने भोर को और शाम को खुशी और कृतज्ञता से पवित्र आत्मा की शक्ति और मन मांगते हुए अपने परिवारवालों, रिश्तेदारों, और पड़ोसियों को अपने पूरे मन से परमेश्वर का प्रेम दिया.

26 अक्टूबर(पवित्र कैलेंडर के अनुसार सातवें महीने का बाईसवां दिन) को, सात दिनों की प्रचार सभा के बाद पर्व के अंतिम दिन पर, जिन्होंने दुनिया भर में पूरे मन से परमेश्वर का पर्व मनाया, माता ने उन सभी सिय्योन के सदस्यों को झरने की तरह पिछली वर्षा के पवित्र आत्मा की आशीष दी. माता ने हमें उस आशीष के लिए प्रबुद्ध किया कि हम विपत्तियों से बच जाएंगे क्योंकि हमने झोपड़ियों का पर्व मनाया और पवित्र आत्मा पाया है. और उन्होंने प्रार्थना की कि सब कुछ जो स्वर्ग जाने के लिए हमारे लिए जरूरी है, वह पवित्र आत्मा के द्वारा तैयार किया गया है, और जो पवित्र आत्मा हमने इस दिन पर पाया है, उसका उपयोग प्रेम से मानवजाति को ढूंढ़ने के लिए किया जाए.

दोपहर की आराधना में, माता ने “परमेश्वर से डरने का विश्वास” शीर्षक के तहत उपदेश दिया. माता ने कहा, “नूह और अब्राहम जैसे विश्वास के पूर्वजों ने परमेश्वर से डरने के विश्वास के साथ परमेश्वर के वचनों का पालन करके महान आशीष प्राप्त की. यह इस युग में हमारे लिए एक उदाहरण के रूप में कार्य करता है. जैसे उन्होंने परमेश्वर को प्रसन्न किया और बचाए गए, वैसे ही सिय्योन के सदस्यों को सचमुच परमेश्वर से डरना चाहिए और उनके सभी वचनों पर विश्वास करके और उनके वचनों का पालन करके उन्हें प्रसन्न करना चाहिए.” माता ने हमें यह कहते हुए प्रोत्साहित किया, कि तारों की विशाल दुनिया, स्वर्ग का महिमामय राज्य उन संतानों के लिए तैयार किया गया है जो परमेश्वर के वचनों का पालन करती हैं. .

सदस्य बाइबल की भविष्यवाणी और माता के वचनों के द्वारा पूरी तरह से आश्वस्त हुए कि उन्होंने पिछली वर्षा का पवित्र आत्मा पाया है, और एक ताजा संकल्प बनाया कि वे पवित्र आत्मा के आंदोलन में अपने आपको समर्पित करेंगे और परमेश्वर के वचनों का पालन करके और पवित्र आत्मा की सहायता से उद्धार के सुसमाचार का प्रचार करके परमेश्वर को प्रसन्न करेंगे.
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